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मुख्यमंत्री ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट पर अपने विचार व्यक्त किए

‘सर्वे भवन्तु सुखिना, सर्वे सन्तु निरामया’ हमारा आदर्श, इसका सबसे अच्छा उदाहरण महाकुम्भ प्रयागराज-2025 का आयोजन: मुख्यमंत्री

महाकुम्भ ने देश की विरासत और विकास की एक अनुपम छाप भारत तथा दुनिया के सामने छोड़ी, 45 दिनों में देश और दुनिया से
66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालु एवं संत प्रयागराज आए

महाकुम्भ विरासत को विकास तथा आस्था को आर्थिकी से जोड़ने का उदाहरण बना, लगभग 03 लाख करोड़ रु0 अर्थात 360 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का व्यापार हुआ

प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से वर्ष 2025-26 का बजट अन्नदाता किसान, युवा, महिला और गरीब को समर्पित करते हुए ‘वंचित को वरीयता’ की थीम पर प्रस्तुत किया गया

इस वर्ष मूल बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ रु0, यह किसी भी राज्य का सबसे बड़ा बजट

वर्ष 2016-17 की तुलना में यह बजट ढाई गुना तथा वर्ष 2024-25 की तुलना में लगभग 10 फीसदी अधिक

वर्ष 2016-17 के बजट में 02 लाख 56 हजार करोड़ रु0 राजस्व प्राप्तियां थीं, चालू वित्त वर्ष में जनवरी माह तक ही 04 लाख 10 हजार करोड़ रु0 से अधिक का राजस्व अर्जित

कैपिटल एक्सपेंडिचर की रोजगार सृजन और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में बड़ी भूमिका, इस वर्ष 02 लाख 25 हजार 561 करोड़़ 49 लाख रु0 कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए प्राविधानित

बजट में नई योजनाओं के लिए 28,478 करोड़़ 34 लाख रु0 का प्राविधान

वर्ष 1950 से लेकर वर्ष 2017 तक प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 12.75 लाख करोड़ रु0 से बढ़कर आज 27.71 लाख करोड़़ रु0 हो गयी

देश में जी0डी0पी0 की वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत, वर्ष 2023-24 में उ0प्र0 की जी0डी0पी0 की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत

प्रदेश में एक वर्ष के अंदर 09 करोड़़ 08 लाख से अधिक लोगों को 01 लाख 11 हजार 637 करोड़ रु0 का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया गया

डी0बी0टी0 ट्रांजैक्शन से प्रदेश सरकार को 10,000 करोड़ रु0 की बचत हुई

प्रदेश की बेरोजगारी दर वर्ष 2017 के 17 से 19 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2023-24 में 3.4 प्रतिशत हुई

प्रयागराज में यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानान्तर तथा गंगा नदी पर शास्त्री ब्रिज के समानान्तर दो नए सेतु के निर्माण हेतु 700 करोड़ रु0 का प्राविधान

10 जनपदों में संत कबीर के नाम पर पी0पी0पी0 मोड में टेक्सटाइल पार्क तथा संत रविदास जी के नाम पर 02 लेदर पार्क बनाए जाएंगे

उ0प्र0 ने बीमारू राज्य से उभरकर देश की अर्थव्यवस्था के ब्रेकर के रूप में नहीं, बल्कि एक ब्रेकथ्रू के रूप में अपनी पहचान बनाई

अन्नदाता किसानों को उन्नत नस्ल का बीज उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ में भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह जी के सम्मान में एक सीड पार्क की स्थापना का निर्णय

प्रत्येक कृषि मण्डी में माता शबरी के नाम पर कैण्टीन और विश्रामालय स्थापित किया जाएगा

सभी 75 जनपदों में 100 एकड़ में पी0पी0पी0 मोड पर इम्प्लाॅयमेन्ट जोन विकसित किये जाएंगे

अटल जी के नाम पर नगरीय क्षेत्रों में डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण का प्राविधान

प्रदेश सरकार ने जीरो पाॅवर्टी के लक्ष्य को साकार करने के लिए अब तक 13.57 लाख परिवारों को चिन्हित किया

प्रदेश में वर्ष 2016 में केवल 21 करोड़ पर्यटक आये, वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 65 करोड़ हो गई

प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आस-पास के क्षेत्र को सम्मिलित करते हुये स्टेट कैपिटल रीजन गठित किया गया

अंसल ग्रुप पर एफ0आई0आर0 दर्ज करने के आदेश दिए गए

मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रु0 की व्यवस्था

बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत तथा कृषि एवं उससे सम्बद्ध क्षेत्र के लिए 11 प्रतिशत आवंटन

उ0प्र0, देश की इकोनाॅमिक फोर्स बनकर उभरे एवं भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करे, इस दृष्टि से बजट में व्यवस्था की गई

