शादी में न बैंड बाजा और न ही बराती। बस दोनों तरफ से गिनती के लोग और पुलिसकर्मी इस शादी के गवाह बने।

इस शादी से कुछ घंटे पहले तक वर और वधू पक्ष के लोग आपस में शादी की तैयारी के बारे में चर्चा करने की जगह एक-दूसरे को देख लेने की बात कह रहे थे। लेकिन थानाध्यक्ष की कोशिश व और अन्य परिजनों की पहल के बाद दो प्रेमी दिलों को मिलाने का फैसला हुआ।  दोनों की शादी करा दी गई। कई पुलिसकर्मियों बीच मंडप की जगह थाने में लिए गए इस फेरे को शायद ही यह दंपत्ति कभी भूल पाए। बता दें कि ये पूरा मामला वाराणसी के चौबेपुर का है। इस शादी की चर्चा आसपास के गांवों में भी खूब रहीप्रेमी जोड़ों की शादी के किस्से तो आपने कई सुने होंगे, लेकिन यह जरा दिलचस्प और उससे अलग और पूरा फिल्मी है। दरअसल, प्रेमिका के घर पहुंचे प्रेमी को युवती के परिजनों ने पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया था।  इस दौरान प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे के बगैर नहीं रहने की थाने में ही कसमें खाने लगे तो इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बीच का रास्ता खोज निकाला।दोनों के परिजनों संग थाने में लंबी पंचायत हुई और आखिरकार दोनों के परिजन एक दूसरे को अपनाने को राजी हुए। इसके बाद इंस्पेक्टर ने चुनरी, माला, मिठाई, सिंदूर और अन्य सामग्रियां मंगवाई और पंडितजी आए तो दोनों ने हंसी खुशी थाने परिसर के मंदिर में ही सात फेरे लेकर एक नई जिंदगी शुरू करने का संकल्प लिया।वाराणसी के चौबेपुर थाना के कुर्सियां गांव में अपनी प्रेमिका से मिलने शुक्रवार दोपहर गाजीपुर से पहुंचे प्रेमी विवेक सोनकर (22) को लड़की के परिजनों ने पकड़ लिया। परिजनों की पकड़ में आए प्रेमी ने प्रेमिका से प्यार करने और साथ जीने मरने की कसमें खाई तो परिजन प्रेमी को लेकर सीधे चौबेपुर थाने पहुंचे। यहां लगभग दो घंटे तक चली पंचायत के दौरान बालिग प्रेमी और प्रेमिका के परिजन किसी तरह तैयार हुए तो चौबेपुर इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने खुद मिठाई व चुनरी व माला, सिंदूर मंगाकर थाना परिसर के मंदिर पर ही वैदिक मंत्रोच्चार कर प्रेमी युगल की शादी कराई।

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