मुख्यमंत्री ने चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की
राज्य सरकार गन्ना किसानों को समयबद्ध
भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री
जो चीनी मिलें भुगतान में देरी या हीलाहवाली
करेंगी, उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 2,85,994 करोड़ रु0 गन्ना मूल्य
का भुगतान हुआ, जो वर्ष 1995-2017 की तुलना में 72,474 करोड़ रु0 अधिक
चीनी मिलों को गन्ना खरीद के लिए आवंटित कमाण्ड एरिया
का निर्धारण, उनके द्वारा किसानों को किये जा रहे गन्ना
मूल्य भुगतान के रिकॉर्ड के आधार पर किया जाए
किसानों को उन्नत किस्म के बीज समय पर उपलब्ध हों, इसके लिए
कृषि विज्ञान केन्द्र, चीनी मिलें और गन्ना समितियां मिलकर कार्य करें
गन्ना किसानों के हित में पारदर्शिता, समयबद्धता और तकनीक आधारित नवाचार
सरकार की प्राथमिकता, सभी सम्बन्धित पक्ष इस दिशा में आवश्यक प्रयास करें
लखनऊ : 05 मई, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों को समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है। जो चीनी मिलें भुगतान में देरी या हीलाहवाली करेंगी, उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि चीनी मिलों को गन्ना खरीद के लिए आवंटित कमाण्ड एरिया का निर्धारण, उनके द्वारा किसानों को किये जा रहे गन्ना मूल्य भुगतान के रिकॉर्ड के आधार पर किया जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में विभागीय प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गन्ना मूल्य भुगतान, उत्पादकता, आधारभूत संरचना, रोजगार और भावी योजनाओं की जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ने की बेहतर पैदावार के लिए किसानों को उन्नत किस्म के बीज समय पर उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों (के0वी0के0), चीनी मिलों और गन्ना समितियों को मिलकर कार्य करना होगा। मिल प्रतिनिधियों, समिति पदाधिकारियों और के0वी0के0 के अधिकारियों को खेतों का दौरा कर फसल का अवलोकन करना चाहिए और किसानों से सतत संवाद बनाए रखना चाहिए। साथ ही, किसान गोष्ठियों में मंत्रीगण की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री जी ने गन्ना समितियों को और सशक्त किए जाने की आवश्यकता भी जताई।
मुख्यमंत्री जी ने वर्तमान 142 कार्यदिवसों को बढ़ाकर 155 दिन करने की जरूरत बताते हुए कोऑपरेटिव व फेडरेशन की चीनी मिलों की गहन समीक्षा के निर्देश दिए। निर्देशों के अनुसार इन चीनी मिलों की उत्पादन क्षमता के साथ-साथ वहां कार्यरत कार्मिकों की योग्यता का आकलन भी किया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने मिलवार अद्यतन गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति की समीक्षा भी की। उन्हें अवगत कराया गया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 2,85,994 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ है, जो वर्ष 1995-2017 के 2,13,520 करोड़ रुपये की तुलना में 72,474 करोड़ रुपये अधिक है। वर्ष 2024-25 में निर्धारित 34,466.22 करोड़ रुपये में से 83.8 प्रतिशत अर्थात 28,873.55 करोड़ रुपये का भुगतान विगत 02 मई तक सम्पन्न हो चुका है। मुख्यमंत्री जी ने भुगतान चक्र को और सुचारु बनाने के निर्देश दिए ताकि सभी किसानों को शीघ्र और पूर्ण भुगतान मिल सके।
मुख्यमंत्री जी को गन्ने के क्षेत्रीय विस्तार के विषय में अवगत कराया गया। वर्ष 2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसी अवधि में उत्पादकता भी 72.38 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 84.10 टन/हेक्टेयर तक पहुंची है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि सुनियोजित प्रयास किए जाएं तो उत्तर प्रदेश में गन्ने के उत्पादन और उत्पादकता में दोगुना वृद्धि की पूरी सम्भावनाएं हैं। उन्होंने गन्ना किसानों के हित में पारदर्शिता, समयबद्धता और तकनीक आधारित नवाचार को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए सभी सम्बन्धित पक्षों को इस दिशा में आवश्यक प्रयास करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश के 45 जनपदों में 122 चीनी मिलें, 236 खाण्डसारी इकाइयाँ, 8,707 कोल्हू इकाइयाँ, 65 कोजेन इकाइयाँ और 44 डिस्टिलरी इकाइयाँ संचालित हैं, जिनकी कुल क्रशिंग क्षमता 7,856 किलो लीटर प्रतिदिन (के0एल0पी0डी0) है। इन इकाइयों से प्रत्यक्ष रूप से 9.81 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी को एथेनॉल उत्पादन के संदर्भ में अवगत कराया गया कि वर्ष 2023-24 में राज्य की 102 सक्रिय डिस्टिलरियों से 150.39 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ है। निजी निवेश से 6,771.87 करोड़ रुपये की लागत से अतिरिक्त 105.65 करोड़ लीटर उत्पादन क्षमता स्थापित की जा रही है। मुख्यमंत्री जी ने इस पहल को ऊर्जा सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अत्यन्त लाभकारी बताते हुए ईंधन मिश्रण में एथेनॉल अनुपात बढ़ाने की योजनाओं को शीघ्र क्रियान्वित करने के निर्देश दिए
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