पीलीभीत
राईस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार को भेजा मांग पत्र समस्याओं से कराया अवगत , प्रशासन ने दवाव बनाया तो करेंंगे लाईसेंस समर्पण।
संदीप शर्मा,  पीलीभीत उ०प्र०
दिनांक,- 26.09.2021


पूरनपुर क्षेत्र के राइस मिलर्स की मीटिंग नगर के एक होटल में आयोजित की गई जिसमें क्षेत्र के सभी राइस मिलर्स ने भाग लिया। मीटिंग के दौरान सभी की सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा सरकार के समक्ष कस्टम मीलिंग मैं आ रही कठिनाइयों तथा रिकवरी प्रतिशत को लेकर के जो भी मांग पत्र दिए गए हैं उनके साथ एक जब तक सरकार द्वारा कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता तब तक कोई भी राइस मिलर्स अपना कारोबार नहीं करेगा। मीटिंग संबोधन में कहा गया अब से 40 वर्ष पूर्व कस्टम मिलिंग की मजदूरी ₹10 प्रति कुंतल निर्धारित की गई थी जो अभी भी वही है। बढ़ती डीजल की महंगाई और मजदूरी को लेकर न्यूनतम ₹250 प्रति कुंटल की जाने की मांग की गई। वहीं हाइब्रिड धान की बढ़ती हुई खेती के कारण चावल का रिकवरी प्रतिशत प्रति कुंटल 67 किलो से घट कर 60 किलो ही रह गया है इसी के चलते लगातार चावल को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही ₹10 की मजदूरी लेकर धान की कस्टम मिलिंग करना भी संभव नहीं है। इसी के चलते उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार को अपनी समस्याओं को लेकर एक पत्र भेज कर सरकार को अवगत कराया है कि धान खरीद सरकारी एजेंसियों के बजाय मिलर्स व आढ़तियों कराई जाये तो तो किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिल सकेगा। मीटिंग में वक्ताओं ने कहा किसान और राइस मिलर एक दूसरे के पूरक हैं राइस मिलों ने बैंकों तथा द्वितीय संस्थाओं का करोड़ों रुपए लगा हुआ है और एक राइस मिल से कम से कम 1000 परिवार जुड़े हुए हैं घाटे में जा रहा चावल उद्योग के चलते हैं मजदूर और राइस मिलर्स आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं लाखों लोगों को रोजगार देने वाला उद्योग आज अंतिम पायदान पर खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा की यदि सरकार कोई सार्थक पहल नहीं करती है तो चीनी उद्योग के बाद सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग न केवल नष्ट होगा बल्कि इससे प्रदेश के करोड़ों किसानों और लाखों मजदूरों के रोजी रोटी पर भी संकट बढ़ेगा चलते सरकार को ठोस कदम उठाने की मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार से अपील की है। पीलीभीत क्षेत्रीय सांसद वरुण गांधी को आगामी आगमन पर चावल उद्योग अपनी समस्याएं रखेगा और उनको उम्मीद है कि उनकी चावल उद्योग से संबंधित समस्याओं का निदान क्षेत्रीय सांसद कराएंगे। नहीं मीटिंग में सांसद फिरोज वरुण गांधी का आभार व्यक्त किया गया जिन्होंने किसानों का राइस मिलर्स की समस्याओं को सरकार के समक्ष रखा जिसको लेकर मिलर्स उनके आभारी हैं। सभी मिलर्स ने यह निर्णय लिया कि जब तक सरकार उद्योग की नियोजित मांगों को स्वीकार नहीं करती वह किसी भी प्रकार का जियो टैगिंग या एग्रीमेंट नहीं करेंगे यदि प्रशासन द्वारा इसके लिए मिलर्स पर दबाव बनाया जाता है तो सारे मिलर एकजुट होकर अपने-अपने लाइसेंस समर्पण कराने को तैयार हैं। वही सांसद और राइस मिलर्स द्वारा उनसे हुई भेंट वार्ता के दौरान उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी राइस मिलर्स या किसान का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। जिसके चलते सभी राइस मिलर्स ने सांसद वरुण गांधी को ज्ञापन दिया और उनका धन्यवाद किया।
नहीं मीटिंग में क्षेत्र के सत प्रतिशत राइस मिलर्स उपस्थित रहे मुख्य रूप से अजमेर सिंह छीना, सुखदेव सिंह, हर्ष गुप्ता, फारूक अहमद, शैलेंद्र गुप्ता, उमेश गुप्ता, मोहित अग्रवाल, सुखदेव जयसवाल, आसिम खां, राजू मुखिया, महेंद्र खंडेलवाल, सोनू जयसवाल, बृजेश गुप्ता, रोशन लाल अग्रवाल, मोईन अशरफी, राजीव अग्रवाल, राजीव गुप्ता, सचिन अग्रवाल, रितेश गुप्ता, उमाशंकर गुप्ता, अमरजीत सिंह, व डिंपल शर्मा सोनू ठाकुर सहित सभी राइस मिलर्स उपस्थित रहे।

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