अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे वाले भाजपा विधायक संगीत सोम पर सड़क जाम करने के मामले में आरोप तय नहीं हो सके। मंगलवार को संगीत सोम अदालत में पेश हुए लेकिन दो अन्य आरोपियों के पेश नहीं होने की वजह से उनके विरुद्ध आरोप तय नहीं हो सका। विशेष न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 26 नवम्बर तय की है। संगीत सोम पर 2009 में बसपा शासन के दौरान बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान सिविल लाइन क्षेत्र में सड़क जाम करने में कथित संलिप्तता को लेकर अदालत में पेश हुए थे, लेकिन सह-आरोपी वीरेंद्र सिंह और जयपाल सिंह पेश नहीं हो सके। अभियोजन के अनुसार पुलिस ने 17 मार्च, 2009 को सड़क जाम करने को लेकर सोम एवं उनके तीन निजी अंगरक्षकों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कई जनप्रतिनिधियों की मुश्किलें बढ़ीं

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों कहा कि बिना हाईकोर्ट की अनुमति के सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले राज्य सरकार वापस नहीं ले सकेगी। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से जिले में विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे मामलों में शामिल जनप्रतिनिधियों की मुश्किल बढ़ सकती हैं। जिले में कई माननीयों पर मुकदमे लंबित हैं। केवल सात सितंबर 2013 की नंगला मंदौड़ महापंचायत का कोर्ट में लंबित एक मामला अभी वापस लिया जा सका है। इस मुकदमे में प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा, सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम और बिजनौर के पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह व साध्वी प्राची आदि आरोपी बनाए गए थे।

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