उतरौला बलरामपुर जिला व तहसील स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मनमानी व लापरवाही के चलते नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रहे है, कई अल्ट्रा साउंड एंव पैथालांजी सेन्टर। मिली जानकारी के अनुसार बिना किसी लाइसेंस व चिकित्सीय डिग्री प्राप्त किए साधारण लोग मरीजों का अल्ट्रासाउंड व अन्य जांच धड़ल्ले से किया जा रहा है। और अपना निजी अस्पताल एंव ग्राम सभा के ए एन एम एवं आशा बहुओं के माध्यम से मरीजों को ऐसे जगहों पर भेजा जा रहा,जहां उन्हें मोटी रकम मिल सके। उत्तर प्रदेश शासन ने मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा सेवा देने के लिए भले ही कितनी सख्त क्यों न हो लेकिन इसका असर कही भी नहीं दिखाई नही पड़ रहा है। सूत्रों ने बताया हैं कि इन अवैध अल्ट्रासाउंड सेन्टर व पैथालाजी सेन्टर का संचालन बगैर सोनो लाजिस्ट और एल टी के किया जा रहा है,जैसे ही किसी जांच टीम के आने की भनक लगते ही तो तुरन्त अवैध अल्ट्रासाउंड सेन्टर व पैथालाजी सेन्टरो का शटर गिराकर बन्द कर देते है। और इधर-उधर घुमने के लिए चले जाते हैं। आलम यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जमे झोला छाप डॉक्टरों के द्वारा पर्ची बनाकर उन्हीं अल्ट्रासाउंड सेन्टरो पर भेजा जाता है। जहां उन्हें अच्छी कमीशन प्राप्त होता है। बिना अनुभव वह डिग्री के बैठे लड़कों के द्वारा किए गए जांच से जहां संचालकों को अच्छा मुनाफा हो रहा है, वहीं पर मरीजों का भी शोषण हो रहा है। इस सम्बन्ध में समुदाय स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डाक्टर चन्द्र प्रकाश सिंह से पूछने पर बताया कि समय समय पर टीम गठित कर छापे मारी की जाती है। अवैध रूप से संचालित पैथालॉजी सेन्टर पाए जाने पर उनके ऊपर सख्त कार्रवाई करके उनसे जुर्बाना भी वसूल की जाती है।
हिन्दी संवाद न्यूज़ से
असगर अली की रिपोर्ट
उतरौला बलरामपुर।
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