सी.एम.एस. छात्रों ने निकाला ‘धार्मिक सद्भावना मार्च’

विभिन्न धर्मावलम्बियों की उपस्थिति से ‘सर्वधर्म समभाव’ की भावना से ओतप्रोत हुआ वातावरण

लखनऊ, 1 फरवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम द्वितीय कैम्पस के छात्रों ने आज ‘धार्मिक सद्भावना मार्च’ निकालकर धार्मिक एकता, सामुदायिक एकता एवं सामाजिक सौहार्द की पुरजोर अपील की। इस विशाल मार्च में हिन्दू धर्म से प्रभु अपरिमय श्यामदास जी, मुस्लिम धर्म से मौलाना डा. कल्बे सिब्तेन नूरी एवं मौलाना सूफयान निजामी, सिख धर्म से सरदार हरपाल सिंह जग्गी, ईसाई धर्म से फादर डा. डोनाल्ड एच आर डिसूजा, जैन धर्म से श्री शैलेन्द्र जैन, बौद्ध धर्म से भिक्षु ज्ञानलोक एवं बहाई धर्म से श्री संजीव उपाध्याय ने सी.एम.एस. छात्रों की अगुवाई की एवं धार्मिक एकता का अभूतपूर्व अलख जगाया। इस धार्मिक सद्भावना मार्च में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि विभिन्न धर्मों की वेशभूषा में सुसज्जित सी.एम.एस. छात्रों ने सभी धर्मों के अवतारों तथा महापुरूषों के सद्वाक्यों की तख्तियाँ लेकर सामाजिक सद्भाव एवं सामाजिक एकता का संदेश दिया। 

इससे पहले, विभिन्न धर्मावलम्बियों का हार्दिक स्वागत करते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. भारती गाँधी ने कहा कि सामाजिक प्रगति व उत्थान के लिए धार्मिक एकता तथा विश्व एकता आज की अनिवार्य आवश्यकता है, जिसकी शिक्षा बच्चों को बाल्यावस्था से ही देनी चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न धर्मावलम्बियों ने भी अपने सारगर्भित विचारों से धार्मिक एकता व सर्वधर्म समभाव का अलख जगाते हुए एक स्वर से कहा कि सभी धर्म हमें एकता व शान्ति से रहने की प्रेरणा देते हैं। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रभु अपरिमय श्यामदास जी ने कहा कि धर्म हमें जीवन मूल्यों पर चलना सिखाता है, हमारी आध्यात्मिक प्रगति करता है। सरदार हरपाल सिंह जग्गी का कहना था कि धर्म इंसान को इंसान से जोड़ता है और इसी भावना के अनुरूप समाज में समन्वय एवं भाईचारा बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए। मौलाना डा. कल्बे सिब्तेन नूरी ने अपने संबोधन में कहा कि सी.एम.एस. छात्रों का ‘धार्मिक सद्भावना मार्च’ धार्मिक समुदायों के मध्य परस्पर विश्वास को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम है। इसी प्रकार, ईसाई धर्म से फादर डा. डोनाल्ड एच आर डिसूजा, जैन धर्म से श्री शैलेन्द्र जैन, बौद्ध धर्म से भिक्षु ज्ञानलोक, बहाई धर्म से श्री संजीव उपाध्याय एवं मुस्लिम धर्म से मौलाना सूफयान निजामी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

सी.एम.एस. प्रबन्धक, प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि सम्पूर्ण मानवता धर्म पर आस्था रखती है और इससे प्रेरणा ग्रहण करती है। यदि धर्म की प्रेरणाशक्ति का सकारात्मक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाए, तो इससे विश्व मानवता को आशातीत लाभ होगा। प्रो. किंगडन ने आगे कहा कि आज हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य बच्चों की चेतना का विकास करना है, ताकि हम उन नैतिक मूल्यों को फिर से स्थापित कर भारत को गौरव प्रदान कर सकें। सी.एम.एस. राजाजीपुरम द्वितीय कैम्पस की हेडमिस्ट्रेस सुश्री ख्याति लांबा ने छात्रों के उत्साहवर्धन एवं एकता व सद्भावना की मुहिम के प्रति समर्थन हेतु सभी को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।


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