मुख्यमंत्री अयोध्या में श्री मणिराम दास छावनी के श्री महन्त व श्रीराम
जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी
 महाराज के 87वें जन्म महोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए

पूज्य संतों की दिव्य साधना और आशीर्वाद से भारत
 एक नए भारत के रूप में आगे बढ़ रहा : मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री जी बिना रुके, बिना डिगे, बिना झुके भारत को निरन्तर
एक नई दिशा देकर, विकसित भारत के रूप में स्थापित कर रहे

विकसित भारत तभी सम्भव जब इसकी आधारशिला सनातन धर्म के आधारों
पर होगी, जिसे प्रधानमंत्री जी विरासत और विकास के रूप में आगे बढ़ा रहे

महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज नये भारत की नींव के मजबूत आधार

दुनिया की सुंदरतम नगरी के रूप में अयोध्या को साकार करने के कार्य किये जा रहे

सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या आज सोलर सिटी के रूप में डेवलप हो रही

नया घाट से लेकर गुप्तार घाट तक घाटों की एक नई श्रृंखला तैयार, करोड़ों
श्रद्धालु भी अगर अयोध्याधाम में आएंगे, तो मां सरयू के आशीर्वाद से वंचित नहीं रहेंगे

अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि के नाम पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्रियाशील

माता शबरी के नाम पर भोजनालय, निषादराज के नाम पर यात्री विश्रामालय

श्रीराम जन्मभूमि में वशिष्ठ जी और महर्षि विश्वामित्र जी का
मंदिर बन रहा, रामायण कालीन दिव्य विभूतियों के विग्रह स्थापित हो रहे

श्रीराम जन्मभूमि परिसर में गिद्धराज जटायु एक बड़ी दिव्य
मूर्ति तथा गोरखपुर में जटायु संरक्षण केन्द्र स्थापित

