
NCR
News:नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निवेशकों ने
जब फ्लैट खरीदने के लिए निवेश
की योजना बनाई होगी तो
सपने में भी नहीं
सोचा होगा कि यह
कई विभागों की नीतियों की
बलि चढ़ जाएगी। वर्तमान
में करीब एक लाख
फ्लैट खरीदार प्राधिकरण,
बिल्डर और रजिस्ट्री विभाग
की नीतियों के बीच फंसे
हैं। खरीदारों के पास इंतजार
के अलावा और कोई चारा
नहीं बचा है। मामले
में केंद्र और राज्य सरकार
के अलावा सुप्रीम कोर्ट तक को हस्तक्षेप
करना पड़ा,
लेकिन पूरी तरह से
हल नहीं निकला। जिले
में ढाई लाख खरीदारों
को फ्लैट मिलने हैं। वहीं,
तकनीकी
वजहों से एक लाख
फ्लैटों की रजिस्ट्री फंसी
पड़ी है। वहीं,
नोएडा
की बात करें तो
4
साल में 34000
फ्लैटों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट
जारी किया गया है।नोएडा
प्राधिकरण की मानें तो
अभी करीब 25
से 30
हजार करोड़ रुपये
का बकाया बिल्डरों के पास है।
यह बकाया चुकाने के लिए नोएडा
प्राधिकरण ने नियमों में
थोड़ी ढील देकर कई
बार बिल्डरों को मौके दिए,
लेकिन उन्होंने पैसे जमा नहीं
किए। लिहाजा मामला फंस गया।
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