उतरौला बलरामपुर -उतरौला बाजार जन पद का एक प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र है, जहां पर कई मल्टी- कॉम्प्लेक्स,शोरूम, कपड़े और गहनों की दुकानें हैं। खरीदारी के उद्देश्य से न सिर्फ स्था नीय बल्कि आस पास के ग्रामीण इलाकों से भी महिलाएं, पुरुष और बेटियां बड़ी संख्या में यहां आती हैं। हालांकि, इस भीड़ भाड़ वाले बाजार में महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचा लय की अनुपलब्धता एक बड़ी समस्या बन गई है। बाजार में खरी दारी के दौरान महिला ओं और युवतियों को अक्सर कई घंटे रुकना पड़ता है। कपड़े, गहने या अन्य वस्त्र खरीदने के लिए दुकानों के कई कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं,लेकिन नगर पालिका प्रशासन के द्वारा एक भी सार्वजनि क शौचालय की व्यव स्था अभी तक नहीं की गई है। इससे महिलाओं को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। खरीदारी के दौरान हमें घंटों रुकना पड़ता है, लेकिन शौचालय के न होने के कारण काफी परेशानी होती है बाजार में खरीदारी करने आई ममता ने बताया कि
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद अबरार खां ने इस समस्या को गम्भीर बताते हुए कहा कि नगर पालिका प्रशासन को महिलाओं की इस जरूरत को समझना चाहिए, औरसार्वजनिक शौचालय का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। वहीं पर जाहिदा खातून ने बताया कि कई बार महिलाओं को अपनी खरीदारी जल्दी समाप्त करनी पड़ती है, सिर्फ इसलिए कि यहां पर कहीं भी शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने भी इस मुद्दे को नगर पालि का प्रशासन के सामने उठाने का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन इस दिशा में कदम उठाता है, तो बाजार में महिला ओं की संख्या और भी खरीदारी दोनों में बढ़ोत री होगी, जिससे व्यापार को भी लाभ मिलेगा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई बार इस सम्बन्ध में शिकाय तें दर्ज कराई गई हैं, लेकिन नगर पालिका की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। महिलाओं की यह समस्या लम्बे समय से चली आ रही है, लेकिन प्रशासन ने अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने नगर पालिका अध्यक्ष सबिता गुप्ता और अध्यक्ष प्रतिनिधि अनूप चन्द गुप्ता से आग्रह किया है कि उतरौला बाजार में महिलाओं के लिए साफ-सुथरे और सुरक्षित सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जाए। इसके लिए स्थान चयनित कर आधुनिक सुविधाओं से युक्त शौचालय बनाए जाने की मांग की गई है। अगर इस दिशा में जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो महिलाओं की असुविधा और बढ़ेगी, साथ ही बाजार में उनकी उपस्थिति भी प्रभावित हो सकती है। प्रशासन की तत्परता ही इस समस्या का समा धान निकाल सकती है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
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उतरौला बलरामपुर।
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