नवरात्र की महानवमी पर पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पंडालों में नवमी पूजन के विधान पूर्ण हुए। सार्वजनिक पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों के साथ ही यज्ञ कुंड में आहुतियां अर्पित की गईं। शाम ढलते ही जनता भी माता के दर्शन, पूजन के लिए पंडालों में पहुंचने लगी। जैसे-जैसे रात होने लगी पंडालों में भी रेला उमड़ने लगा। रात भर जागकर लोगों ने पंडालों में माता के दर्शन किए।सार्वजनिक पूजा पंडालों में हवन और पुष्पांजलि तो घरों में कन्या पूजन कर नवरात्र की पूर्णाहुति हुई। पंडालों में हवन और पुष्पांजलि के बाद पूरे दिन भोग प्रसाद ग्रहण करने का सिलसिला जारी रहा।लक्सा, जंगमबाड़ी, सोनारपुरा, भेलूपुरा, शिवाला, गोदौलिया, मैदागिन, चौक, बीएचयू, चेतगंज, नई सड़क, अर्दली बाजार, नदेसर, शिवपुर, चांदपुर, मंडुवाडीह, लहरतारा में शाम से ही पंडालों में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था।बंगाली पंडालों की रौनक तो अलग ही नजर आ रही थी। धुनुची नृत्य और ढाक की थाप पर आयोजित सांस्कृतिक आयोजन में समाज के लोग थिरकते रहे। भारत सेवा आश्रम संघ सिगरा और रामकृष्ण मिशन लक्सा में हवन देखने के लिए बड़ी संख्या में बंगीय समुदाय के लोग पहुंचे।

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