कोरोना संक्रमण से मुक्त बड़े लोगों में ही पोस्ट कोविड सिंड्रोम के लक्षण नहीं दिख रहे हैं बल्कि इसका असर बच्चों पर भी पड़ रहा है। बच्चे मल्टीसिस्टम इनफ्लामेट्री सिंड्रोम (एमआईएस-सी) की चपेट में आ रहे हैं। इसे ‘मिस्सी बीमारी कहा जा रहा है। इसे प्रभावित एक बच्चा बीएचयू और करीब 40 बच्चे निजी अस्पतालों में इलाज कराने आ चुके हैं।मिस्सी की चपेट में वही बच्चे आ रहे हैं जिन्हें कोरोना से स्वस्थ हुए तीन से चार सप्ताह बीत चुका है। बच्चों को शुरुआत में तेज बुखार आ रहा है लेकिन माता-पिता इसे सामान्य बुखार समझ रहे हैं। इस दौरान बच्चे गंभीर हो जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार कोरोना संक्रमित होने के बाद बच्चों में इम्युनिटी बनती है। कई बार वह इम्युनिटी बच्चों के शरीर में सेल को डेड कर देती है। इस कारण बच्चे को तेज बुखार आता है। लीवर बढ़ जाता है। उल्टी, पेट में दर्द सहित अन्य परेशानियां होने लगती हैं। कई बच्चों का बीपी डाउन हो जाता है।

ये लक्षण दिखें तो...

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक भारद्वाज ने बताया कि बच्चे को तेज बुखार के साथ गले में गांठ, शरीर में दाना निकलना, नाड़ी का धीमा या तेज हो जाना, बीपी कम होना, उल्टी-दस्त व पेट दर्द के लक्षण मिलें तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर आने पर बच्चे स्वस्थ हो जाते हैं। विलंब करने पर बच्चों को बचाना मुश्किल हो जाता है।

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