मुख्यमंत्री जनपद गोरखपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 1,200 जोड़ों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित हुए, नवदम्पत्तियों को उपहार एवं आशीर्वाद प्रदान किया

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम प्रधानमंत्री जी के लोक कल्याण के विजन को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के अभियान का एक हिस्सा, यह ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की अगली कड़ी : मुख्यमंत्री

यह अंधविश्वास, बाल विवाह, बहुविवाह और दहेज जैसी सामाजिक रूढ़ियों व प्रथाओं पर एक प्रहार

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत खर्च की जाने वाली राशि को 51 हजार रु0 से बढ़ाकर 01 लाख रु0 किया गया

वर और वधू के लिए कपड़े, उनके लिए घर-गृहस्थी का सामान और जेवर उपलब्ध कराए जा रहे, कन्या के खाते में 60 हजार रु0 जमा किए जा रहे

एक अच्छी सरकार विकास भी करती है और गरीब कल्याण कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाती है, ऐसी सरकार लोगों की समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है और सुरक्षा का बेहतर माहौल भी बनाती है

विगत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में बहुत परिवर्तन देखने को मिले, हर गरीब को शासन की योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के दिया जा रहा

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से लगभग 24 लाख बालिकाओं को उनके जन्म लेने से लेकर स्नातक तक विभिन्न चरणों में कुल 25 हजार रु0 उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे

स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के 01 करोड़ 06 लाख परिवारों को, जहां पर उनका घर है, उसके मालिकाना हक का अधिकार पत्र दिया गया

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के माध्यम से युवाओं को ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा, सरकार इन्हें मार्जिन मनी भी दे रही