श्री हनुमानगढ़ी में पहली बार योद्धा के साथ बोद्धा का रूप देखने को मिल रहा


लखनऊ :ः 05 जून, 2025 :ः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद अयोध्या में श्री मणिराम दास छावनी के श्री महन्त व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज के 87वें जन्म महोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन अत्यंत अभिभूत करने वाला और हम सब के जीवन को सौभाग्यमय करने वाला है। महाराज भागीरथ की कठोर साधना से आज ज्येष्ठ शुक्ल दशमी गंगा दशहरा के दिन इस धराधाम पर देव नदी मां गंगा का अवतरण हुआ था। आज की तिथि को आधुनिक दुनिया ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के रूप में मनाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 500 वर्षों के इंतजार को समाप्त करते हुए अयोध्या धाम में 22 जनवरी, 2024 को श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अपने कर-कमलों से सम्पन्न की थी। आज श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर परिसर में ही भव्य राम दरबार और नवनिर्मित 06 मन्दिरों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि ऐसी पावन तिथि पर उन्हें इस कार्यक्रम में भागीदार बनने का अवसर प्राप्त हुआ है। इसके लिए उन्होंने मंहत नृत्यगोपाल दास जी महाराज को प्रणाम करते हुए हृदय से उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूज्य संतों की दिव्य साधना और आशीर्वाद की ही कृपा है कि भारत एक नए भारत के रूप में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी बिना रुके, बिना डिगे, बिना झुके भारत को निरन्तर एक नई दिशा देकर, विकसित भारत के रूप में स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत तभी सम्भव होगा, जब इसकी आधारशिला सनातन धर्म के आधारों पर होगी, जिसे प्रधानमंत्री जी विरासत और विकास के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं।
यह विरासत का ही संरक्षण है कि 500 वर्षों के बाद अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान रामलला विराजमान हो पाए। कुछ लोग इस कार्य को संदेह की निगाहों से देखते थे कि यह कार्य कैसे हो पाएगा। लेकिन आज भगवान श्रीराम का भव्य एवं दिव्य मन्दिर बना है, जिसे देश-दुनिया देखने आ रही है। श्री काशी विश्वनाथ धाम, केदारनाथ धाम, महालोक और सोमनाथ मन्दिर हमारी विरासत के प्रतीक हैं, जिन्हें भव्य एवं दिव्य स्वरूप दिया गया है।
यह भारत की सनातन परम्परा की वह कड़ियां हैं, जिन पर सनातन धर्म की मजबूत नींव टिकी हुई है। इस मजबूत नींव पर ही एक मजबूत और भव्य भारत की इमारत बनाने की परिकल्पना को साकार करने के लिए आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नया भारत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। इस नींव के मजबूत आधारों में श्री मणिराम दास छावनी के पूज्य महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज हैं। श्री मणिराम दास छावनी का अपना 300 वर्षों का कठोर साधना का इतिहास रहा है। यह मान्यता है कि इस परम्परा की शुरुआत के जो पूज्य आचार्य थे उन्हें मां जानकी ने साक्षात दर्शन दिए थे। उनकी कृपा से यह परम्परा फली-फूली और आगे बढ़ी। इसे भव्य और दिव्य रूप पूज्य महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज ने दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या को सजाने, संवारने और भव्य व दिव्य रूप देने की एक नई परिकल्पना को साकार करने और दुनिया की सुंदरतम नगरी के रूप में अयोध्या को साकार करने के कार्य किये जा रहे हैं। आज से 08 वर्ष पूर्व जब लोग अयोध्या आते थे, तो लोग एक ही बात कहते थे कि-‘योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो’। अब तो हकीकत में भगवान श्रीराम मंदिर सबके सामने है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार बोलने में नहीं, बल्कि करने में विश्वास रखती है और जो बोलती है, वह करके दिखाती है। पढ़ने से पता चलता है कि रामायणकालीन अयोध्या चौड़ी सड़कों, बड़े-बड़े भवन, महल व धन धान्य से परिपूर्ण थी। बीच का कालखण्ड एक अंधकार का कालखण्ड था, जब राम भक्तों पर गोलियां चलती थीं, उन्हें यहां से दूर करने का कार्य होता था। जबकि वर्तमान सरकार भक्तों की आवभगत का कार्य कर रही है। सड़कें आज फिर से रामायणकालीन बन चुकी हैं। सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या आज सोलर सिटी के रूप में डेवलप हो रही है। राम जी की पैड़ी में सरयू जी का जल साफ-सुथरा है। 05 लाख श्रद्धालु एक साथ राम जी की पैड़ी में स्नान कर सकते हैं। नया घाट में अलग से लोग स्नान कर सकते हैं। नया घाट से लेकर गुप्तार घाट तक पूरे घाटों की एक नई श्रृंखला तैयार हो गई है। करोड़ों श्रद्धालु भी अगर अयोध्याधाम में आएंगे, तो मां सरयू के आशीर्वाद से वंचित नहीं रहेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हजारों वर्ष पहले भगवान श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करके पुष्पक विमान से अयोध्या धाम आए थे। लेकिन उसके बाद विमान के दर्शन अयोध्याधाम में नहीं हुए थे। आज अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि के नाम पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्रियाशील है। माता शबरी के नाम पर भोजनालय, निषादराज के नाम पर यात्री विश्रामालय तथा श्रीराम जन्मभूमि में वशिष्ठ जी और महर्षि विश्वामित्र जी का मंदिर बन रहा है। रामायण कालीन दिव्य विभूतियों के विग्रह श्रीराम जन्मभूमि परिसर में स्थापित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कहा जाता है कि रामायण के पहले बलिदानी गिद्धराज जटायु थे। गिद्धराज जटायु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि परिसर में उनकी एक बड़ी दिव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। साथ ही, गोरखपुर में एक जटायु संरक्षण केन्द्र भी स्थापित किया गया है। आज के समय में केमिकल और फर्टिलाइजर का अत्यधिक उपयोग करने के कारण गिद्ध की प्रजातियां समाप्त हो रही हैं, इसलिए प्रदेश सरकार ने गोरखपुर में 01 वर्ष पूर्व एक जटायु संरक्षण का केंद्र बनवाया है। गिद्ध प्रजाति का मनुष्य जाति पर उपकार है, क्योंकि माता सीता का अपहरण करके जब रावण ले जा रहा था तो, उस समय गिद्धराज जटायु सामने आए और उन्होंने रावण का प्रतिकार करते हुए अपने प्राण त्याग दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री हनुमानगढ़ी का दिव्य एवं भव्य स्वरूप हम सबके सामने है। पहली बार श्री हनुमानगढ़ी में योद्धा के साथ बोद्धा का रूप देखने को मिल रहा है। यहां पर श्री हनुमतकथा मण्डपम का निर्माण कराया गया है। जब स्वरूप बदलता है तो सारे लोग उसके साथ जुड़कर उस अभियान का हिस्सा बनते हैं। आज की अयोध्या बदल गई है। अयोध्या आने का हर कोई इच्छुक है। आने वाले समय में इसे और भव्य एवं दिव्य रूप देना है।
इस अवसर पर रामाकृष्णाचार्य जी महाराज, जगतगुरू सतुआ बाबा, स्वामी संतोषाचार्य जी महाराज, स्वामी अनन्तदेव गिरि जी महाराज सहित अन्य साधु-संत तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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