बेसिक शिक्षा विभाग इस महीने बजट की कमी से जूझ रहा है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को सितंबर महीने का वेतन अब तक नहीं मिल सका है, जबकि आमतौर पर वेतन महीने की पहली से पांच तारीख के बीच में खातों में चला जाता है। विभाग के आठ हजार से ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों के सामने अब दशहरा बिना तनख्वाह के मनाने का संकट आन खड़ा है।वाराणसी के परिषदीय स्कूलों में लगभग आठ हजार शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और कर्मचारी काम करते हैं। हर महीने इनकी तनख्वाह के लिए विभाग को लगभग 48 से 50 करोड़ रुपयों की जरूरत है। मगर इस महीने बजट खत्म हो चुका है। इस सिलसिले में वित्त एवं लेखाधिकारी अनूप मिश्र का कहना है कि हर छह महीने में शासन की तरफ से बजट जारी किया जाता है। मार्च में जारी छह महीने का बजट पिछले महीने खत्म हो गया, जिसके बारे में सूचना भेज दी गई थी। वेतन का बिल भी बना दिया गया है। शासन से जल्द बजट मिल जाने की उम्मीद है।

मिशन प्रेरणा, मिशन शिक्षण संवाद से लेकर डीबीटी तक के सभी कार्यों के साथ शिक्षण का काम कर वाराणसी के शिक्षकों ने यहां के बेसिक शिक्षा विभाग को हर बार शाबाशी दिलाई। प्रदेशस्तर पर जारी होने वाली हर सूची में वाराणसी का नाम पहले तीन में रहा है। मगर बजट की कमी से सितंबर की तनख्वाह नहीं मिलने से शिक्षकों में नाराजगी है। खासतौर पर दुर्गापूजा के साथ ही त्योहरों की तैयारी के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। बीएसए राकेश सिंह शिक्षकों को संदेश भेजकर यह बता रहे हैं कि एक से दो दिन के भीतर बजट आ जाएगा और वेतन जारी कर दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए विभाग के पास बुधवार तक का ही समय है। बुधवार को बजट नहीं आया तो शिक्षकों को दशहरा सूखा मनाना होगा।

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