लखनऊ : 27 मई, 2025


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जनपद गोरखपुर में समाज कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत आयोजित 1,200 जोड़ों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और नवदम्पत्तियों को उपहार एवं आशीर्वाद प्रदान किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार वही है, जो जनता के द्वार पर जाकर उनकी समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाल सके। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के लोक कल्याण के विजन को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के अभियान का एक हिस्सा है। यह ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की अगली कड़ी है। यह अंधविश्वास, बाल विवाह, बहुविवाह और दहेज जैसी सामाजिक रूढ़ियों व प्रथाओं पर एक प्रहार है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेटी को बचाने के लिए उसे पढ़ाना और सशक्त करना तथा उस प्रकार की व्यवस्थाएं बनाना जरूरी है। वर्ष 2017 में जब प्रदेश में हमारी डबल इंजन सरकार बनी, तब हमने अभिभावकों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए यह तय किया कि बेटी के जन्म से लेकर उनके स्नातक तक की पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से उन परिवारों को जोड़ने की व्यवस्था करेंगे। आज यह योजना प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू है। इसके अन्तर्गत ऐसे गरीब और वंचित परिवार, जिनके पास साधन नहीं थे, उन्हें चिन्हित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से हम लगभग 24 लाख बालिकाओं को उनके जन्म लेने से लेकर स्नातक तक विभिन्न चरणों में कुल 25 हजार रुपये उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं। बेटी के जन्म होने, उसके 01 वर्ष की होने, बेटी के पहली कक्षा में जाने, बेटी के पांचवी कक्षा पास करने और छठी कक्षा में जाने, बेटी के नवीं कक्षा में प्रवेश लेने तथा इसके उपरांत यदि बेटी पॉलिटेक्निक, आई0टी0आई0 करना चाहती है या आगे की पढ़ाई करना चाहती है, तो हर चरण में एक निश्चित धनराशि उसके खाते में भेज दी जाती है। 25 हजार रुपये की यह धनराशि बेटी की सुरक्षा के लिए उसका संबल है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब बेटी विवाह के योग्य हो जाती है, तो इसके लिए अभिभावकों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत स्वयं मुख्यमंत्री, मंत्रिगण, सांसद, विधायक आदि जनप्रतिनिधि उपस्थित होकर कन्यादान के इस कार्यक्रम से जुड़ते हैं और अतिथियों का स्वागत करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी प्राचीन मान्यता रही है कि गांव की बेटी सब की बेटी होती है। स्वाभाविक रूप से हमें कन्यादान के कार्यक्रम से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। यह दहेज, बाल विवाह तथा बहुविवाह तीनों कुप्रथाओं पर प्रहार है। इसी व्यवस्था से जुड़ने के लिए आज हम यहां एकत्रित हुए हैं। इसमें जाति, क्षेत्र, भाषा, मत और मजहब सहित किसी प्रकार का बंधन नहीं है। अपनी-अपनी रीति-रिवाजों के अनुसार जो भी रजिस्ट्रेशन करवाता है, ऐसे दस जोड़ो के रजिस्ट्रेशन होते ही प्रशासन उनके सामूहिक विवाह की व्यवस्था करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति की कन्याओं की शादी के लिए मात्र 20 हजार रुपये की सहायता दी जाती थी। इसमें भी भेदभाव होता था। यह सहायता सभी को नहीं मिलती थी। यह राशि भी तब मिलती थी, जब विवाह के कार्यक्रम सम्पन्न हो चुके होते थे। कभी-कभी यह राशि मिलती भी नहीं थी। आज वर और वधू के लिए कपड़े, उनके लिए घर-गृहस्थी का सामान और जेवर उपलब्ध कराए जा रहे है। कन्या के खाते में 60 हजार रुपये भी जमा किए जा रहे हैं।
यह कार्य सरकार इसलिए कर रही है जिससे लोगों के जीवन में परिवर्तन हो सके। साथ ही, दहेज व बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। सामूहिक विवाह की योजना वर्ष 2017 में लागू की गई थी। उस समय इसके तहत 35 हजार रुपये की धनराशि की व्यवस्था थी। इस राशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपये किया गया। इसी वर्ष अप्रैल माह से यह राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि 1,200 जोड़े आज मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के साथ जुड़ रहे हैं। एक अच्छी सरकार विकास भी करती है और गरीब कल्याण कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाती है। ऐसी सरकार लोगों की समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है और सुरक्षा का बेहतर माहौल भी बनाती है। विगत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में बहुत परिवर्तन देखने को मिले हैं। आज हर गरीब को शासन की योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में चार करोड़ गरीबों के लिए एक-एक आवास, 10 करोड़ गरीबों के घर में उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क गैस कनेक्शन और 12 करोड़ गरीबों के घर में एक-एक शौचालय उपलब्ध कराए जा चुके हैं। देश में 45 करोड़ गरीबों के जनधन अकाउण्ट खोले जा चुके हैं। 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जा रहा है। विगत 05 वर्षों से 80 करोड़ गरीबों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ प्राप्त हो रहा है। सरकार हर उस कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है, जिससे गरीबों का हित होता है। इसी का परिणाम है कि विगत 10 वर्षों में देश में 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से उबरे हैं। उत्तर प्रदेश में 06 करोड़ लोगों को गरीबों रेखा से ऊपर उठाने में मदद मिली है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के विवाद को खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लागू स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के 01 करोड़ 06 लाख परिवारों को, जहां पर उनका घर है, उसके मालिकाना हक का अधिकार पत्र दे दिया गया है। पहले पटरी व्यवसाइयों, ठेला, खोमचा और रेहड़ी लगाने वालों के बारे में कोई नहीं सोचता था। इनका हर जगह शोषण होता था। आज इन्हें बैंकों के माध्यम से लोन उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के माध्यम से 21 से लेकर 40 वर्ष की आयु के और उत्तर प्रदेश के निवासी युवाओं को पहले चरण में 05 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार इन्हें मार्जिन मनी भी दे रही है। जब व्यक्ति 04 वर्षों में अपना मूलधन बैंक को वापस कर देगा, तो अगले चरण में उसे 7.5 लाख रुपये का ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा। इस राशि को वापस करने को उपरान्त तीसरे चरण में 10 लाख रुपये ब्याजमुक्त ऋण देने की कार्यवाही के साथ इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। सरकार सभी नागरिकों के जीवन में परिवर्तन लाना चाहती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने के लिए अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के बारे में हमें सोचना होगा। एक गरीब के जीवन में परिवर्तन लाना होगा। गरीब के जीवन में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से ही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम, आयुष्मान भारत की सुविधा सहित अन्य सुविधाओं का लाभ हर गरीब को उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी इस प्रगतिशील सोच का एक प्रतीक है। योजना के तहत 51 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर 01 लाख रुपये किए जाने के उपरान्त आज 1,200 जोड़ों के सामूहिक विवाह का पहला कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिससे जुड़ने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने वर एवं वधु पक्ष को अपनी बधाई देते हुए कहा कि हम एक-एक  परिवार को सशक्त और समर्थ बनाए जाने के लिए किए जाने वाले प्रयास का हिस्सा बनकर विकास की इस प्रक्रिया को निरन्तर आगे बढ़ाएंगे। हमें जातिवाद, छुआछूत, अस्पृश्यता, बाल विवाह या दहेज जैसी सामाजिक रूढ़ियां के खिलाफ मजबूत होकर खड़े होने की आवश्यकता है।
इस अवस पर गोरखपुर के महापौर डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक श्री विपिन सिंह, श्री महेन्द्रपाल सिंह, श्री धर्मेन्द्र सिंह, श्री फतेहबहादुर सिंह, श्री श्रीराम चौहान, प्रदीप शुक्ला, डॉ0 विमलेश पासवान सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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