राजकुमार गुप्ता/
मथुरा।जन सामान्य को सूचित किया जाता है कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत अब विवाह के 1 महीने के अंदर दोनों पक्षों को विवाह में मिले उपहार की सूची जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी को सौंपनी होगी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी जनपद में जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी भी होता है। महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश ने दहेज उत्पीड़न की रोकथाम के लिए कुछ ठोस कदम उठाए हैं जैसे कि अब सभी मैरिज हॉल, बैंक्विट हॉल में इनका मोबाइल नंबर भी अंकित किया जाएगा। दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 की धारा 10 में उल्लेख है कि- 

’’विवाह के पक्षकारों या माता-पिता में से कोई या उनमें से किसी के द्वारा दहेज प्रतिषेध अधिकारीको विवाह के दिनांक से 1 महीने के भीतर दहेज प्रतिषेध(वर वधू भेंट सूची) नियम 1985 के अनुसार तैयार की गयी उपहारों की सूची प्रस्तुत की जायेगी।’’
दहेज एक सामाजिक बुराई है जिसके कारण समाज में महिलाओं के प्रति अकल्पनीय यातनाएँ और अपराध उत्पन्न हुए हैं तथा भारतीय वैवाहिक व्यवस्था दूषित हुई है। दहेज शादी के समय दुल्हन के ससुराल वालों को लड़की के परिवार द्वारा नकद या वस्तु के रूम में किया जाने वाला भुगतान है। दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए देश में दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 बना है।
अब से इस कानून का सख्ती से अनुपालन होगा और जिले में होने वाले सभी विवाह जो पंजीकृत हो या अपंजीकृत, उनके दोनों पक्षों को सूची बनाकर, दोनों पक्षों के हस्ताक्षर के बाद यह सूची जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी के कार्यालय कक्ष संख्या-43, कलेक्ट्रेट मथुरा में प्रस्तुत की जाएगी। साथ ही जल्द ही सभी विवाह स्थल और गेस्ट हाउस के बाहर इसका बोर्ड स्थापित कराया जाएगा जिसमें दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की आवश्यक जानकारी होगी और साथ में जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी का नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर 7518024066 भी अंकित होगा। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति, सगा संबंधी या सामाजिक संस्था लिखित रूप से दहेज संबंधित शिकायत दे सकता है।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने