मुख्यमंत्री ने विद्युत आपूर्ति, खाद आपूर्ति, नहरों में
पानी और निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की
 
उमस भरी गर्मी और खेती-किसानी के मौसम में पर्याप्त
विद्युत आपूर्ति की जाए, कहीं भी अनावश्यक कटौती न हो
 
ऊर्जा विभाग के मंत्री के पास हर डिस्कॉम के हर दिन की स्थिति का पूरा
विवरण होना चाहिए, मांग और आपूर्ति पर मंत्री द्वारा स्वयं नजर रखी जाए : मुख्यमंत्री

सभी मंत्रिगण, जनप्रतिनिधियों से मिलने के लिए
एक समय नियत करें, जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाए रखें

ऐसी योजना बनाएं कि प्रदेश में बारिश हो या न हो, लेकिन हर खेत को पानी मिले
 
जलाशयों में नहरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए

प्रत्येक किसान को उसकी जरूरत के अनुसार
समय से खाद प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जाए

खाद की कालाबाजारी और तस्करी वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए

सरकारी गोवंश संरक्षण केंद्र में केयर टेकर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए

गोबरधन योजना को पी0पी0पी0 मोड पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आगे बढ़ाया जाए

 
लखनऊ : 31 जुलाई, 2024

     उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में विद्युत आपूर्ति, खाद आपूर्ति, नहरों में पानी और निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उमस भरी गर्मी और खेती-किसानी के मौसम में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जाए। कहीं भी अनावश्यक कटौती न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि टोल फ्री नम्बर 1912 एक्टिव रखने के साथ ही उपभोक्ता की आने वाली कॉल पर प्रतिक्रिया जरूर दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऊर्जा विभाग के मंत्री के पास हर डिस्कॉम के हर दिन की स्थिति का पूरा विवरण होना चाहिए। मांग और आपूर्ति पर मंत्री द्वारा स्वयं नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि सभी मंत्रिगण जनप्रतिनिधियों से मिलने के लिए एक समय नियत करें। जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाए रखें। उनकी अपेक्षाओं व आवश्यकताओं को समझें और यथोचित निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि भूमिगत बिजली केबल डालने से पहले स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक करके रणनीति तय की जाए। कब, कहाँ, कैसे केबल डालनी है, मिलकर तय करें। आमजन की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फीडर के अनुसार विभाग से जुड़े कर्मियों को इंचार्ज बनाएं और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करें। साथ ही जिन क्षेत्रों में आवश्यक विद्युत कटौती करनी पड़ रही है, वहां पर दिन में अतिरिक्त विद्युत की आपूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सिर्फ ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता है, वहां के कृषि फीडर को रोस्टर के अनुसार 12 घण्टे विद्युत की आपूर्ति अवश्य करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुराने विद्युत प्लाण्ट के क्षमता विस्तार और नए विद्युत प्लाण्ट की स्थापना के कार्य में तेजी लायी जाए। घरेलू और औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय विद्युत कटौती न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा ऐसा मैकेनिज्म विकसित करें कि डिस्कॉम, जोनल, जनपद की जवाबदेही तय की जा सके। उन्होंने कहा की बिजली चोरी के मामलों में पहले की अपेक्षा काफी अंकुश लगा है, इसको और बेहतर करते हुए बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नहरों में पानी को लेकर इस बार मानसून सीजन में प्रदेश के 31 जनपदों में सामान्य से ज्यादा, वहीं 43 जनपदों में औसत से कम बारिश हुई है, जबकि प्रदेश के एक जनपद में अभी तक न के बराबर बारिश हुई है। उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसी योजना बनाएं कि प्रदेश में बारिश हो या न हो, लेकिन हर खेत को पानी मिले। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में राजकीय नलकूप खराब हैं, उनकी जल्द से जल्द मरम्मत कराएं। प्रदेश के 54 जनपदों में नहरें 80 प्रतिशत के ऊपर टेल फीड हो चुकी हैं, अवशेष जिलों में भी बेहतर व्यवस्था बनाई जाए। जलाशयों में नहरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए। साथ ही जलाशयों की डिसिल्टिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। योजना सस्टेनेबल हो इसकी कार्ययोजना बनायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। प्रदेश के लगभग हर जनपद में 20-25 दिन की खाद उपलब्ध है। खाद से जुड़ी समितियों के पास भी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। प्रत्येक किसान को उसकी जरूरत के अनुसार समय से खाद प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जाए। खाद की कालाबाजारी और तस्करी कर किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश में वृहद संरक्षण केंद्र बनाए गए हैं। संरक्षण केंद्रों में निराश्रित गोवंश के लिए चारे-भूसे का आवश्यक प्रबन्ध किया जाए। साथ ही, सरकारी गोवंश संरक्षण केंद्र में केयर टेकर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गोबरधन योजना को पी0पी0पी0 मोड पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आगे बढ़ाया जाए। बारिश को देखते हुए निराश्रित गोवंश के लिए मुंहपका, खुरपका और गलाघोटूं से सम्बन्धित टीकाकरण अभियान चलाया जाए।
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