बजाज चीनी मिल उतरौला द्वारा ग्राम दौलताबाद में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए पी एस चतुर्वेदी महाप्रबंधक गन्ना ने बताया की बसंतकालीन गन्ना बुवाई में गन्ना बीज का चुनाव करते समय विशेष सावधानी बरतें ।
बीज हमेशा स्वस्थ एवं निरोग खेत से लें तथा गन्ने के ऊपरी एक तिहाई हिस्से को बीज के रूप में प्रयोग करें।कम से कम चार फीट की दूरी पर ट्रेंच विधि द्वारा नाली बनाकर एक आंख के टुकड़े को हेक्साटाप से उपचारित करने के बाद बुवाई करें।बुवाई से पूर्व खेत में दो से तीन लीटर ट्राइकोडरमा जैवशक्ति जो एक जैविक फफूंदी नाशक दवा है इसका प्रयोग गन्ने की खेती में अत्यंत आवश्यक है ट्राइकोडरमा को दो कुंटल सड़ी गोबर के खाद में मिलाकर छायादार स्थान पर ऊपर से टाट व बोरी से छःसात दिन तक ढक कर रख दें तत्पश्चात खेत की अंतिम जुताई के समय खेत में डाल करके खेत जुताई करदें जिससे लाल सड़न रोग से छुटकारा पाया जा सकता है चीनी मिल द्वारा इसे अनुदान पर उपलब्ध करवाया जा रहा है यह गन्ने के लिए चवनप्राश की तरह काम करता है इसको खेत में डालने से रोग उत्पन्न करने वाले फंफूद वृद्धि को रोकता है व रोग के कारक फंफूद को अपना भोजन बना लेता है।इसलिए ट्राइकोडरमा प्रत्येक किसान भाई को अपने सभी खेतों में प्रयोग किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
गोष्ठी में उपस्थित कृषको द्वारा अवगत कराया गया कि पिछले वर्ष खेत में ट्राइकोडरमा डाला गया था इसका लाभ दिखाई दिया था इस अवसर पर दौलताबाद में सिंगल बड की बुवाई ट्रेंच विधि से हो रहे खेत का निरीक्षण करते हुए तथा कृषको को गन्ना में सावधानी रखने तथा नई तकनीक से बुवाई की जानकारी महाप्रबंधक गन्ना पीएस चतुर्वेदी द्वारा खेत पर ही किसानों को दी गई इस अवसर पर कमरुद्दीन उर्फ डम्मर अनिल दुबे आर एस मिश्रा आई जी चौधरी रामायन पाण्डेय दद्दन चौधरी सत्यप्रकाश शुक्ला शारदा त्रिपाठी तथा चीनी मिल के कई अधिकारी मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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