रायबरेली, 1 अगस्त 2025
जनपद के आठ ब्लॉक – बछरावां, बेला-भेला, डीह, हरचंदपुर, जटुआटप्पा, खीरों, महाराजगंज और सलोन में 10 से 28 अगस्त तक योग्य लाभार्थियों को फ़ाइलेरिया की दवा खिलाये जाने के लिए सर्वजन दवा सेवन (आईडीए)अभियान चलेगा | अभियान के दौरान लोगों दवा का सेवन सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग जागरूकता गतिविधियां कर रहा है | इसी क्रम में बृहस्पतिवार को बछरावां ब्लॉक के ग्राम सेहगों में पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफोर्म (पीएसपी) के सदस्य और ग्राम प्रधान दीपक चौधरी ने पंचायत समिति के सदस्यों के सहयोग से रात्रि चौपाल आयोजित की | ग्राम प्रधान के घर पर आयोजित बैठक में उन्होंने लोगों को बताया कि वह स्वयं भी पीएसपी के सदस्य हैं और आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर आयोजित सीएचओ- पीएसपी
की बैठकों में उन्होंने नियमित रूप से प्रतिभाग किया जहाँ उन्हें जानकारी मिली कि फ़ाइलेरिया को हाथी पाँव भी कहते हैं और यह लाइइलाज है | इस रात्रि चौपाल के आयोजन के पीछे उद्देश्य है कि गांव में 70% लोग किसान हैं और वह दिन में खेत में होते हैं | आशा कार्यकर्ता फ़ाइलेरिया बीमारी, उसके कारण और बचाव के बारे में जानकारी दे पायें | दवाओं को लेकर मन में कोई शंका है तो बैठक में आशा दीदी से पूछ कर उसका समाधान कर सकते हैं |
आशा कार्यकर्ता मिथिलेश कुमारी और दुर्गा देवी ने बताया कि बहुत से लोग कहते हैं कि हमें कोई बीमारी नहीं हैं तो हम दवा का सेवन क्यों करें | ऐसा नहीं है | यह दवायें फ़ाइलेरिया से बचाव की हैं | एक बात और भी ध्यान से सुने कि हो सकता है दवा खाने के बाद कुछ लोगों को चक्कर आये, शरीर में चकत्ते पड़ें, तो घबरायें नहीं | इसका मतलब है कि शरीर में माइक्रोफ़ाइलेरिया थे और जब फ़ाइलेरियारोधी दवा खायी तो इन माइक्रोफ़ाइलेरिया के मरने के कारण यह लक्षण दिखाई दिए | खुशकिस्मत हैं कि समय से पता चल गया और दवा खाने के बाद माइक्रोफ़ाइलेरिया मर गये | इसलिए अभियान के दौरान स्वयं भी दवाओं का सेवन जरूर करें और अन्य लोगों को भी खिलाने के लिए प्रेरित करें | एलईडी के माध्यम से वीडियो क्लिप दिखाकर लोगों को जागरूक किया गया |
ग्रामीण सुनील एवं कमलू ने बताया कि बीमारी के बारे में सुना तो था लेकिन इसकी गंभीरता का ज्ञान नहीं था | बैठक में पता चला कि फ़ाइलेरिया मच्छर के काटने से होती है और इससे लटकने वाले अंग जैसे हाथ,पैर,महिलओं के स्तन और पुरुषों में अंडकोष प्रभावित होते हैं | यह बीमारी ठीक नहीं होती है | लगातार पांच साल तक साल में एक बार फ़ाइलेरियारोधी दवा खाने से फ़ाइलेरिया से बचाव संभव है |
इस बार हम दवा अवश्य खाएंगे और अपने आसपास के लोगों को दवा सेवन के लिए प्रेरित करेंगेI
बैठक में वॉलिंटियर सरवन कुमार व सुशील कुमार सहित 150 ग्रामीणों ने प्रतिभाग किया |
इसी क्रम में ब्लॉक जतुआटप्पा के कोरिहर ग्राम में पीएसपी सदस्य और सरपंच के घर पर रात्रि चौपाल आयोजित हुयी जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी(सीएचओ), आशा कार्यकर्ता, फ़ाइलेरिया मरीज, वालेंटियर और लगभग 77 ग्रामीण मौजूद रहे |

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