*अंतराष्ट्रीय न्यूज अपडेट।*

*यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमले से ग्लोबल बाजार में तबाही, रुपए में आ सकती है और गिरावट-* 

रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला कर दिया है। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख ने भी कहा है कि इसी महीने से इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी की जाएगी. बाजार पर डबल प्रेशर है।

*रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण-*

 तेज कर दिया है।जानकारी के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन के  जेपोरीजिया न्यूक्लियर प्लांट पर हमला कर दिया है जो यूरोप का सबसे बड़ा न्यू्क्लियर प्लांट है. इस घटना के बाद ग्लोबल शेयर बाजार में भारी बिकवाली दिख रही है. माना जा रहा है कि आज भारतीय शेयर बाजार और रुपए पर भारी दबाव रहेगा. फेडरल रिजर्व के प्रमुख ने भी कहा है कि इसी महीने से इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी की जाएगी. माना जा रहा है कि इस महीने फेडरल रिजर्व इंट्रेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेगा. यही वजह है कि गुरुवार को सेंसेक्स 366 अंकों की गिरावट के साथ 55100 के स्तर पर बंद हुआ था. कल डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे टूटकर 75.94 पर बंद हुआ थारूस ने यूरोप के सबसे बड़े और दुनिया के नौवें सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला किया है. अगर रूस ने यहां कब्जा कर लिया तो यूक्रेन की एक चौथाई पावर सप्लाई कंट्रोल पर रूस का अधिकार होगा. यहां से यूरोप के अन्य हिस्सों में भी बिजली की सप्लाई होती है. रणनीतिक रूप से यह बहुत महत्वपूर्ण है।

*10 सालों के उच्चतम स्तर पर कच्चा तेल-*

_इस हमले के बाद कच्चे तेल और सोने भयंकर उछाल देखा जा रहा है. इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड इस समय 1943 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर है जो कारोबार के दौरान 1953 डॉलर तक पहुंचा था. कच्चा तेल इस समय 112 डॉलर के स्तर पर है जो पिछले दस सालों का उच्चतम स्तर है. गुरुवार को कारोबार के दौरान इसने 119 डॉलर तक का स्तर छुआ था।

*185 डॉलर तक पहुंच सकता है कच्चा तेल-*

रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते संकट के बीज जेपी मॉर्गन ने कहा कि सप्लाई प्रॉब्लम के कारण कच्चा तेल 185 डॉलर तक पहुंच सकता है. गुरुवार यानी 3 मार्च को इसने 119 डॉलर का स्तर छुआ था. जेपी मॉर्गन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अभी रूस प्रोडक्शन का 66 फीसदी तेल नहीं बेच पा रहा है क्योंकि खरीदार नहीं मिल रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में सप्लाई की प्रॉब्लम इतनी गंभीर होगी कि कच्चा तेल 120 डॉलर के स्तर पर बना रहेगा. OPEC+ देशों ने भी फिलहाल प्रोडक्शन नहीं बढ़ाने का ऐलान किया है।

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