जौनपुर। शहर में नागरिक सुविधायें मुंह बायें खड़ी, चुनावी शेार में दब गयी जनसुविधायें

जौनपुर। इस समय चुनावी माहौल चल रहा है। शहर में नागरिक सुविधायें मुंह बायें खड़ी होकर मुसीबत बनी हुई है लेकिन इस बात को लेकर राजनीतिक दलों के प्रमुख प्रत्याशियों के मुंह बन्द है जो हैरत की बात है।
             
जिला मुख्यालय के सड़कों की बदतर हालत सालों से बनी हुई है, यह किसी से छिपा नहीं है। खोदी गयी सड़कों पर धूल की आंधियां चल रही है। लोगों के आंख, बाल और मुंह में धूल जम जाता है। सड़कों की खराब दशा और मनमाने संचालन ने रही सही कसर पूरी कर दिया है, सड़कों पर दुकानों का सामान बेचे जाने की वजह से इस भीषण गर्मी में शहर में जाम लग रहा है। शहर की नालियां जाम है, पानी सड़क पर बह रहा है। कूड़ों के ढेर से गलियां भरी है, काली कुत्ती, जहांगीराबाद, परमानतपुर लोगों की इन समस्याओ से दुर्दशा हो रही है। सड़ान्ध से लोग नाक बन्द कर चलने पर विवश हो रहे हैं। 
       
जनप्रतिनिधि कहते है विकास की गंगा बह रही है। क्या यही विकास है। तमाम मोहल्लों में पेयजल की समस्या गहरा गयी है। प्रदर्शन हो रहा है बन्धक बनाये जा रहे है। प्रत्याशी वोट मांगने में मशगूल हैं। नागरिक सवाल कर रहे हैं यही डबल इंजन सरकार की व्यवस्था है। सत्ताधारी दल इके प्रत्याषी आष्वासनों का सब्जबाग दिखा रहे है विपक्षी प्रत्याशी इन सब पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। शहर को नरक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा गया है। चुनावी प्रचार चरम पर पहुंच गया है। लोग कह रहे है क्या इन दुर्व्यवस्थाओं पर वेाट दिया जायेगा। जनता कह रही है गन्दगी और धूल फांकनें के लिए शत प्रतिषत मतदान का प्रयास किया जा रहा है। जिला मुख्यालय का जब यह आलम है तब कस्बों और ग्रामीणों क्षेत्रों की दशा की बात ही करना बेकार है। विकास और स्वच्छता की बाते की जाती है।जागरूक नागरिकों का कहना है कि इन्ही समस्याओं के कारण मतदाताओं में उत्साह नहीं दिख रहा है। वे आश्वाशन और चुनावी वादों से पूरी तरह से परिचित हैं।

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