लखनऊ: 04 मार्च, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हम ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं। ‘सर्वे भवन्तु सुखिना, सर्वे सन्तु निरामया’ हमारा आदर्श है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण महाकुम्भ प्रयागराज-2025 का आयोजन है। 26 फरवरी, 2025 को महाकुम्भ का समापन हुआ। 45 दिन के इस आयोजन ने देश की विरासत और विकास की एक अनुपम छाप भारत तथा दुनिया के सामने छोड़ी है। महाकुम्भ में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया। यहां जाति, मत, मजहब, क्षेत्र सहित किसी प्रकार का भेद नहीं था। महाकुम्भ में 100 से अधिक देशों के लोग श्रद्धाभाव से आए। जो भी विकास और विरासत के इस अनुपम आयोजन में सहभागी बना, वह अभिभूत होकर गया।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट पर अपने विचार व्यक्त रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के वर्ष 2025-26 के सामान्य बजट पर नेता प्रतिपक्ष व विपक्ष के 34 सदस्यों सहित अब तक 93 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया है। डॉ0 राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि एक सच्चा समाजवादी वह है, जो सम्पत्ति और संतति से दूर रहे। उन्होंने यह भी कहा था कि भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शंकर जब तक भारत के आदर्श हैं, तब तक भारत का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। भारत की एकात्मता के आधार इन तीन देव पुरुषों को जब तक भारत की जनता आदर्श के रूप में मानेगी, तब तक भारत, भारत बना रहेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वयं का हित महत्वपूर्ण हो जाता है, तो परमार्थ की बात नहीं होती है। परमार्थ की बात करने के लिए स्वयं के हित से उबरना पड़ेगा। उस स्व को ढूंढना पड़ेगा। अन्य की पीड़ा के साथ अपनी संवेदना को जोड़ना पड़ेगा। इसी भाव के साथ हमारी सरकार ने लगातार 09वीं बार सदन के सामने बजट प्रस्तुत किया है। श्रद्धेय अटल जी ने कहा था ‘किंतु अपनी ध्येय यात्रा में हम कभी रुके नहीं, किसी चुनौती के सम्मुख कभी झुके नहीं’। प्रदेश सरकार इसी ध्येय के साथ बिना रुके, बिना झुके, बिना डिगे, लोक कल्याण के लिए वंचितों को वरीयता देते हुए प्रदेश की इकोनॉमी को 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के प्रयासों की दिशा में इस बजट को लेकर आयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 26 फरवरी को ही 56 वर्षों के बाद सम्भल में शिव मंदिर पर जलाभिषेक का कार्यक्रम भी हो रहा था। अकेले सम्भल में ही 68 तीर्थ और 19 कूप थे। इन्हें एक शरारत के तहत एक निश्चित समय में समाप्त कर दिया गया था। यह तीर्थ हमारी विरासत का हिस्सा हंै।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जब हम सामान्य बजट पर चर्चा में भाग ले रहे हैं, तब प्रयागराज महाकुम्भ पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ आयोजित होकर अपनी विरासत को आने वाली पीढ़ी को सौंपकर सम्पन्न हो चुका है। 45 दिनों में देश और दुनिया से 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालु एवं संत प्रयागराज आए। इनमें से आधी आबादी महिलाओं की रही होगी। इस दौरान एक भी छेड़खानी, अपहरण, लूट, हत्या सहित कोई अन्य अपराध नहीं घटित हुए। ऐसी एक भी घटना घटित नहीं हुई, जिससे उत्तर प्रदेश, भारत और सनातन धर्मावलम्बी कटघरे में खड़े होते हो। 66 करोड़ से अधिक लोग आए और सुरक्षित अपने घर लौट गए। अनुमान से कहीं ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे थे। जो लोग वहां नहीं पहुंच पाए, उन्हें यह अफसोस है कि कुछ छूट गया है। जो भी प्रयागराज गया और उसने त्रिवेणी में डुबकी लगाई, वह अभिभूत होकर गया। यह भारत की विरासत का ऐसा अनुपम उदाहरण है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ के बारे में विदेशी मीडिया ने बहुत सकारात्मक टिप्पणियां कीं। यू0एस0ए0 के द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा कि यह एक ऐसा आयोजन था, जहां अमेरिका की कुल आबादी से ज्यादा लोग जुटे। बी0बी0सी0 ने इसे मानवता का सबसे बड़ा समागम कहा। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा कि यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समारोह था। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि इस आयोजन में न केवल श्रद्धालु एवं पर्यटक बल्कि नेता और हस्तियां भी पहुंची। राइटर्स ने लिखा यह डिजिटल कुम्भ था। इसमें व्यवस्था बनाने के लिए तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया था। द गार्जियन ने कहा कि यह पर्वों का पर्व था, लोगों की उमंग और उत्साह चरम पर था। सी0एन0एन0 ने कहा दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में 60 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हुए। यह आस्था की अभिव्यक्ति का शानदार नजारा है। यूनेस्को के डायरेक्टर श्री टिम कर्टिस ने कहा कि यूनेस्को ने वर्ष 2019 में कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी थी। इससे पहले वर्ष 2023 से इसके सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय प्रभावों की निगरानी की जा रही थी। कुम्भ मेला प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विश्व को एक नई दृष्टि प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इण्डिया टी0वी0 के एडिटर और देश के प्रतिष्ठित पत्रकार ने कहा कि महाकुम्भ का आयोजन इतने बड़े पैमाने पर करना एक बड़ी हिम्मत का काम था और यह हिम्मत उत्तर प्रदेश सरकार ने दिखायी। यह आयोजन इतना सफल हुआ, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। जब करोड़ों लोग एक साथ, एक जगह पर आते हैं, तो रिस्क होता है। महाकुम्भ के इस महाआयोजन ने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो 66 करोड़ लोगों को मैनेज किया जा सकता है। टेक्नोलॉजी का ठीक से इस्तेमाल किया जाए, तो सिक्योरिटी प्रोवाइड की जा सकती है। कम्युनिकेशन स्किल हो, तो करोड़ों लोगों के आने-जाने का इंतजाम हो सकता है। लोगों का सहयोग मिले, तो रोज लाखों लोगों के खाने का इंतजाम किया जा सकता है। हमेशा डराने वाली पुलिस का व्यवहार दोस्ताना हो सकता है।
हजारों धर्म गुरुओं और साध-संतों का मान रखा जा सकता है। गरीब और अमीर को बिना किसी भेदभाव के संगम में डुबकी का अवसर दिया जा सकता है। अगर बिजनेस की कुशलता हो, तो साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च करके 03 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हासिल किया जा सकता है। अफवाहों के बावजूद कुशल प्रबन्धन से लोगों का भरोसा जीता जा सकता है। महाकुम्भ का यह आयोजन एक अग्नि परीक्षा थी। इस परीक्षा में केन्द्र और राज्य सरकार खरी उतरी है। पूरी दुनिया में सनातन का मान और भारत के मैनेजमेंट स्किल, क्षमता और कुशलता के प्रति विश्वास बढ़ा है। पूरी दुनिया ने यह माना कि जो कोई नहीं कर सकता, वह भारत ने करके दिखाया है। इस अद्भुत आयोजन की गूंज पूरी दुनिया में वर्षों तक सुनाई देगी। यह भारत के सनातन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुछ विपक्षी दलों से जुड़े हुए राज्य सरकारों के नेता भी प्रयागराज महाकुम्भ में आए थे। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री ने इस पवित्र आयोजन के लिए सभी आयोजकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह किसी के भी जीवन का एक ऐतिहासिक क्षण है। सरकार ने यहां आए करोड़ों लोगों के लिए जो व्यवस्था की है, यह कोई छोटा काम नहीं है। सरकार ने अच्छा काम किया है। मैं महाकुम्भ का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं। उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री मुझसे मिलने बंगलुरु आए थे और उन्होंने मुझे महाकुम्भ में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। यह मेरे लिए शानदार अनुभव था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में बहुत सी सक्सेस स्टोरी भी देखने को मिली। महाकुम्भ के आर्थिक पक्ष के विषय में भी अनेक बातें सामने आई। महाकुम्भ का आर्थिक पक्ष यह बताता है कि विरासत और विकास को एक साथ जोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2019 में श्री काशी विश्वनाथ धाम से अपनी विरासत को आगे बढ़ाने की यात्रा प्रारम्भ की थी। वर्ष 2020 में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीराम मन्दिर के शिलान्यास से यह यात्रा आगे बढ़ी। प्रयागराज महाकुम्भ इसके एक चरम उत्कर्ष के रूप में देश और दुनिया के सामने आया है। महाकुम्भ विरासत को विकास तथा आस्था को आर्थिकी से जोड़ने का उदाहरण बना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कैग के अनुसार महाकुम्भ में लगभग 03 लाख करोड़ रुपये अर्थात 360 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का व्यापार हुआ है। यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सहभागी बनेगा। महाकुम्भ 2025 से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का लाभ मिलने का अनुमान है। प्रयागराज और इसके आसपास के जनपदों को महाकुम्भ का प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार श्री अनंत नागेश्वर ने कहा है कि महाकुम्भ मेले के कारण उपभोग खर्चे में तेज बढ़ोत्तरी हुई। इससे भारत को चालू वित्तीय वर्ष में 6.5 प्रतिशत की विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्य संस्थाओं द्वारा लगाए गए अनुमानों के अनुसार होटल उद्योग में 40 हजार करोड़ रुपये, खाने-पीने और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं में 33 हजार करोड़ रुपये, परिवहन में 1.5 लाख करोड़ रुपये, पूजन सामग्री में 20 हजार करोड़़ रुपये, दान आदि में 660 करोड़ रुपये, टोल टैक्स में 300 करोड़ रुपये और अन्य में लगभग 66 हजार करोड़ रुपये, कुल 03 लाख 960 करोड़ रुपये से अधिक आर्थिक समृद्धि इसके माध्यम से प्रदेश को प्राप्त होने वाली है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ ने आस्था के 05 नये कॉरिडोर विकसित किए हैं। इनमें प्रयागराज से माँ विन्ध्यवासिनी धाम व काशी; प्रयागराज से अयोध्या व गोरखपुर; प्रयागराज से श्रृंगवेरपुर, लखनऊ व नैमिषारण्य; प्रयागराज से लालापुर, राजापुर व चित्रकूट और प्रयागराज से मथुरा-वृन्दावन व शुकतीर्थ के कॉरिडोर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री जी ने एक नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी का उदाहरण देते हुए कहा कि इस नाविक परिवार के पास 130 नौकाएं थी। 45 दिन की अवधि में इन्होंने 30 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत की है। एक नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपये की कमाई की है। प्रतिदिन एक नाव की आय 50 हजार से 52 हजार रुपये थी। 27 फरवरी को प्रयागराज में हमने माँ गंगा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की, माँ गंगा का पूजन किया और सफाई भी की थी। इसके उपरान्त पूरे महाकुम्भ के आयोजन को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान देने वाले स्वच्छताकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान का कार्यक्रम किया। प्रयागराज में नाविको से संवाद का कार्यक्रम भी था। उनके लिए एक पैकेज की घोषणा की गई थी। इसके उपरान्त उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और रेलवे से जुड़े हुए अधिकारियों और कर्मचारियों, जिन्होंने श्रद्धालुजनों को वहां तक पहुंचाने में अपना योगदान दिया था, के प्रति हमने धन्यवाद ज्ञापित किया था। हमने प्रयागराज में सुरक्षा और प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ भी कार्यक्रम आयोजित किया और उनके साथ हमने सहभोज किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ उत्तर प्रदेश की सामथ्र्य को देश के सामने और देश की सामथ्र्य को दुनिया के सामने रखने में सफल हुआ। विपक्षियों का दुष्प्रचार भारत की आस्था को डगमगा नहीं पाया। उनकी नकारात्मक बातों पर प्रदेश और देश की जनता ने विश्वास नहीं किया। सरकार ने साढ़े सात हजार करोड़़ रुपये केवल कुम्भ के लिए ही खर्च नहीं किए। हमारे लिए यह आयोजन प्रयागराज जैसे पौराणिक शहर के सस्टेनेबल और व्यवस्थित विकास की एक रूपरेखा तैयार करने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था। महाकुम्भ के माध्यम से प्रयागराज में उसके लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर को देने में हम सफल हुए। 200 से अधिक सड़कों का चैड़ीकरण हुआ। 14 फ्लाईओवर बने, 09 अण्डरपास बनाए गए। 12 कॉरिडोर बने, इनमें अक्षयवट, श्री बड़े हनुमान जी मन्दिर, सरस्वती कूप, पातालपुरी, नागवासुकि मन्दिर, महर्षि भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर तथा श्रृंगवेरपुर में भगवान श्रीराम और निषादराज की गले मिलती हुई प्रतिमा की स्थापना के साथ ही एक कॉरिडोर का विकास किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में यह हमारी सरकार का 9वां आम बजट था। हमारा हर बजट एक निश्चित थीम के साथ प्रस्तुत किया गया है। वर्ष 2017-18 का पहला बजट प्रदेश के अन्नदाता किसानों को समर्पित किया गया था। यह कृषि बाहुल्य प्रदेश है। उस समय किसानों के लिए ऋण माफी के एक बड़े कार्यक्रम के साथ बजट प्रस्तुत किया गया था। आज हमारे अन्नदाता किसान खुशहाल हैं। वर्ष 2018-19 का बजट उत्तर प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास को समर्पित किया गया था। उत्तर प्रदेश, देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। ऐसे प्रदेश के लिए इसी के अनुरूप इन्फ्रास्ट्रक्चर भी चाहिए। इसी दौरान प्रदेश की पहली इन्वेस्टर्स समिट भी आयोजित की गयी थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019-20 का बजट मातृशक्ति को समर्पित किया गया था। इसके लिए मिशन शक्ति के कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बजट को महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित किया था। वर्ष 2020-21 का बजट प्रदेश की युवा शक्ति को समर्पित किया गया था। वर्ष 2021-22 का बजट स्वावलम्बन से सशक्तिकरण की थीम पर आधारित था। वर्ष 2022-23 का बजट अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दृष्टि से प्रस्तुत किया गया था। वर्ष 2023-24 का बजट त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की आधारशिला रखने वाला था। वर्ष 2024-25 का बजट लोकमंगल को समर्पित रामराज की अवधारणा को जीवंत करने का बजट रहा है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर प्रभु श्रीरामलला के 500 वर्षों के बाद विराजमान होने की स्मृति को जीवन्त बनाए रखने के लिए बजट को उस प्रकार के कार्यक्रमों के साथ जोड़ा गया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से वर्ष 2025-26 का बजट अन्नदाता किसान, युवा, महिला और गरीब को समर्पित करते हुए ‘वंचित को वरीयता’ की थीम पर प्रस्तुत किया गया है। यह बजट अन्त्योदय से उन्नत अर्थव्यवस्था तक, ईज ऑफ लिविंग से ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस तक, कृषि से गरीब कल्याण तक, आस्था से आजीविका तक, शिक्षा से स्वावलंबन तक, संस्कृति से समृद्धि तक और महिला सशक्तिकरण के संकल्प को पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाते हुए एक विकसित उत्तर प्रदेश की आधारशिला को मजबूत करने के संकल्प की पूर्ति के लिए प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा लोक कल्याण संकल्प पत्र 05 वर्ष के लिए प्रस्तुत किया गया है। आगामी 25 मार्च को हमारी सरकार के 03 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। हम 151 में से 138 घोषणाएं पूरी कर चुके हैं। कुछ घोषणाएं इस बजट में की गई हैं तथा कुछ की घोषणा अगले बजट में की जाएगी। जनता को हम पर विश्वास है कि हम जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2024-25 में मूल बजट का आकार 07 लाख 36 हजार करोड़ रुपये था। उस समय दो अनुपूरक बजट लेकर आए थे, जो कुल 30 हजार करोड़ रुपये के थे। इस प्रकार वर्ष 2024-25 के बजट का कुल आकार 07 लाख 66 हजार करोड़ रुपये था। इस वर्ष हमारे मूल बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ रुपये का है। यह किसी भी राज्य का सबसे बड़ा बजट है। हमारी सरकार बजट के दायरे को बढ़ाने में सफल हुई है। वर्ष 2016-17 की तुलना में यह बजट ढाई गुना बड़ा है और वर्ष 2024-25 की तुलना में यह लगभग 10 फीसदी अधिक है। बजट के दायरे में यह वृद्धि समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के स्वावलम्बन, प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट, आमजन के जीवन स्तर को उठाने तथा उन्हें बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने, प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में आर्थिक विकास को तेज करने के लिए की गई है। बजट में लोक कल्याण के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की प्रतिबद्धता दिखाई देती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2016-17 के बजट में 02 लाख 56 हजार करोड़ रुपये राजस्व प्राप्तियां थी। हमारी सरकार ने चालू वित्त वर्ष में जनवरी माह तक ही 04 लाख 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है। यह निरन्तर आगे बढ़ेगा। कैपिटल एक्सपेंडिचर की रोजगार सृजन और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में बड़ी भूमिका होती है। इस वर्ष 02 लाख 25 हजार 561 करोड़़ 49 लाख रुपये इस बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए प्राविधानित किये गये हैं। यह अर्थव्यवस्था की  दिशा तय करता है, सप्लाई चेन को बेहतर करता है, उद्योग जगत को प्रोत्साहित करता है, निवेश को बढ़ाता है, निर्माण तथा रोजगार के सृजन एवं सस्टेनेबल व फास्ट ग्रोइंग इकोनाॅमी का आकार लेने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। मूल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत भाग कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बजट में नई योजनाओं के लिए भी प्राविधान किया गया है। इसके लिए 28,478 करोड़़ 34 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है। 