उत्तर प्रदेश/गुरु पूर्णिमा सिक्खों के प्रथम गुरु नानकदेव जी महाराज के 551वें जन्मोत्सव पर आज भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी द्वारा किसानों के लिए बनाए गए तीन कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की गई।
पीएम मोदी के इस घोषणा से जहां विपक्ष इसे मोदी का हार व किसानों के सच की जीत बता रहे हैं । वहीं भाजपा के तमाम नेता इस कार्य को मोदी द्वारा किसानो के लिए अभी भी हितकारी और भाजपा एक बड़ा कदम बता रहे हैं।
भाजपा जिलाउपाध्यक्ष व युवा नेता बृजेन्द्र तिवारी ने आंदोलन की अगुवाकारी कर रहे लोगो पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए कानून को किसानों के लिए लाभकारी बताया है।उन्होंने कहा है कि इस कानून को किसान पूरी तरह समझ नही पाये और राजनैतिक विरोधियों के बहकावे में आ जाने की बात कही है। भाजपा नेताओं ने  फिलहाल किसानों के लिए बिल की वापसी भाजपा का महत्वपूर्ण निर्णय बताया  हैं।
भाजपा नेता के बृजेन्द्र तिवारी के अनुसार यह कृषि बिल निश्चितरूप से ही किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी और ऐतिहासिक रहा है। लेकिन तमाम विपक्ष के नेता और आंदोलनजीवियों  द्वारा किसानों को बरगलाया गया है।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष व युवा नेता बृजेन्द्र तिवारी ने इस संबंध में कहा कि किसानों को कुछ आंदोलन जीवी लोगों ने किसानों को अभी भी बरगला रखा है। जो किसानों के माध्यम से आंदोलन कराते रहे हैं। और कुछ लोगों ने इसे अपनी राजनीति चमकाए रखने का व्यवसाय बना रखा है। कृषि कानून वास्तव में किसानों के लिए लाभदायक है परंतु किसानों के समझ में यह कानून गलत है तो पार्टी ने ऐसा निर्णय किसानों की मंशानुरूप ही लिया है।
ऐसे में मोदी जी द्वारा तीनो कृषि कानून वापस लेना एक अच्छा कदम है।
वहीं इसके उलट बयान में  यूपी यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ,पूर्व जिलापंचायत सदस्य नवानगर ,बलरामपुर जिले के जाने पहचाने युवा नेता व तुलसीपुर विधानसभा के प्रत्यशी माने जा रहे दीपांकर सिह "दीपेंद्र" ने तीनों कृषि कानून को किसानों के लिए हानिकारक और अहितकारी बताते हुए कहा कि किसान बिल पर पहले से ही कांग्रेस पार्टी का स्टैंड बिल्कुल साफ रहा है।
 किसानो को जो बिल पसंद ही नही है जो उनके लिए हानिकारक है उसे जबरन क्यों थोपा जा रहा है राहुल जी व शीर्ष नेतृत्व हमेशा से इसके खिलाफ रहा है।
किसानों को बधाई। मृतक किसनो को श्रद्धांजलि। 
यह किसानों की एक बहुत बड़ी जीत है। साथ ही सत्ता के घमंड में चूर भाजपा सरकार की एक बहुत बड़ी हार है। मध्यावधि चुनाव में भाजपा की हार के साफ संकेत मिल गए है । अब इस का फायदा राजनीति में नही मिलनेवाला। जब मोदी जी को लगा कि किसान इसका बदला अन्य प्रदेशों में भी वोट के द्वारा लेंगे ,इसलिए इन तीनो कानूनों को भाजपा द्वारा वापस ले लिया गया है। 
किसान ,कर्मचारी,और आम आदमी भजपा के चाल चरित्र और चेहरे को भली भांति पहचान चुकी है अब इनका फर्जी फैक्टर नही चलने वाला।अब सभी दलों को ईवीएम के खिलाफ एक साथ आकर मोदी को फिर से बैकफुट पर लाने की जरूरत है जिससे इनके फ्राड का तिलस्म पूरी तरह से खत्म हो जाये। हालांकि जनता को अब बेवकूफ नही बनाया जा सकता।सब जान चुके हैं मंहगाई, बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा किसी से छिपी नही है।
मैं उन भाजपा के लोगों से पूंछता हु कि आपको इस कानून को बनाकर क्या मिला। आखिर उन बेचारे किसानों के परिवारीजनों का क्या होगा जो इस कानून की वापसी में आंदोलन के दौरान शहीद हो गए।
उन्हें शहीद घोषित किया जाय प्रत्येक के परिजन को सरकारी नौकरी दिया जाय और आर्थिक सहायता भी दिया जाय।

उमेश चंद्र तिवारी
9129813351
हिन्दीसंवाद न्यूज़
उत्तर प्रदेश

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