मुख्य वक्ता डॉ. मीतू सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, शिक्षा संकाय, गोरखपुर विश्वविद्यालय ने भारतीय ज्ञान परंपरा की मूल अवधारणाओं, उसके दार्शनिक आधार तथा आज के शिक्षण-प्रशिक्षण में उसकी उपयोगिता पर अत्यंत सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारतीय आचार्यों ने ज्ञान को समाज-सुधार का माध्यम माना और समयानुकूल शिक्षा की नींव रखी।
कार्यक्रम में प्रो. श्रीप्रकाश मिश्र ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। अंत में डॉ. राम रहीस ने मुख्य वक्ता एवं उपस्थित जनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया।
विभाग के शिक्षक डॉ. मिथिलेश मिश्रा, के.के. मिश्र एवं शुभम सिंह की सक्रिय उपस्थिति से कार्यक्रम और भी प्रभावी बना। व्याख्यान में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता करते हुए विषय से संबंधित प्रश्न भी पूछे। समापन पर विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायक बताया।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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