औरैया // खाद्यान्न बिक्री को लेकर इस बार भी किसानों का रुख आढ़ताें की तरफ ज्यादा दिखाई दे रहा है सरकार की ओर से एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ाेतरी के बावजूद भी किसान सरकारी खरीद क्रय केंद्र बहुत कम संख्या में पहुंच रहे हैं इसका सबसे बड़ा कारण सरकारी खरीद केंद्रों में बिक्री को लेकर बनाए गए झंझट भरे मानक हैं किसान इसे उलझन और समय बर्बादी मान रहे हैं और नकद दाम मिलने को तवज्जो दे रहे हैं आढ़त पर सरकारी केंद्रों से कम रकम मिलने के बावजूद भी किसान अपनी फसल वही बेच रहे हैं।
किसानों को लाभ देने के लिए मक्का और बाजरा का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है मक्का का भाव 2,225 रुपये से बढ़ाकर 2400 रुपये प्रति क्विंटल जबकि बाजरा का समर्थन मूल्य 1625 रुपये से बढ़ाकर 2,775 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है सरकारी खरीद के लिए खाद्य एवं विपणन विभाग के दो क्रय केंद्र एक अक्तूबर से संचालित हैं प्रत्येक केंद्र को 700 मीट्रिक टन मक्का, 11,400 मीट्रिक टन बाजरा व 18,000 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है। दोनों सरकारी क्रय केंद्रों में अभी तक मक्का की खरीद का खाता भी नहीं खुला है जबकि आढ़तों से लगभग 15 हजार क्विंटल मक्का बिक भी चुका है। इसके अलावा आढ़तों से लगभग 13 हजार क्विंटल बाजरा व 90 हजार क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि किसान सरकारी मानकों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते किसानों का कहना है कि सरकारी क्रय केंद्रों पर खाद्यान्न की नमी, गुणवत्ता आदि जैसे तमाम मानक पूरे करने में काफी समस्या आती है इसके अलावा पैसा आने में काफी समय लग जाता है, जबकि उन्हें पैसों की जरूरत तुरंत होती है। ऐसे में आढ़त ही उनके लिए ठीक है किसी के पास खतौनी नहीं तो कोई कर्जदार ऐसा नहीं कि सभी किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर जाना नहीं चाहते, ज्यादातर किसानों के पास आढ़त जाने के अलावा दूसरा विकल्प भी नहीं होता ऐसा इसलिए, क्योंकि अधिकांश किसान बटाई पर खेती करते हैं ऐसे में वह खसरा खतौनी प्रस्तुत नहीं कर सकते और यह सरकारी क्रय केंद्रों के लिए अनिवार्य है इसके अलावा ज्यादातर किसान केसीसी पर कर्ज लिए हुए हैं सरकारी क्रय केंद्रों से उन्हीं खातों में पैसा आता और बैंक वह धनराशि काट लेते हैं इस स्थिति से बचने के लिए किसान कम दाम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होते हैं इतना होता है नुकसान सरकारी क्रय केंद्रों पर मक्का की एमएसपी 2400 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि आढ़त पर यह 2000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है इसी प्रकार क्रय केंद्रों पर बाजरा 2,775 रुपये प्रति क्विंटल तो आढ़त पर 2250 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। धान के दाम में ज्यादा फर्क नहीं है। क्रय केंद्र पर इसका मूल्य 2,369 रुपये प्रति क्विंटल है तो आढ़त पर 2300 रुपये प्रति क्विंटल।
ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार
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