निर्माणाधीन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में मंगलवार तड़के जर्जर मकान हो चुका मकान भरभरा कर ढह गया। मलबे में दबने से दो मजदूरों की मौत हो गई तो वहीं सात अन्य लोग घायल हो गए। इनमें से एक की स्थिति गंभीर है जबकि छह मजदूरों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। हादसे के वक्त सभी मजदूर सो रहे थे। इनमें से दो लोगों के उपर मलबे का बड़ा हिस्सा गिरा जिससे उनकी चीख तक नहीं निकली सकी।

हादसे में दो लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया। उन्होंने वाराणसी के मंडलायुक्त को फोन कर हादसे की जानकारी ली। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने मृतकों को 5-5 लाख मुआवजा जबकि घायलों को 50 हजार देने का ऐलान किया। इधर, इस हादसे पर सियासत भी शुरू हो गई है। मंदिर प्रशासन की ओर से हादसे में मृतकों को 5 लाख के मुआवजे के एलान बाद कांग्रेस ने योगी सरकार से मृतकों को 25 लाख रुपये मुआवजे के साथ ही मृतक आश्रितो को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए ललिता घाट स्थित गोयनका छात्रावास का अधिग्रहण किया गया है। सोमवार की रात कार्यदायी संस्था के मजदूर गोयनका छात्रावास के जर्जर हिस्से के नीचे सोए हुए थे। मंगलवार तड़के चार बजे के लगभग छात्रावास का जर्जर हिस्सा अचानक भरभरा कर गिरने से उसके मलबे के नीचे नौ मजदूर दब गए। चीख पुकार सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे कॉरिडोर में तैनात पुलिसकर्मियों और एनडीआरएफ की टीम ने सभी को मलबे से बाहर निकाला और कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचाया। पश्चिम बंगाल के मालदा जिला के कालिया चक निवासी  अब्दुल मोमिन (25) और अमीनुल मोमिन (45) को मृत घोषित कर दिया गया। 

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