कोरोना वायरस की इस महामारी ने कई स्वरूपों मे लोगों को प्रभावित किया है | विश्व के विकसित देश भी इस वायरस के सामने घुटनों पर नजर आ रहें है | स्वास्थ्य सुविधाओं मे सबसे सशक्त देश का भी इस वायरस से बुरा हाल है | भारत भी इससे अछूता नहीं है | भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है | मजदूरों का पलायन, बढ़ती बेरोजगारी, बंद व्यावसायिक गतिविधियां, अर्थव्यवस्था के लिए एक नई चुनौती है | साथ ही लोगों के जीवन को बचाना न केवल सरकार के लिए बल्कि लोगों को स्वयं कठिन सा लग रहा है | शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार, उत्पादन, सेवायें, उद्योग सहित सभी क्षेत्र अपने कठिन दौर से गुजर रहें है | ऐसे मे यह अति आवश्यक है की लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाया जाए | अन्यथा की परिस्थिति अति भयावह होगी जो न देश हित मे है और न आम लोगों के हित मे होगी |

30 जनवरी 2020 को भारत मे पहला कोरोना वायरस का केस सामने आया था | 29 फरवरी 2020 को इसकी संख्या बढ़कर 3 हो गयी और इस अवधि तक किसी भी व्यक्ति की इससे मृत्यु नहीं हुई थी | 25 मार्च 2020 को जब देश के प्रधानमंत्री जी ने पहले फेस के लिए 21 दिनों के लॉक-डाउन की घोषणा की थी तब कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या देश मे बढ़कर 562 हो चुकी थी और इससे  मरने वालों की संख्या मात्र 9 थी | पुनः 15 अप्रैल 2020 को दूसरे फेस के लिए जब सरकार ने 19 दिनों के लॉक-डाउन की घोषणा की उस समय यह संख्या बढ़कर 11,439 हो चुकी थी और इससे मरने वालों की संख्या 377 थी | 4 मई 2020 को सरकार ने तीसरे फेस के लिए 14 दिनों की लॉक-डाउन की घोषणा की थी तब कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के संख्या बढ़कर 42,533 हो गयी और इससे मरने वालों के संख्या 1373 थी | आज तक कोरोना वायरस से संक्रमित सभी लोगों की संख्या 74,281 है और इस वायरस से मरने वालों की संख्या 2415 है | 3525 नये केस 13 मई 2020 को सामने आए | देश के लिए चिंता का विषय यह है की कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या मे वृद्धि की गति तेज हो गयी है |

भारत मे जिस तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है अगले 2 से तीन दिनों मे हम चीन के वूहान शहर को पीछे छोड़ देगे | जो वायरस के प्रकोप का पहला स्थान रहा है | वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या के आधार पर विश्व मे भारत का स्थान 13 है | वायरस के संक्रमण से मृत्यु के आधार पर भारत का क्रम विश्व मे 17 है | संक्रमित लोगों के ठीक होने के क्रम मे भारत का स्थान विश्व मे 5 है | वायरस से संक्रमण की संख्या अधिक होने के बावजूद देश के लिए अच्छी खबर यह है की अभी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति देश मे नहीं है | देश मे सर्वाधिक संक्रमित 10 राज्य लोगों की संख्या के क्रम मे है महाराष्ट्र (24,427), गुजरात (8903), तमिलनाडु (8718), दिल्ली (7639), राजस्थान (4126), मध्य प्रदेश (3986), उत्तर प्रदेश (3664), पश्चिम बंगाल (2173), आंध्र प्रदेश (2090), और पंजाब (1914) है | कई विशेषज्ञों का मानना है की महराष्ट्र की स्थिति और भयावह हो सकती है |

आम लोगों मे सोशल डिस्टेंसिग, मास्क के उपयोग, नियमित हाथ धुलने, के प्रचार प्रसार के साथ देश के प्रत्येक लोगों को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने के लिए, लॉक-डाउन को सफल बनाने के लिए, लॉक-डाउन अवधि मे सरकार ने – सभी लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए प्रतिबंधित कर दिया | सेवा क्षेत्र की सभी दुकानों को (दवा, अस्पताल, बैंक राशन और एसेंसियल सेवाओ को छोड़कर)  पूर्ण रूप से बंद कर दिया | कमर्शियल और निजी प्रतिष्ठानों को पूर्णरूप से बंद कर दिया और उन्हे घर से कार्य करने की सलाह दी | सभी शैक्षणिक, ट्रैनिंग, रिसर्च इत्यादि कार्य संस्थान बंद कर दिए | सभी धार्मिक स्थल को बंद कर दिया | सार्वजनिक और निजी यातायात के साधनों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया | सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक धार्मिक गतिविधियां बंद कर दी | हालांकि फेस 3 के लॉक-डाउन मे थोड़ी रियायत दी गयी है | पर अर्थव्यवस्था की आवश्यकता के अनुरूप ये रियायत कुछ भी नहीं है |

