बलरामपुर- पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में रिजर्व पुलिस लाइंस बलरामपुर स्थित सभागार कक्ष में अपर पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में “NCL जागरूकता अभियान 2.0” के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अपर पुलिस अधीक्षक महोदय व ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी हवलदार सिंह यादव वरिष्ठ लोक अभियोजक सुरेश शर्मा द्वारा विस्तृत रूप से विवेचकों, उपनिरीक्षकों व अन्य उपस्थित पुलिसकर्मियों को नये कानूनों के प्रमुख प्रावधानों एवं उनके व्यवहारिक उपयोग के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं द्वारा नये आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं — जैसे कि ‘शून्य एफआईआर’ (Zero FIR) की अवधारणा, E-FIR की प्रक्रिया, समयबद्ध न्याय प्रणाली, महिला एवं बाल संरक्षण से संबंधित प्रावधान, फोरेंसिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग, तथा पीड़ित-केंद्रित दृष्टिकोण — पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया। साथ ही अपराध की रोकथाम, विवेचना की पारदर्शिता, तथा न्यायिक प्रक्रिया को अधिक तीव्र और जनसुलभ बनाने हेतु पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए।
इस कार्यशाला का उद्देश्य नये आपराधिक कानूनों — भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) — के प्रभावी व व्यवहारिक क्रियान्वयन हेतु पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित एवं जागरूक करना रहा।
वक्ताओं ने बताया कि नये आपराधिक कानून देश में एक “न्यायोन्मुख, आधुनिक और तकनीकी दृष्टि से सशक्त” आपराधिक न्याय प्रणाली की नींव रखेंगे। इस अवसर पर यह अपेक्षा व्यक्त की गयी कि जनपद के समस्त अधिकारी/कर्मचारी नये कानूनों के प्रावधानों को भलीभांति समझकर उन्हें व्यवहार में उतारें, जिससे जनपद बलरामपुर कानून व्यवस्था के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल जिला के रूप में उदाहरण प्रस्तुत कर सके।
कार्यशाला में जनपद के विभिन्न थानों से आये हुए उपनिरीक्षकगण, विवेचक एवं अन्य पुलिसकर्मी उत्साहपूर्वक सहभागी रहे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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