मुख्यमंत्री ने पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ किया

10 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की खुराक पिलायी

पाकिस्तान, अफगानिस्तान व दुनिया के कुछ चुनिन्दा देशों में पोलियो पर
नियंत्रण नहीं पाया जा सका, इस दृष्टि से प्रतिवर्ष सतर्कता हेतु पोलियो
उन्मूलन के लिए पल्स पोलियो अभियान संचालित हो रहा: मुख्यमंत्री

भारत ने पोलियो उन्मूलन के लक्ष्य को एक दशक पहले ही प्राप्त कर लिया था

सभी प्रकार के टीके सभी बच्चों को दिये जाएं, यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य

स्वस्थ समाज ही सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकता

बीमारी में उपचार से महत्वपूर्ण बचाव होता है, रोगों के
प्रति जागरूक कर बड़ी संख्या मंे जनहानि से रोका जा सकता है

लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वास्थ्य के प्रति भारत की जागरूकता सफलता की नई कहानी

राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से
प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण, इस वर्ष मृत्यु शून्य

प्रदेश सरकार वर्ष में 03 बार संचारी रोग नियंत्रण का कार्यक्रम संचालित कर रही

प्रदेश सरकार द्वारा समय से किये गये प्रभावी प्रयास व जागरूकता के परिणामस्वरूप डेंगू,
कालाजार, मलेरिया रोगों पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई

देश में कोविड वैक्सीन की 200 करोड़ डोजेज, प्रदेश में 38 करोड़ से अधिक कोविड
वैक्सीन की डोजेज तथा 03 करोड़ 77 लाख से अधिक प्रिकॉशन डोज दी जा चुकी

राज्य में गर्भवती महिला व किशोरी कन्याओं में एनीमिया के स्तर को नियंत्रित
करने में सफलता प्राप्त हुई, इसमें प्रदेश का औसत, राष्ट्रीय औसत से भी अच्छा

प्रदेश शिशु और मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने में राष्ट्रीय औसत की ओर बढ़ रहा

पल्स पोलियो अभियान के तहत 50 जनपदों में 02 करोड़ 28 लाख से
अधिक पोलियो की खुराक दी जायेगी: उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक

सरकार और आमजन के सहयोग से भारत में पोलियो
का उन्मूलन सम्भव हो सका: चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री