03 वर्ष तक वैश्विक महामारी कोरोना का सामना करते हुए भी वर्ष 2016-17 की तुलना में हमारी सरकार प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने में सफल हुई है। वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय लगभग 46,000 रुपये थी, यह वर्ष 2023-24 में बढ़कर 93,514 रुपये हुई है। इस दौरान प्रति व्यक्ति आय में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 में सेल्स टैक्स और वैट में केवल 49,000 करोड़ रुपये का कलेक्शन हो पाता था, हमारी सरकार में वर्ष 2024-25 में यह लगभग 94 हजार करोड़़ रुपये पहुंचा है। इसे हम आगे बढ़ा रहे हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश जी0एस0टी0 रजिस्ट्रेशन में देश में प्रथम स्थान पर है। अकेले उत्तर प्रदेश में जी0एस0टी0 में 32 लाख रजिस्ट्रेशन कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में स्टेट एक्साइज में कुल कलेक्शन 12,000 करोड़ रुपये था, आज यह बढ़कर 54,000 करोड़ रुपये हुआ है। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में कुल कलेक्शन 08 से 09 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 25 से 26 हजार करोड़ रुपये हुआ है। परिवहन में कुल कलेक्शन 5,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,000 करोड़ रुपये हुआ है। यह दिखाता है कि प्रदेश में व्यावसायिक गतिविधियां तेज हुई है, कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। सरकार ने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए जो माहौल बनाया है, उसके परिणाम आज सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश का राजकोषीय घाटा 2.97 प्रतिशत है। यह एफ0आर0बी0एम0 की लिमिट 03 प्रतिशत से कम है। यह राजकोषीय अनुशासन, सुशासन तथा सरकार के विजन का भी प्रमाण है। नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर राज्य की श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के फिसकल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है। व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है। वर्ष 2018 से वर्ष 2023 की अवधि में कैपिटल एक्सपेंडिचर कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा है। प्रदेश ने इसमें काफी लंबी छलांग लगाई है। इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा है। आर0बी0आई0 की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के सभी राज्यों की स्वयं के कर की प्राप्ति में उत्तर प्रदेश का अंश वर्ष 2022-23 में 9.9 प्रतिशत था। यह वर्ष 2023-24 में बढ़कर 10.5 प्रतिशत तथा वर्ष 2024-25 में 11.6 प्रतिशत हो गया। उत्तर प्रदेश देश में नंबर दो पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में ब्याज पर किया जाने वाला व्यय वर्ष 2022-23 में 12.6 प्रतिशत, वर्ष 2023-24 में 12.3 प्रतिशत तथा वर्ष 2024-25 में 12.1 प्रतिशत है। ब्याज पर जो धनराशि व्यय होती है, वह राजकोष से दी जाती है। उत्तर प्रदेश में यह घटकर क्रमशः 10.3 प्रतिशत, 9.4 प्रतिशत और 8.9 प्रतिशत है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत में स्वयं के कर से प्राप्त आय में अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में अच्छा कलेक्शन हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की आबादी का सबसे बड़ा राज्य है। देश के ग्रोथ इंजन के रूप में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका है। प्रदेश में सर्वाधिक संसाधन होने के बावजूद वर्ष 1950 से लेकर वर्ष 2017 तक प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 12.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची थी। विगत 08 वर्षों में प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 बढ़कर 27.71 लाख करोड़़ रुपये हो गयी है। इस दौरान प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 को दोगुने से अधिक करने में प्रदेश सरकार सफल रही है। देश की जी0डी0पी0 में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी सातवें नम्बर से आज दूसरे स्थान पर आ गई है। आज प्रदेश देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था बन चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में जी0डी0पी0 की वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत है। वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश की जी0डी0पी0 की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस राज्य के रूप में आगे बढ़ा है। प्रदेश में कर चोरी को रोका गया तथा  रेवेन्यू लीकेज को समाप्त किया गया है। डिजिटल मेकैनिज्म को अपनाया गया। इसके परिणामस्वरूप शासन की कार्य पद्धति में ट्रांसपेरेंसी आयी है। उत्तर प्रदेश में एक-एक पैसे का उपयोग विकास एवं गरीबों के कल्याण के लिए किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विगत 08 वर्षों में एक भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है। प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाया गया है। जी0एस0डी0पी0 को दोगुना करने में सफलता प्राप्त हुई है। उत्तर प्रदेश को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने के कार्य किए गए हैं। प्रदेश में वैट की दर सबसे कम है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। यही रामराज्य की अवधारणा है। भगवान श्रीराम ने भरत से कहा था कि ‘बरसत हरषत लोग सब करषत लखै न कोइ। तुलसी प्रजा सुभाग ते भूप भानु सो होइ’। अर्थात हमें कर इस प्रकार लेना चाहिए, जैसे सूर्य समुद्र, नदी, तालाब से जल लेता है, लेकिन किसी को पता ही नहीं चलता है। जब वह बादल के रूप में जरूरत की जगह पर बरसता है, तब सभी को पता चलता है और सभी खुश हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार को कर इस प्रकार लेना चाहिए कि किसी को पता भी ना चले और किसी को पीड़ा ना हो। जब इस टैक्स का प्रयोग जनता के हित में हो, जैसे वर्तमान प्रदेश सरकार एक्सप्रेस-वे, हाईवे, इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी, मेडिकल कॉलेज, स्मार्ट सिटी, स्कूल-कॉलेज-यूनिवर्सिटी या हॉस्पिटल का निर्माण कर रही है, तो जनता का कल्याण एवं विकास होता है। प्रदेश सरकार इसी भाव के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में डिजिटल क्रांति का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बनकर उभरा है। प्रदेश में डिजिटल लेनदेन बढ़ा है। वर्ष 2017-18 में
122.84 करोड़ का डिजिटल ट्रांजेक्शन होता था। दिसम्बर, 2024 में 1024.41 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन उत्तर प्रदेश से हुआ है। डिजिटल लेन-देन में उत्तर प्रदेश देश में नम्बर एक स्थान पर है। यहां आधे से अधिक लेन-देन यू0पी0आई0 के माध्यम से हुए हैं। डिजिटल ट्रांजेक्शन यह प्रदर्शित करता है कि डिजिटल बैंकिंग आसान हुई है। गांव-गांव तक इण्टरनेट और वाई-फाई की सुविधा प्राप्त हुई है, वित्तीय जागरूकता एवं उपकरणों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध हुई है। 20,416 बैंक, 04 लाख 932 बैंक मित्र और बी0सी0 सखी, 18,747 ए0टी0एम0 तथा 04 लाख 40 हजार बैंकिंग केन्द्रों के माध्यम से बैंकिंग सुविधा प्रदेशवासियों को उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डी0बी0टी0 ने भ्रष्टाचार पर सबसे कठोर प्रहार किया है। यह बजरंगबली की गदा है। डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभार्थी का पैसा सीधे उसके अकाउंट में पहुंच रहा है। 