मुख्यमंत्री ने जनपद कुशीनगर स्थित म्यांमार बौद्ध विहार पहुंचकर बौद्ध धर्मगुरु अग्गमहापंडित भदंत ज्ञानेश्वर के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी

 

लखनऊ : 09 नवम्बर, 2025


     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद कुशीनगर स्थित म्यांमार बौद्ध विहार पहुंचकर बौद्ध धर्मगुरु अग्गमहापंडित भदंत ज्ञानेश्वर के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा पुण्य आत्मा की शान्ति की कामना की।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बौद्ध भिक्षुगण उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि भदंत ज्ञानेश्वर जी मूल रूप से म्यांमार के रहने वाले थे और वर्ष 1963 में कुशीनगर आए थे, जहाँ उन्होंने वर्ष 1977 में भारतीय नागरिकता ग्रहण की। उन्हें म्यांमार सरकार द्वारा कई बार सम्मानित किया गया है, जिनमें ‘अग्गमहापंडित’ और ‘अभिधज्जा अग्गमहासधम्मजोतिका’ जैसी सर्वोच्च उपलब्धियाँ शामिल हैं।
भदंत ज्ञानेश्वर, कुशीनगर बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष और म्यामांर बौद्ध विहार के प्रमुख भी थे। लम्बी बीमारी के बाद 31 अक्टूबर, 2025 को उनका निधन हो गया था। शिष्यों के दर्शन हेतु उनका पार्थिव शरीर वर्मीज पैगोडा, म्यामांर बौद्ध विहार में रखा गया है, जहाँ पर उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है। उनका अंतिम संस्कार 11 नवम्बर, 2025 को किया जाएगा।
भदंत ज्ञानेश्वर ने अपना जीवन बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार एवं भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के प्रसार में समर्पित कर दिया। उन्होंने कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किए और कुशीनगर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। कुशीनगर में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक विकास हेतु कई शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए। उन्होंने म्यांमार बौद्ध बिहार के प्रमुख के रूप में अनेक कार्य किए। भदंत ज्ञानेश्वर ने कुशीनगर में म्यांमार बौद्ध बिहार परिसर में वर्मीज पैगोडा का निर्माण कराया एवं एक अन्तरराष्ट्रीय केन्द्र के रूप में विकसित किया, जहाँ देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं।
भदंत ज्ञानेश्वर को बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार, शैक्षिक एवं सांस्कृतिक योगदान के लिए म्यांमार सरकार द्वारा सर्वोच्च सम्मान से अलंकृत किया गया था। म्यांमार सरकार ने उन्हें कई बार अन्तरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया, जिसमें वर्ष 2021 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान अभिध्वजा महारथा गुरु भी शामिल है। भदंत ज्ञानेश्वर 04 बार विशिष्ट म्यामांर सम्मान पाने वाले पहले बौद्ध भिक्षु थे।

----------

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने