बलरामपुर- आर्य वीर दल ने किया एस. आई. टी. की सिफारिश का समर्थन और किया मुख्यमंत्री से अंधविश्वास निवारण कानून बनाए जाने की मांग। 
 उत्तर प्रदेश सरकार के विधानसभा पटल पर हाथरस की घटना पर गठित एस. आई.टी. की प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में "अंधविश्वास निवारण कानून बनाए जाने की सिफारिश" का समर्थन करते हुए आर्य वीर दल ने सदर विधायक माननीय पलटू राम जी के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को एक मांग पत्र भेज कर प्रदेश में अंधविश्वास निवारण कानून बनाने की मांग किया है।    पत्र में  कहा गया है कि सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ साकार हरि  के सत्संग में जाने वाले लोगों को यही भरोसा दिया जाता था कि बाबा के सत्संग में आने से बिना दवाई के  गंभीर से गंभीर रोग, भूत प्रेत आदि बाधा दूर हो जाती है! इसी लालच में सीमा से अधिक लोग जुट गए और भगदड़  में 113 महिलाओं सहित 121 लोग मारे गए! इसी प्रकार  देश में कई लोग अंधविश्वास फैलाकर लोगों को ठग रहे हैं और सोशल मीडिया व हैंड बिल्स के माध्यम से खुलेआम  हिंदुओं में अपने को भगवान घोषित करके तमाम धूर्त तथा मुसलमानों में पीर- फकीर व मुल्ला -मौलवी बनकर  बनकर तमाम ठग जादू -टोना, गंडा- ताबीज, झाड़- फूंक के द्वारा डाकिनी- शाकनी, भूत प्रेत,चुड़ैल- चाटा, जिन्न, शैतान बाधा दूर करने, बिना दवाइयों के बीमारियां दूर करने, बच्चे पैदा करने, नौकरी दिलाने, विवाह कराने आदि का लालच देकर समाज को ठग ही नहीं रहे हैं बल्कि उनका यौन शोषण तथा धर्मांतरण भी कर रहे हैं तथा बड़े-बड़े हादसा को भी जन्म दे रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ अंधविश्वास निवारण कानून न होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है और उनके ठगी का कार्यक्रम निर्वाध रूप से चलता रहता है!
      आर्य वीर दल के प्रदेश प्रचार मंत्री आर्य अशोक तिवारी ने विधायक जी को  मांग पत्र देने से पूर्व उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब एक तरफ तो भगवान श्री राम को अपना आराध्य मानते हैं परंतु दूसरी तरफ उनके बताए रास्ते पर ना चल करके उनका अपमान करते हैं! भगवान श्री राम ने युद्ध स्थल में अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी के घायल होकर बेहोश होने पर कोई झाड़- फूंक, टोना -टोटका नहीं किया बल्कि चिकित्सा विज्ञान का सहारा लिया और तत्काल  डॉक्टर  को बुलाया और डॉक्टर ने भी आकर कोई चमत्कार करने के बजाय संजीवनी बूटी दवा मंगवाया और उसी का प्रयोग करके लक्ष्मण जी को होश में लाया! इसलिए हम सभी को भी अपने भगवान श्री राम का अनुसरण करते हुए किसी भी बीमारी का इलाज करना चाहिए व उचित वैज्ञानिक समाधान करना चाहिए ना कि किसी कथित अवतरित भगवान के चमत्कार व ओझा -सोखा, मुल्ला- मौलवी के चक्कर में आकर झाड़ फूंक, गंडा- ताबीज  आदि पाखंडों का सहारा लेना चाहिए। 

        हिन्दी संवाद न्यूज से
          रिपोर्टर वी. संघर्ष
            बलरामपुर। 

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