11 विभागों की 207 योजनाओं में प्रदेश में एक वर्ष के अंदर 09 करोड़़ 08 लाख से अधिक लोगों को 01 लाख 11 हजार 637 करोड़ रुपये का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया गया है। इनमें 113 केंद्रीय और 94 राज्य सेक्टर की योजनाएं हैं। डी0बी0टी0 ट्रांजैक्शन से प्रदेश सरकार को 10,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एफ0डी0आई0 वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2017 तक 3,300 करोड़ रुपये था। वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के मध्य 07 वर्षों में उत्तर प्रदेश में 14,008 करोड़़ एफ0डी0आई0 आया है। यह दिखाता है कि प्रदेश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। बैंकिंग तंत्र किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश में कुल 12 लाख 75 हजार करोड़़ रुपये बैंकों में जमा होते थे। वर्ष 2024-25 में बैंकों में 29 लाख 66 हजार करोड़ रुपये से अधिक जमा हुए हैं। वर्ष 2016-17 में सी0डी0 रेशियो 44 से 45 प्रतिशत के बीच था। आज यह बढ़कर 61 फीसदी तक पहुंचा है। आर0बी0आई0 केे अनुसार बैंक और वित्तीय संस्थानों से प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग में फण्ड आकर्षित करने के लिए 16.2 प्रतिशत की दर से उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के अन्तर्गत वित्तीय समावेशन, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन स्कीम में उत्तर प्रदेश देश में नम्बर एक स्थान पर है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में उत्तर प्रदेश नम्बर दो पर है। पी0एम0 स्वनिधि योजना में स्ट्रीट वेण्डर को ऋण देने में प्रदेश देश में नम्बर एक है। देश में सर्वाधिक आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में अब उत्तर प्रदेश नम्बर दो स्थान पर आ चुका है। यह इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 17 से 19 प्रतिशत थी। विगत 07 से 08 वर्षों में बेरोजगारी दर लगातार घटी है। वर्ष 2023-24 में प्रदेश में यह दर 3.4 प्रतिशत थी। देश के अन्य राज्यों-जम्मू कश्मीर में यह 6.7 प्रतिशत, केरल में 07 प्रतिशत तथा पंजाब व हिमाचल प्रदेश में 4.3 प्रतिशत है। आज उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास के नए दौर का अनुभव कर रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे से फर्रुखाबाद को जोड़ने के लिए 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के विकास के लिए मार्गाें के चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण/निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ग्राम योजना के अन्तर्गत ग्रामीण मार्गों के पुनर्निर्माण और मिसिंग गैप के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। गंगा एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे व बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे इस वर्ष तक पूर्ण कर लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस बजट में कुछ नए कार्यों की भी घोषणा की गई  है। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे, जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य के लिए व्यवस्था की गई है। प्रयागराज से मीरजापुर, भदोही, वाराणसी, चन्दौली और गाजीपुर को जोड़ने के लिए विन्ध्य एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को गाजीपुर से चन्दौली और शक्तिनगर तक जोड़ने, गंगा एक्सप्रेस-वे को चित्रकूट-बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से जोड़ने और गंगा एक्सप्रेस-वे को मेरठ से हरिद्वार को जोड़ने के लिए भी बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे गंगा नदी के समानान्तर बन रहा है। हमारा प्रयास है कि शुकतीर्थ को भी इससे जोड़ा जाए। सहारनपुर में माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर के विकास के लिए प्रदेश सरकार हर प्रकार की सहायता करने के लिए तैयार है। शुकतीर्थ के विकास के लिए सरकार ने एक तीर्थ परिषद का गठन किया है। विदुर कुटी के विकास के लिए भी सरकार प्रयासरत है। कनेक्टिविटी को बढ़ाने और लॉजिस्टिक्स काॅस्ट को कम करने के लिए बजट में प्रस्ताव है। प्रयागराज में यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानान्तर तथा गंगा नदी पर शास्त्री ब्रिज के समानांतर दो नए सेतु के निर्माण हेतु 700 करोड़ रुपये के बजट का प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ो योजना के अन्तर्गत 100 करोड़ रुपये चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना व अन्य कार्यों के लिए भी हमने व्यवस्था की है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप रिफॉर्म, परफॉर्म व ट्रांसफॉर्म पर कार्य करते हुए 33 सेक्टोरल पॉलिसीज बनाई हैं। निवेशकों को सिंगल विण्डो सिस्टम के माध्यम से 500 से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना की सफलता को पूरा देश जानता है। यह योजनाएं न केवल उत्तर प्रदेश की पहचान बनी हैं, बल्कि प्रदेश में रोजगार का व्यापक आधार भी बनी हैं। उत्तर प्रदेश का एक्सपोर्ट 86,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 02 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने निवेश के 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतरने में सफलता प्राप्त की है। इससे 60 लाख से अधिक नौजवानों को प्रदेश में नौकरी उपलब्ध कराने में भी मदद मिली है।
प्रधानमंत्री मित्र योजना के अन्तर्गत लखनऊ-हरदोई में एक मेगा इण्टीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क बनाया जा रहा है। राज्य सरकार जनपद हरदोई व कानपुर में एक मेगा लेदर क्लस्टर बनाने, जनपद गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, जनपद कन्नौज में परफ्यूम पार्क, जनपद गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और हापुड़ में केमिकल व फार्मा पार्क बनाने के कार्य को आगे बढ़ा रही है। प्रदेश सरकार ने 10 जनपदों में संत कबीर के नाम पर पी0पी0पी0 मोड में टेक्सटाइल पार्क बनाने की एक बड़ी योजना की घोषणा की है। संत रविदास जी के नाम पर 02 लेदर पार्क बनाए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में लगभग 01 करोड़ एम0एस0एम0ई0 इकाइयां हैं। प्रदेश सरकार ने एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को 05 लाख रुपये का एक सुरक्षा बीमा कवर दिया है। यह योजना उत्तर प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू हो रही है। विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार ने जिन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है, उसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश ने बीमारू राज्य से उभरकर देश की अर्थव्यवस्था के ब्रेकर के रूप में नहीं, बल्कि एक ब्रेकथ्रू के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि क्षेत्र उत्तर प्रदेश का मुख्य आधार रहा है। यह हमारी पहचान है। अन्नदाता किसानों के बल पर न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों के पेट को भरने का अन्न, हमारा अन्नदाता किसान उत्तर प्रदेश से देने का प्रयास करता है। वर्ष 2016-17 से पूर्व किसानों की स्थिति बदहाल थी। उन्हें सिंचाई, बिजली, अच्छे बीज, तकनीक नहीं मिल पाती थी। वह कर्ज के बोझ तले दबे थे। कृषि विकास की दर 8.6 प्रतिशत से कम थी। आज राज्य सरकार ने अपने अन्नदाता किसानों को विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराईं है, जिसके कारण कृषि विकास दर लगभग 14 प्रतिशत तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त हुई है।
वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपना पहला बजट किसानों की फसल ऋण माफी से प्रारम्भ किया था। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, स्वाॅयल हेल्थ कार्ड योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और लागत का डेढ़ गुना दाम अन्नदाता किसानों को देने जैसे विभिन्न कार्यक्रमों को बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने पर्याप्त मात्रा में किसानों को खाद, बीज उपलब्ध कराने का कार्य किया है। इसके परिणाम हम सभी के सामने हैं। उत्तर प्रदेश 400 लाख टन सब्जी का उत्पादन करने के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न उत्पादन 557 लाख मीट्रिक टन होता था। आज वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 667.3 लाख मीट्रिक टन हो गया है। आज सरकार किसानों से सीधे खाद्यान्न खरीदती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन 27.25 कुन्तल प्रति हेक्टेयर था। वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 30.51 कुन्तल प्रति हेक्टेयर हुआ है। तिलहन की उत्पादकता वर्ष 2016-17 में मात्र 12 लाख मीट्रिक टन थी, जो वर्ष 2023-24 में 128 प्रतिशत बढ़कर 28.31 लाख मीट्रिक टन हो गयी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2.50 करोड़ से अधिक किसानों को 80 हजार करोड़ रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2024-25 में माह दिसम्बर तक 28.25 लाख कृषकों द्वारा 19.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल का बीमा कराया गया है, जिसमें 9.33 लाख बीमित कृषकों को 495.41 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से अब तक 02 लाख 73 हजार करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया, जो वर्ष 1995 से मार्च, 2017 तक 22 वर्षों में हुए कुल भुगतान से 60 हजार करोड़ रुपये अधिक है। वर्तमान में 119 चीनी मिलें क्रियाशील हैं। चीनी मिलों की दैनिक पेराई क्षमता जो वर्ष 2017 से पूर्व 7.50 लाख टी0सी0डी0 थी, वह बढ़कर अब 8.26 लाख टी0सी0डी हो गयी है। इस दौरान 03 नई चीनी मिलों की स्थापना, 06 चीनी मिलों का पुर्नसंचालन तथा 38 चीनी मिलों का क्षमता विस्तार हुआ है। इससे लगभग 1.25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है।
