उतरौला (बलरामपुर)
एक सितंबर से परिषदीय स्कूल, बच्चों के शिक्षण कार्य हेतु कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय खुल गए। सुबह स्कूलों में पढ़ने के लिए नन्हे मुन्ने बच्चे तैयार होकर विद्यालय पहुंचे थे।
 अभी तक शासन के निर्देश पर स्कूल तो खुले हुए थे लेकिन अभी बच्चों के स्कूल में आने पर रोक थी। बच्चे घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। उधर विद्यालयों में शिक्षक विभागीय काम निपटाने और छात्रों के नामांकन पर कार्य कर रहे थे।
कोरोना की दूसरी लहर के चलते स्कूलों में लंबे समय से ताले लटक रहे थे। बीते दिनों बेसिक शिक्षा के सचिव ने परिषदीय विद्यालयों के कक्षा एक से एक सितंबर से खोलने के निर्देश जारी किया था। बुधवार को क्षेत्र के सभी विद्यालय समय पर खुल गए। लेकिन विद्यालयों में बच्चों की रौनक कम नजर आयी। कम्पोजिट विद्यालय कन्या उतरौला मैं कुल नामांकित 56 में 27 बच्चे उपस्थित थे। कोविड प्रोटोकोल का पालन करते हुए शिक्षक रेशमा बानो शिक्षण कार्य कर रही थी। आदर्श प्राथमिक विद्यालय उतरौला नगर में नामांकित 65 के सापेक्ष 36 बच्चे उपस्थित थे। कम अपोजिट विद्यालय उतरौला में 42 के सापेक्ष 21 बच्चे उपस्थित थे। सैनिटाइजेशन के लिए विद्यालय में सैनिटाइजर की व्यवस्था उपलब्ध थी। विद्यालय भवन बेहद जर्जर अवस्था में बरसात के कारण टपक रहा था। विद्यालय में रखी गई किताबें भीग गई थी। विश्व विद्यालय के शिक्षक किताबों को बाहर धूप में रख कर सुखा रहे थे। बच्चों के लिए एमडीएम रहा था। 
प्रधानाध्यापक गार्गी गुप्ता ने कहा कि विद्यालय भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है बरसात के कारण भवन टपक रहे हैं। छत के अधिकांश हिस्सों से खपरैल गायब है। कम अपोजिट विद्यालय उतरौला की प्रधानाध्यापिका रेहाना यासमीन ने बताया की विद्यालय भवन एवं संपत्ति का विवाद माननीय न्यायालय में होने के कारण नए भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। सहायक अध्यापिका साजिया सिद्दीकी, रेशमा बानो सहित सभी स्टाफ मौजूद थे।
असगर अली
उतरौला

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