लखनऊ: 18 सितम्बर, 2022


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि पोलियो एक संक्रामक बीमारी है। सामूहिक रूप से प्रयास से इस संक्रामक बीमारी का समाधान निकला है। देश में पल्स पोलियो अभियान इसी सामूहिक ताकत का एहसास कराता है। बीमारी में उपचार से महत्वपूर्ण बचाव होता है। प्रारम्भिक स्तर पर उचित कदम उठाते हुए लोगों को रोगों के प्रति जागरूक कर बड़ी संख्या मंे जनहानि से रोका जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने 10 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की खुराक पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज ही सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकता है। विगत 12 वर्षों से प्रदेश में पोलियो का कोई मामला देखने को नहीं मिला है। पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए गांवों, मोहल्लों में बूथ लगाने व जागरूकता के कार्यक्रम संचालित किए गए हैं। डब्ल्यू0एच0ओ0, यूनिसेफ तथा विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों ने स्वास्थ्य विभाग के साथ सहभागी बनकर इस अभियान को नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। इसके परिणाम हम सबके सामने हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश व प्रदेश को पोलियो मुक्त बनाने के लक्ष्य के प्रति समर्पित पल्स पोलियो अभियान आज से प्रारम्भ हो रहा है। इस अभियान के तहत 01 से 05 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी। पोलियो अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर पहले दिन 77 हजार से अधिक पोलियो बूथ बनाये गये हैं। दूसरे दिन से 48 हजार से अधिक सचल टीमें गठित कर घर-घर भेजी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पूरी दुनिया इस बीमारी से मुक्त नहीं होगी, तब तक हमें सतर्कता की दृष्टि से इस कार्यक्रम से जुड़ना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वास्थ्य के प्रति भारत की जागरूकता सफलता की नई कहानी कहती है। लोकतांत्रिक मूल्यों व आदर्शों के साथ जीवन जीते हुए 135 करोड़ लोग इस संक्रामक रोग से मुक्त हुए हैं। पोलियो रोग संक्रामक होने के कारण आसानी से एक जगह से दूसरी जगह फैल सकता है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान व दुनिया के कुछ चुनिन्दा देशों में पोलियो पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। इस दृष्टि से प्रतिवर्ष सतर्कता हेतु पोलियो उन्मूलन के लिए पल्स पोलियो अभियान शासन स्तर पर संचालित हो रहा है। दो बूंद पोलियो ड्रॉप पिलाने से बच्चे को जीवन पर्यन्त स्वस्थ रखा जा सकता है। लापरवाही करने पर यह शारीरिक रूप से दिव्यांग बना देता है, यह एक राष्ट्रीय क्षति है। भारत ने पोलियो उन्मूलन के लक्ष्य को एक दशक पहले ही प्राप्त कर लिया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में मध्य जुलाई से मध्य नवम्बर के बीच इंसेफेलाइटिस के प्रकोप की सम्भावना बनी रहती थी। प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण पाया गया है। इस वर्ष सितम्बर माह तक इंसेफेलाइटिस के मात्र 40 मरीज मिले हैं। इसमें 07 मरीज जापानी इंसेफेलाइटिस के तथा 33 एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिण्ड्रोम के हैं। इस वर्ष मृत्यु शून्य है। मौजूदा संसाधनों का सदुपयोग, अन्तर्विभागीय समन्वय तथा प्रत्येक स्तर पर क्लोज मॉनिटरिंग के कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने का परिणाम सबके सामने है। इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण की कहानी प्रदेश के सफलतम मॉडल की ओर सबका ध्यान आकर्षित करती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने देश में संचारी रोग नियंत्रण के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार वर्ष में 03 बार संचारी रोग नियंत्रण का कार्यक्रम संचालित कर रही है। बरसात के मौसम में डेंगू, कालाजार, मलेरिया के मामले देखने को मिलते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त किया गया है। नेपाल के तराई व पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में इंसेफेलाइटिस का असर होता था। लखनऊ, कानपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा तथा अलीगढ़ जनपद डेंगू के प्रति संवेदनशील थे। बरेली और बदायूं के आस-पास के क्षेत्र मलेरिया केे प्रति संवेदनशील थे। बुन्देलखण्ड का क्षेत्र कालाजार के प्रति संवेदनशील था। प्रदेश सरकार द्वारा समय से किये गये प्रभावी प्रयास व जागरूकता के परिणामस्वरूप इन सभी संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है। आज प्रदेश में सभी व्यक्ति सुरक्षित महसूस करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक मूल्यों से जीवन जीने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है। जहां पर सभी व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों के लिए स्वतंत्र है। देश ने कोरोना प्रबन्धन का अपना बेहतरीन मॉडल दुनिया के सामने रखा है। देश में कोविड वैक्सीन की 200 करोड़ डोजेज निःशुल्क दी जा चुकी है। प्रदेश में 38 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन की डोजेज तथा 03 करोड़ 77 लाख से अधिक प्रिकॉशन डोज दी जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश ने नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में अच्छी सफलता प्राप्त की है। राज्य में गर्भवती महिलाओं व किशोरी कन्याओं में एनीमिया के स्तर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। इसमें प्रदेश का औसत, राष्ट्रीय औसत से भी अच्छा है। प्रदेश शिशु और मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने में राष्ट्रीय औसत की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पल्स पोलियो अभियान वर्तमान और भविष्य को बचाने का राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसमें धर्म गुरूओं, समाज के साथ ही, स्वास्थ्य संगठनों को जोड़ना होगा। कोई बच्चा पोलियो की खुराक पाने से न छूटे। इस अभियान का हिस्सा बनकर हम कार्य करें। सभी प्रकार के टीके सभी बच्चों को दिये जाएं, यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं एवं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से बेटियों को सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से दहेज रहित विवाह को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में 02 लाख बेटियों का दहेज रहित विवाह सम्पन्न हुआ है। प्रत्येक विवाह में 51 हजार रुपये की राशि शासन के स्तर पर उन परिवारों को उपलब्ध करवाने का कार्य किया गया है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी ने कहा कि सभी बच्चों को पल्स पोलियो अभियान के तहत दो बूंद जिन्दगी की पिलानी है। दुनिया के कुछ देशों व पड़ोस के देशों में पोलियो के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए, सतर्कता हेतु पल्स पोलियो अभियान का संचालन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत 50 जनपदों में 02 करोड़ 28 लाख से अधिक पोलियो की खुराक दी जायेगी। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि पोलियो एक संक्रामक बीमारी है। बचपन में स्थायी अपंगता के कारण कई बार यह जानलेवा भी साबित होता है। सरकार और आमजन के सहयोग से भारत में पोलियो का उन्मूलन सम्भव हो सका है। डब्ल्यू0एच0ओ0 ने 27 मार्च, 2014 को भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।
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