प्रदेश में 285 नई खाण्डसारी इकाइयों की स्थापना हुई है, जिससे लगभग 42 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। इस वित्तीय वर्ष के बजट में बागपत व छाता की चीनी मिलों की क्षमता को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में वर्ष 2017 में 42 करोड़ लीटर एथेनाॅल का उत्पादन होता था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 177 करोड़ लीटर हो गया है। यह चीजें दिखाती हैं कि प्रदेश सरकार ने अच्छे प्रयास किये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2012 से 2017 के बीच 19 लाख लोगों से बिचैलियों के माध्यम से 94.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया और 12,808 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं वर्ष 2017 से 2024 के मध्य राज्य सरकार द्वारा 49 लाख 69 हजार 576 किसानों से 233.99 लाख मीट्रिक टन खरीद कर डी0बी0टी0 के माध्यम से 43 हजार 424 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसानों को किया गया। यह भुगतान लगभग साढ़े तीन गुना अधिक है। धान खरीद में वर्ष 2012 से 2017 के बीच 14 लाख 87 हजार किसानों से 123 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर 17 हजार 190 करोड़ रुपये का भुगतान बिचैलियों के माध्यम से किया गया। वहीं वर्ष 2017 से 2024 के बीच प्रदेश सरकार ने 69 लाख 82 हजार 716 किसानों से 456.86 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है, जो वर्ष 2012 से 2017 की तुलना में तीन गुना से अधिक है। इन किसानों को 88 हजार 746 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया गया है। यह भुगतान वर्ष 2012 से 2017 की तुलना में पांच गुना अधिक है। यह दिखाता है कि राज्य सरकार ने लागत से डेढ़ गुना दाम अपने अन्नदाता किसानों को डी0बी0टी0 के माध्यम से देने का कार्य किया है। सरकार बाजरा की खरीद कर रही है। प्रदेश में पहली बार ज्वार की खरीद हुई है। मक्का भी सीधे किसानों से खरीदा जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश मंे 60 हजार महिलाओं को महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सीड लिंक की व्यवस्था से जोड़ने का कार्य किया गया है। अन्नदाता किसानों को उन्नत नस्ल का बीज प्राप्त हो, इसके लिए लखनऊ में 251 करोड़ रुपये की लागत से भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह जी के सम्मान में एक सीड पार्क की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश के 26 जनपदों को यूपी एग्रीज योजना के अन्तर्गत आच्छादित करने के लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपये के निवेश के नए प्रस्ताव को राज्य सरकार लेकर आयी है। इससे कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्नदाता किसानों के लिए एक बड़ी योजना लेकर आयी है। इसके तहत प्रत्येक कृषि मण्डी में माता शबरी के नाम पर कैण्टीन और विश्रामालय स्थापित किया जाएगा। कैण्टीन में सस्ती दरों पर अन्नदाता किसानों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके पहले चरण में जनपद की प्रमुख मण्डी में इसे स्थापित किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण’ योजना में वर्ष 2019 में किसान, किसान के परिवार के साथ-साथ बटाईदारों को भी शामिल किया था। इस बार के बजट में 1,050 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस योजना के लिए की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम अपने दायित्वों का निर्वहन करके गोवंश को सड़कों पर भटकने नहीं देंगे। प्रदेश सरकार ने इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गो आश्रय स्थल बनवाएं हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 12 लाख 50 हजार गोवंश कुल 7,713 गोआश्रय स्थलों में संरक्षित हैं। 01 लाख 05 हजार पशुपालकों को 1,63,000 गोवंश सुपुर्द किये गये हैं। इसमें इन पशुपालकों 50 रुपये प्रतिदिन प्रति गोवंश अर्थात प्रति गोवंश 1,500 रुपये प्रतिमाह प्रदेश सरकार उपलब्ध करा रही है। एक पशुपालक को 04 गोवंश संरक्षित करने का अधिकार दिया गया है। बजट में निराश्रित गोवंश हेतु 02 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। आॅपरेशन कायाकल्प से 95 प्रतिशत से अधिक परिषदीय विद्यालय लाभान्वित हुए हैं। विद्यालय में अच्छी फ्लोरिंग की व्यवस्था है। बालक-बालिकाआंे के लिए अलग-अलग शौचालय बनाये गये हैं। शुद्ध पेयजल, स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी सहित विभिन्न सुविधाएं इन विद्यालयों में उपलब्ध करायी गयी हैं। इस वित्तीय वर्ष के बजट में परिषदीय विद्यालयों मंे विभिन्न सुविधाएं विकसित करने के लिए 02 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की है। पी0एम0 श्री योजना के अन्तर्गत 580 करोड़ रुपये तथा प्राथमिक विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल में बदलने के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा युवा अपार ऊर्जा का स्रोत है। इस ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए एन0सी0सी0 प्रशिक्षण हेतु एन0सी0सी0 अकादमी की स्थापना के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न प्रकार के विश्वविद्यालयों के लिए भी बजट में व्यवस्था की गई है। राजकीय पॉलिटेक्निकों में न्यू एज कोर्सेज व तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए 1,00 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। आगरा और वाराणसी में साइंस सिटी के लिए भी बजट में प्राविधान किया गया है।
हमारे युवाओं को रोजगार प्राप्त हो, यह सरकार की प्राथमिकता है। युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं है। जिसने भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया, हमने उसकी पूरी सम्पत्ति जब्त करके कड़ी कार्रवाई करने के प्रभावी कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने 7.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां उपलब्ध करायी हैं। एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को नया जीवनदान देते हुए 02 करोड़ युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया गया है। प्रदेश सरकार ने युवाओं को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़ते हुए नए रोजगार का सृजन करने, निवेश के माध्यम से नए रोजगार और नौकरी उपलब्ध करवाने में सफलता प्राप्त की है।
सभी 75 जनपदों में 100 एकड़ में पी0पी0पी0 मोड पर इम्प्लाॅयमेन्ट जोन विकसित किये जाएंगे, जहां रोजगार सृजन का कार्य होगा। राज्य सरकार इस योजना को सरदार पटेल जनपदीय इम्प्लाॅयमेन्ट जोन के रूप में डेवलप करने जा रही  है। इसके साथ ही यह वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। अटल जी की स्मृतियों को नमन करते हुए सरकार ने नगरीय क्षेत्रों में डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण का भी प्राविधान बजट में किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति के लिए निगम गठित किया जाएगा। आउटसोर्सिंग कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 16 से 18 हजार रुपये डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके बैंक खाते में जाएगा। शोषण से मुक्त एक व्यवस्था देने का कार्य राज्य सरकार करेगी। यह कार्य इसी वर्ष से प्रारम्भ होगा। पं0 दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अन्तर्गत बजट में 427 करोड़ रुपये की व्यवस्था युवाओं के प्रशिक्षण के लिए की गयी है। राज्य में वनाच्छादन व पारिस्थितिकी की चिन्ताओं को ध्यान में रखते हुए तथा औद्यानिक फसलों के विकास के लिए प्रदेश के पहले वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की शुरुआत 24 जनवरी, 2025 से  की जा चुकी है। अब तक इस योजना में 96 हजार युवाओं ने आवेदन किया है। 76 हजार आवेदन बैंकों को प्रेषित किये जा चुके हैं। लगभग 25 हजार आवेदन स्वीकृत किये जा चुके हैं और 06 हजार से अधिक युवाओं को ऋण वितरित किया जा चुका है। इन युवाओं का प्रशिक्षण हो रहा है। इस योजना के माध्यम से हमारा युवा आगे बढे़गा और नये रोजगार का सृजन भी करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा व स्वावलम्बन के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से अब तक 96 लाख महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। बी0सी0 सखी योजना के अन्तर्गत अकेले उत्तर प्रदेश में 39,556 बी0सी0 सखी के द्वारा 31,103 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय लेन-देन किया जा चुका है, जिसके माध्यम से उन्होंने 84.38 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभांश भी अर्जित किया है। लखपति दीदी योजना के अन्तर्गत 31 लाख से अधिक लखपति दीदियों को चिन्हित किया गया है। इसमें से 02 लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 03 महिला पी0ए0सी0 बटालियन का गठन, वीरांगना ऊदा देवी, वीरांगना झलकारी बाई, वीरांगना अवन्तीबाई के नाम पर किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस में 1,56,000 कार्मिकों की भर्ती की गई, जिसमें 20 प्रतिशत अनिवार्य रूप से महिलाओं की भर्ती हुई है। 