उतरौला बलरामपुर- मोहल्ला सुभाष नगर में स्थित कृषि गोदाम के प्रभारी एवं कृषि विशेषज्ञ डाक्टर जुगुल किशोर ने बताया कि फसल का अवशेष जलाने पर ही लगेगा जुर्माना फसल अवशेष एवं पराली जलाने से जहां एक ओर पर्यावरणीय क्षति होती है, वहीं पर मृदा स्वास्थ्य और मित्र कीटों पर कुप्रभाव पड़ता है। वहीं पर दूस री ओर फसलों में अग्नि कांड होने की भी संभा वना बनी रहती हैफसल अवशेष जलाने से मिट्टी के तापमान में वृद्धिहोने से मृदा की भौतिक, रसायनिक एवं जैविक दशा पर विपरीत रुप से प्रभाव पड़ता है, मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्म जीव नष्ट होते हैं। जिससे जीवांश के अच्छीप्रकार से राडने में भी कठिनाई होती है। पौधे जीवांश से ही पोषक तत्व लेते हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने पर पूर्णतः रोक लगाते हुए इसे दण्डनीय अपराध की श्रेणी में रखा है, तथा यदि किसी व्यक्ति के द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटना घटित की जाती है तो माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा 24 एवं 26 के अन्तर्गत उसके विरूद्ध पर्यावरण क्षति पूर्ति हेतु 02एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 5000 प्रति घटना,02 से 5 एकड़ के लिए दस हजार प्रति घटना की दर से अर्थ दण्ड वसूले जाने का प्रावधान है। अतः सभी क्षेत्र के किसान भाइयों से अनु रोध है कि वह फसल कटाई के बाद फसल अवशेष पराली न जलाये। फसल कटाई के उपरान्त गल्वर,एम बी प्लायू, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर आदि कृषि यंत्रों के माध्यम से जुताई कर दें। जिससे फसल अवशेष छोटे छोटे टुकड़ों में कटकर मिट्टी में मिल जाएगा तदोपरान्त यूरिया वेस्ट डिकम्पोजर का छिड़काव कर खेत में पानी लगा दें।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
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