ठटरा गांव के सरोज बस्ती निवासी रमेश चंद्र सरोज की पुत्री खुशी अपनी मां सुनीता के साथ आधार कार्ड और पासबुक संबंधित किसी काम को लेकर विद्यालय जा रही थी। विद्यालय के गेट के समीप पहुंचते ही एक सूखे पेड़ का डाल छात्रा के ऊपर गिर गया।
हादसे में वो गंभीर रूप से घायल हो गई। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। मां सुनीता देवी घायल बेटी को लेकर चित्कार करने लगी। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान सुनील कुमार बिंद एवं प्रधानाध्यापिका रेनू गुप्ता ने आनन-फानन घायल छात्रा को निजी चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने छात्रा को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया।
ट्रॉमा सेंटर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय खुलने के पहले दिन ही गांव के ठेला-पटरी व्यवसायी रमेश चंद सरोज की की पुत्री की मौत हो गई। शिक्षा विभाग के सिस्टम से ग्रामीण परेशान हैं। उनका मानना है कि व्यवस्था परिवर्तन को लेकर बार-बार परिजनों एवं छात्राओं को विद्यालय में पढ़ाई को लेकर परेशानी झेलनी पड़ती है। कभी मिड डे मील का राशन लेने के लिए विद्यालय में बच्चों को लाइन लगाना पड़ता है तो कभी डेटा फीडिंग कराने के लिए कोरोना काल में बच्चों को विद्यालय बुलाया जाता है।मासूम बेटी की मौत के बाद व्यवसायी रमेश चंद सरोज और उनकी पत्नी सुनीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह दो भाई और एक बहन में सबसे छोटी थी। ग्राम प्रधान सुनील कुमार बिंद ने छात्रा के परिजन को आर्थिक सहायता और अन्य योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रयास करने की बात कही।
हादसे में वो गंभीर रूप से घायल हो गई। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। मां सुनीता देवी घायल बेटी को लेकर चित्कार करने लगी। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान सुनील कुमार बिंद एवं प्रधानाध्यापिका रेनू गुप्ता ने आनन-फानन घायल छात्रा को निजी चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने छात्रा को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया।
ट्रॉमा सेंटर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय खुलने के पहले दिन ही गांव के ठेला-पटरी व्यवसायी रमेश चंद सरोज की की पुत्री की मौत हो गई। शिक्षा विभाग के सिस्टम से ग्रामीण परेशान हैं। उनका मानना है कि व्यवस्था परिवर्तन को लेकर बार-बार परिजनों एवं छात्राओं को विद्यालय में पढ़ाई को लेकर परेशानी झेलनी पड़ती है। कभी मिड डे मील का राशन लेने के लिए विद्यालय में बच्चों को लाइन लगाना पड़ता है तो कभी डेटा फीडिंग कराने के लिए कोरोना काल में बच्चों को विद्यालय बुलाया जाता है।मासूम बेटी की मौत के बाद व्यवसायी रमेश चंद सरोज और उनकी पत्नी सुनीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह दो भाई और एक बहन में सबसे छोटी थी। ग्राम प्रधान सुनील कुमार बिंद ने छात्रा के परिजन को आर्थिक सहायता और अन्य योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रयास करने की बात कही।
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