60,200 पुलिस भर्ती की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। इस बार बजट में मेधावी छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना शुरु की जा रही है। इसके लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गरीब परिवार की बेटी की शादी के लिए धनराशि को 51,000 रुपये से बढ़ाकर 01 लाख रुपये किया गया है। इसके साथ ही, विधवा पुनर्विवाह की राशि 11,000 से बढ़कर और विधवाओं की पुत्री की विवाह की अनुमन्य राशि 10,000 से बढ़कर 01 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के अतिरिक्त मानदेय के लिए भी 971 करोड़ रुपए की व्यवस्था इस बजट में की गई है। यह वर्ष पुण्यश्लोका लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का 300वीं जयंती वर्ष है। जितनी भी कामकाजी महिलाएं हैं, उनके लिए 07 स्थानों पर छात्रावास खोलने का निर्णय लिया है। यह छात्रावास वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर, झांसी और आगरा में खोले जाएंगे। यह सभी हॉस्टल लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 01 करोड़ 04 लाख से अधिक परिवारों को प्रदेश सरकार 12 हजार रुपये सालाना पेेंशन की सुविधा उपलब्ध करा रही है। पिछली सरकार में 9,66,706 महिलाओं को 500 रुपये प्रतिमाह निराश्रित महिला पेंशन दी जाती थी। डबल इंजन सरकार में 34.14 लाख महिलाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह यह पेंशन दी जा रही है। वर्ष 2017 से पूर्व 36,52,607 लोगों को 300 रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन दी जाती थी। प्रदेश सरकार में आज 60,99,901 लोगों को 1000 रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। पिछली सरकार में दिव्यांगजन पेंशन 8,75,992 लोगों को दी थी, जबकि वर्तमान समय में 11,03,739 लोगों को प्रतिमाह 1000 रुपये दिव्यांजन पेंशन दी जा रही है। यह सभी पेंशन राज्य सरकार डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में नियमित रूप से अन्तरित कर रही है। पिछली सरकार में 4,765 लोगों को कुष्ठावस्था पेंशन दी जाती थी, जबकि वर्तमान में 12,361 लोगों को यह पेंशन दी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में 25 करोड़ और प्रदेश में 06 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं। आज वह सभी सामान्य जीवन यापन कर रहे हैं। आज प्रदेश में 06 करोड़ लोगों को आगे बढ़ने की दिशा में नवजीवन मिला है। प्रदेश सरकार ने जीरो पाॅवर्टी के लक्ष्य को साकार करने के लिए अब तक 13.57 लाख परिवारों को चिन्हित किया है। प्रदेश सरकार ने 17 परियोजनाओं को कन्वर्जेंस के साथ कार्रवाई प्रारम्भ की है। इसमें राशन कार्ड, आवास, स्कूलों में प्रवेश, आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना, पी0एम0 किसान सम्मान निधि, अप्रेन्टिसशिप ट्रेनिंग स्कीम, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन प्रमुख योजनाएं हैं। सरकार का प्रयास है कि इन परिवारों को ऐसी आर्थिक गतिविधियों के साथ जोड़ा जाए, जिससे प्रतिवर्ष कम से कम 1.25 लाख रुपये की अतिरिक्त आमदनी हो सके। वर्ष 2025-26 के बजट में जीरो पॉवर्टी अभियान के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
प्रदेश सरकार पहले भी अन्त्योदय से सर्वोदय की नीति का अनुपालन करते हुए वनटांगिया, थारू, मुसहर, चेरो, कोल, भील, सहरिया समुदाय को मुख्य धारा से जोड़ चुकी है। आजादी के बाद पहली बार इनके गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा मिला। इन्हें आवास, शौचालय, बिजली, पानी सहित विकास की हर योजना का लाभ मिला।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार ने वृद्ध एवं अशक्त व्यक्तियों के लिए आवासीय गृह संचालित करने हेतु स्वैच्छिक संस्थाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 60 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित की है। अनुसूचित जाति के लिए पूर्वदशम्, दशमोत्तर स्कॉलरशिप योजना अनवरत चल रही है। वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए पिछली सरकार में 1,200 करोड़ रुपये की धनराशि ही छात्रवृत्ति में दी जाती थी, जबकि प्रदेश सरकार ने पिछडे़ वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पूर्वदशम् एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के लिए 2,825 करोड़ रुपये जारी किये हैं। बजट में सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पूर्वदशम् एवं दशमोत्तर स्काॅलरशिप योजनान्तर्गत 900 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आस्था भी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ का कारण बन सकती है, अयोध्या, काशी और प्रयागराज महाकुम्भ ने यह सिद्ध करके दिखाया है। प्रदेश में वर्ष 2016 में केवल 21 करोड़ पर्यटक आये थे, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 65 करोड़ हो गई है। अकेले प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में 45 दिन में 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु आए थे। अयोध्या में पर्यटन सुविधाओं हेतु 150 करोड़ रुपये, मथुरा हेतु 100 करोड़ रुपये, बांके बिहारी जी मंदिर मथुरा-वृन्दावन में कॉरिडोर के लिए 150 करोड़ रुपये, मीरजापुर में माँ विन्ध्यवासिनी धाम के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। नैमिषारण्य हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है, जिसमें 100 करोड़ रुपये पर्यटन विकास तथा 100 करोड़ रुपये वेद विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु प्रस्तावित हैं। चित्रकूट के विकास के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नगरों के विकास के लिए कुछ नयी योजनाओं को आगे बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक स्मार्ट सिटी वाला राज्य है, जिसमें 10 स्मार्ट सिटी केन्द्र सरकार की मदद से व 07 स्मार्ट सिटी राज्य सरकार अपने स्तर से विकसित कर रही है। प्रदेश के 17 नगर निगमों व नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के साथ-साथ सेफ सिटी के रूप में डेवलप करने का कार्य किया जा रहा है। 11 लाख से अधिक सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए गए हैं और आई0टी0एम0एस0 की भी व्यवस्था की गयी है। इससे एक जगह पर बैठकर सुरक्षा, टैªफिक मैनेजमेण्ट व स्वच्छता के कार्यों की माॅनीटरिंग की जाती है।
राज्य सरकार ने इस बार जिला मुख्यालयों के नगर निकायों को उसी तर्ज पर विकसित करने के लिए एक नई योजना शुरू करने जा रही है, ताकि हर जनपद में विकास पहुंचे। इसके अन्तर्गत प्रथम चरण में हर जनपद के जिला मुख्यालय के नगर निकाय को शामिल किया जाएगा। इसके बाद अन्य नगर निकायों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। प्रयागराज के इन्फ्रास्ट्रक्चर की तर्ज पर कानपुर, मेरठ, मथुरा-वृन्दावन के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा। इसके लिए बजट में प्राविधान किया गया है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लगभग 17 लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं। इस बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 1,732 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है। शहरों को बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्त करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रीजनल रैपिड ट्रॉजिट सिस्टम दिल्ली से गाजियाबाद तक संचालित है। इसका कार्य जून, 2025 तक पूरा हो जाएगा। अमृत योजना 2.0 के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र में पेयजल के लिए 4,100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आस-पास के क्षेत्र को सम्मिलित करते हुये स्टेट कैपिटल रीजन गठित किया गया है। मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर ग्राम पंचायत में 05 से 10 लोगों के लिए रोजगार सृजन हो सकता है। यदि हम गांव को इकाई मानकर कार्य करेंगे तो गांव आत्मनिर्भर होगा। गांव आत्मनिर्भर होगा, तो जनपद आत्मनिर्भर होगा। जनपद आत्मनिर्भर होगा तो प्रदेश व देश आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा। प्रदेश सरकार द्वारा हर ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय निर्मित कराए गए हैं। ग्राम सचिवालय का यह माॅडल पूरे देश में सर्कुलेट हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने इस माॅडल की सराहना की है। हर ग्राम पंचायत में सामाजिक व मांगलिक कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए उत्सव भवन बनंे, इसके लिए 60 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार देगी। गांव का कोई निवासी अपने पूर्वजों की स्मृति में उत्सव भवन को निर्मित कराना चाहता है, तो 40 प्रतिशत योगदान वह दे तथा शेष धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। जहां कोई भी योगदान नहीं करेगा, वहां इन उत्सव भवनों का निर्माण राज्य सरकार स्वयं कराएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 36 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कराया जा चुका है। इस योजना हेतु लगभग 4,882 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री आवास योजना के लिए भी 1,200 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है। ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 454 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। ग्रामीण अन्त्येष्टि स्थलों के विकास के लिए लगभग 244 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपन जिम के निर्माण हेतु 125 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत 85 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत निर्मित सड़कों के अनुरक्षण कार्य के लिए 1,088 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत 250 से अधिक आबादी के मजरों को जोड़ा जाएगा। सभी होमगार्ड्स, पी0आर0डी0 जवान, ग्राम चैकीदार, शिक्षामित्र, बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक एवं अनुबन्धित अन्य कार्मिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इच्छाशक्ति हो, तो परिणाम दिए जा सकते हैं। अब तक 181 मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले के माध्यम से 13.29 करोड़ से अधिक रोगी लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड देने वाला राज्य है। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से विगत 08 वर्ष में लगभग 60 हजार से अधिक जरूरतमंदों को 1,215 करोड़ रुपये की धनराशि बिना भेदभाव उपलब्ध कराई गई। जिस भी सदस्य ने पत्र लिखा, बिना किसी सिफारिश के जरूरतमंद को आर्थिक मदद दिलाई गई।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज सभी 75 जनपदों में डायलिसिस, एम0आर0आई0 व सी0टी0 स्कैन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 44 मेडिकल काॅलेज राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं और 36 निजी क्षेत्र के हैं। राज्य सरकार ने बलिया व बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज के लिए इस बजट में धनराशि का प्रावधान किया है। वर्तमान में एम0बी0बी0एस0 की 11,800 व पी0जी0 की 3,971 सीटें हैं। सरकार ने वर्ष 2025-26 में यू0जी0 और पी0जी0 में अतिरिक्त सीट जोड़ने की घोषणा की है। इसके लिए बजट में 2,066 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। श्री जय प्रकाश नारायण जी के गांव को पहली बार बस सेवा से जोड़ने का कार्य प्रदेश सरकार ने किया है। बिना किसी औपचारिकता के सरकारी पैसे को लूट की छूट नहीं दी जानी चाहिए। श्री जय प्रकाश नारायण जी के नाम पर होटल नहीं, कन्वेंशन सेंटर बनना चाहिए। लोककल्याण के कार्य होने चाहिए। वह महापुरुष थे, उन्होंने लोकतंत्र को बचाया था। उनके नेतृत्व में लड़ाई लड़ी गई थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले माफिया दौड़ाता था, पुलिस भागती थी, माफिया को पुलिस सैल्यूट करती थी, लेकिन अब कानून-व्यवस्था के मामले में प्रदेश ने अपना परसेप्शन बदला है। आज देश और दुनिया के लोग प्रदेशवासियों को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। जिस प्रदेश में कभी कोई व्यवसायी निवेश के लिए नहीं आता था, आज वह प्रदेश देश का सबसे बड़ा निवेश प्रदेश बनकर उभरा है। हर एम0ओ0यू0 की माॅनीटरिंग की जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने अंसल ग्रुप के मामले पर चर्चा करते हुए सदन के माध्यम से प्रदेश के होम बायर्स के साथ धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर्स को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अंसल ग्रुप ने एक भी होम बायर के साथ धोखा किया, तो उसकी सारी सम्पत्ति जब्त कर ली जाएगी। होम बायर्स के साथ धोखा करने वाले पर सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अंसल ग्रुप पर एफ0आई0आर0 दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। हमारी सरकार सबको यह गारण्टी देगी कि प्रत्येक बायर्स को उनका पैसा वापस मिल जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एन0सी0आर0बी0 के डाटा के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2024 में डकैती में 84.4 प्रतिशत की कमी आयी है। वर्ष 2016 में डकैती के 263 तथा वर्ष 2022 में 50 मामले आए थे। लूट के मामलों में 77.43 प्रतिशत तथा हत्या के मामलों में 41.01 प्रतिशत की कमी आयी है। बलवा में 66.40 प्रतिशत, गृह भेदन में 5.12 प्रतिशत और फिरौती के लिए अपहरण की घटना में 54.72 प्रतिशत की कमी आयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा एक जनपद एक माफिया की स्थिति उत्पन्न की गयी थी। वह आज समाप्त हुई है। यह सफलता प्रदेश सरकार द्वारा किये गये पुलिस रिफॉर्म से संभव हो पायी है। प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस की सुविधाओं में वृद्धि एवं उनके प्रशिक्षण कार्य को बेहतर किया गया है।
बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत तथा कृषि एवं उससे सम्बद्ध क्षेत्र के लिए 11 प्रतिशत आवंटन किया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में 06 प्रतिशत तथा सामाजिक सुरक्षा के लिए 04 प्रतिशत बजट उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस बजट में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 01 लाख 79 हजार 131 करोड़़ रुपये, शिक्षा क्षेत्र में बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए 01 लाख 06 हजार 360 करोड़़ रुपये का प्राविधान किया गया है। ऊर्जा क्षेत्र में 61 हजार 70 करोड़़ रुपये, सिंचाई क्षेत्र के लिए 21,340 करोड़ रुपये, एम0एस0एम0ई0 एवं अन्य उद्योगों के लिए 24,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बजट में किया गया है। नगर विकास के लिए 25,308 करोड़़ रुपये, आवास एवं शहरी नियोजन के लिए 60,403 करोड़़ रुपये, नागरिक उड्डयन के लिए 3,152 करोड़़ रुपये, चिकित्सा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष के लिए 50,550 करोड़ रुपये का प्राविधान बजट में किया गया है। कृषि एवं उससे जुड़े अन्य क्षेत्रों के लिए 89,353 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश विधान सभा को आई0टी0 से युक्त करने में सफलता प्राप्त की गई है। आज उत्तर प्रदेश की विधान सभा ई-विधानसभा के रूप में देश में जानी जाती है। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर नगरीय क्षेत्र में पुस्तकालयों की व्यवस्था की जाएगी। समाज कल्याण विभाग के द्वारा भारतरत्न बाबा साहेब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर जी के नाम पर छात्रावासों के पुनर्निर्माण और नवनिर्माण को आगे बढ़ाने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछली सरकारों में उपेक्षा के कारण उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक लेबर फोर्स बनकर रह गयी थी। आज उत्तर प्रदेश, देश की इकोनाॅमिक फोर्स बनकर उभरे एवं भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करे, इस दृष्टि से प्रदेश सरकार द्वारा राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनाॅमी बनाने के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। सरकार ने जो कदम आगे बढ़ाए हैं, आज उसका परिणाम हम सभी के सामने हैं। उत्तर प्रदेश में क्षमता पहले भी थी। क्षमता सम्पन्न युवा भी पहले थे। उत्तर प्रदेश के युवा, किसान, महिला या समाज के किसी भी तबके के व्यक्ति के मन में पहले भी आकांक्षा थी। लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति एवं जिस जिजीविषा की आवश्यकता होनी चाहिए थी, उसकी कमी थी। वह विजन नहीं था। जिसके कारण उत्तर प्रदेश नीतिगत जड़ता का शिकार एक बीमारू राज्य हो गया था। उत्तर प्रदेश पहचान के संकट से गुजर रहा था। विकास एवं वेलफेयर की स्कीम गरीब, कमजोर, वंचित को मिले यह प्राथमिकता नहीं थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी माननीय सदस्य इस बजट पर अपना सहयोग प्रदान करें। अगर माननीय सदस्य विरोध करते हैं, तो इसका मतलब है कि जिन गरीबों के लिए इस बजट में स्कीम है और जिन क्षेत्र के विकास से उत्तर प्रदेश को एक नई गति मिलनी है आप उसका विरोध कर रहे हैं। जिन महापुरुषों के नाम पर बजट में स्कीम घोषित की गई है, उनका आप विरोध कर रहे हैं, यह साबित करेगा।
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