सेबी के अधीन पंजीकृत क्रेडिट रेटिंग एजेंसी, आरबीआई से मान्यता प्राप्त अकिते रेटिंग एण्ड रिसर्च (Acuité Ratings & Reserch) के अनुसार भारत मे लॉक-डाउन की घोषणा के पहले 21 दिन तक प्रतिदिन रुपया 32,000 करोड़ का नुकसान होगा | यानि की पहले 21 दिन मे 6 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान भारतीय अर्थ-व्यवस्था को होगा | आरबीआई से स्वीकृत क्रेडिट रेटिंग एजेंसी बार्कलेज (Barclays) के अनुसार भारत मे लॉक-डाउन की घोषणा के पहले 21 दिन मे 8.5 लाख करोड़ का नुकसान भारतीय अर्थ-व्यवस्था को होगा | भारत सरकार के पूर्व मुख्य वित्तीय सलाहकार का मानना है की देश को वित्तीय वर्ष 2020-21 मे नकारात्मक विकास दर के लिए तैयार रहना चाहिये | और उसकी भरपाई करने के लिए 720 लाख करोड़ से प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता होगी | यानि की देश की अर्थव्यवस्था को बृहद पैमाने पर दिन प्रतिदिन नुकसान हो रहा है और इस नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार को कई अन्य विकल्पों पर भी विचार करना पड़ेगा | आज जरूरत है “आउट ऑफ बॉक्स” न केवल सोचने की है बल्कि करने की |

हेंक बेकेडम और डॉ. डेविड नाबर्रों (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने भारत के प्रयासो की सराहना की | विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी निदेशक माइक रीयन ने कहा की मात्र लॉक-डाउन से भारत कोरोना वायरस को खत्म नहीं कर सकता | भारत को चाहिये की जरूरी कदम उठाए जिससे वायरस के दूसरे और तीसरे चरण मे जाने से रोक जाए | इसी अवधि मे कई एजेंसियों ने भारत को अर्थव्यवस्था के बुरे प्रभाव के बारे मे भी आगाह किया | प्रवासी मजदूरों / नागरिकों की स्थिति किसी से भी छिपी नहीं है | भारत सरकार देश मे इस अवधि मे दो बार आर्थिक पैकेज की घोषणा कर चुकी है |

कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था और जीवन की सुरक्षा देश के लिए बड़ा चैलेंज है | भारत जैसे देश मे जहां अधिकांश लोग असंगठित और कृषि कार्य मे लगे है उनको अधिक दिनों तक लॉक-डाउन मे रखना काफी मुश्किल भरा हो सकता है | कई लोगों के सामने अपनी जीविका चलाने के लिए समस्या का सामना करना पड़ रहा है | बाजार मे पैसों का चलन रुक सा गया है | लोग जरूरी खर्चों के अलावा अन्य तरह के खर्चों को करने से बच रहे है | विभिन्न मीडिया की खबरों और रिपोर्ट के अनुसार लाखों लोग बेरोजगार हुए है और कई लोगों पर बेरोजगारी की मार पड़ने वाली है | ग्रामीण क्षेत्र भी बेरोजगारी से अछूता नहीं है | विभिन्न आवश्यक उत्पादन क्षेत्र का बुरा हाल है | कई रेटिंग एजेंसियों ने पहले ही देश के विकास दर को शून्य तक माना है | ऐसे मे यह अति आवश्यक है की सरकार को देश की जनता और अर्थव्यवस्था के हितों को ध्यान मे रखते हुए हॉट-स्पॉट क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों को कार्य करने की अनुमति दे, लोगों का जीवन चलता रहें यह अत्यंत आवश्यक है | साथ ही कोरोना वायरस के टेस्ट की संख्या को तेजी से बढ़ाना चाहिये जिससे लोगों की जांच समय से हो सके और संक्रमण को रोका जा सकें | जिस तरह से चीन ने वूहान शहर के सभी 1.10 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट करने और कोरोना को जड़ से समाप्त करने हेतु प्रतिबद्धता दिखाया है उसी तरह से भारत को भी चाहिये की आर्थिक गतिविधियों को स्टार्ट करके कोरोना टेस्ट को तेजी से बढ़ाये | यदि सरकार इस कार्य को करने मे देरी करती है तो न केवल अनेकों लोगों को जीवन का खतरा बना रहेगा  बल्कि अर्थव्यवस्था की मार देश को अनेकों समस्या दे सकती है जो कोरोना वायरस से भी खतरनाक होगी |
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