जौनपुर। यू.पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन

चुनौतियों को दरकिनार कर सिंह गर्जना की तरह चलती रहेगी कलम- प्रो. डाo आर.एन. त्रिपाठी

हिन्दी पत्रकारिता कल भी समृद्ध थी आज भी समृद्ध है और आगे भी समृद्ध रहेगी प्रौ डाo मनोज मिश्र

जौनपुर। यू.पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन सम्बद्ध (आई. एफ. डब्लू. जे.)के तत्वावधान मे कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन/सामुदायिक सभागार मे 30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर "हिंदी पत्रकारिता की वर्तमान चुनौतियां, विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लोक सेवा आयोग के सदस्य और बी. एच. यू.के प्रोफेसर डां आर.एन. त्रिपाठी मौजूद रहे।

विशिष्ट अतिथि के रूप मे पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो डॉ मनोज मिश्र मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुटीर महाविद्यालय चक्के के पूर्व प्राचार्य प्रो डा रमेश मणि त्रिपाठी ने किया। इसके पूर्व अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष रमेश मणि त्रिपाठी मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर. एन. त्रिपाठी. और विशिष्ट अतिथि डॉक्टर मनोज मिश्रा को अंगवस्त्रम और प्रतीक चिन्ह संस्था की ओर से प्रदान करके सम्मानित किया गया।
हिंदी पत्रकारिता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि पत्रकारों की कलम सिंह गर्जना की तरह चलती रहेगी तो कोई भी चुनौती सामने नहीं टिकेगी। 

चुनौतियों का तापमान संवेदनशील पत्रकारिता का मुकाबला नहीं कर सकता। संवेदनशील लेखनी ही हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है उन्होंने कहा कि जेहन में शीघ्र समाने वाले शब्द ही समाज में स्वीकार्य है। गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे पत्रकारों ने स्वाधीनता आंदोलन में अपना अमिट योगदान दिया और समाज में अपने युग धर्म और अपनी जीवंतता साबित किया, भारत की आत्मा हिंदी में बसती है। यह ध्रुव सत्य है। विशिष्ट अतिथि प्रो डॉक्टर मनोज मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी की लड़ाई में बलिदान देने वालों में अधिकांश पत्रकार थे उन्होंने अपनी सार्थकता और जीवंतता साबित किया। हिंदी पत्रकारिता के समक्ष पहले भी चुनौती थी और आज भी चुनौती हैं और आगे भी रहेंगी इससे घबराना नहीं है। हम पहले भी समृद्ध थे आज भी हैं आगे भी रहेंगे हिंदी पत्रकारिता का कोई विकल्प नहीं है।
              
कार्यक्रम अध्यक्ष पूर्व प्राचार्य प्रो डां रमेश मणि त्रिपाठी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि लगभग 200 साल बाद भी देश के पहले समाचार पत्र उदंत मार्तंड और पंडित जुगुल किशोर शुक्ला की चर्चा परिचर्चा के साथ 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाना यह साबित करता है कि हिंदी पत्रकारिता के सामने कोई चुनौती नहीं टिकेगी भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में लड़ने से निखार आता है हिंदी पढ़ने वाले पूरी दुनिया मे है।
 निराश होने की आवश्यकता नहीं है। समारोह को यूनियन के उपाध्यक्ष संपादक आदर्श कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि पंडित जुगुल किशोर शुक्ल ने उदंत मार्तंड के माध्यम से जो अलख हिंदी पत्रकारिता की जलाई वह 198 वर्ष बाद भी जाज्वल्यमान है। चुनौतियां ही आगे बढ़ाने में प्रेरणा देती हैं यही हमारा संबल है।
                
 कार्यक्रम को डॉक्टर यशवंत गुप्ता, प्रमोद कुमार पांडेय, ए.के. सिंह चंद्रमणि पांडेय, आदि ने संबोधित किया। यू.पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के महामंत्री संतोष कुमार सोंथालिया ने अतिथियों पत्रकारों और संस्था के सदस्यों, पदाधिकारीओ के प्रति आभार व्यक्त किया। संचालन यूनियन के अध्यक्ष विजय प्रकाश मिश्र ने किया उन्होंने अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर प्रेम प्रकाश मिश्र, संगठन मन्त्री रामचन्द्र नागर, सचिन श्रीवास्तव, मनीष कुमार गुप्ता, संजय शुक्ला, अरुण कुमार तिवारी, विजय नारायण पाठक, आनंद मिश्र,कमला प्रसाद सिंह, लालबहादुर यादव, राहुल पाठक, नितीश दुबे, बरसाती लाल कश्यप, सुधीर कुमार सिंह, रविंद्र कुमार मिश्रा, चंद्रप्रकाश तिवारी, आरिफ अंसारी, कंचन सिंह, गंगा प्रसाद चौबे, प्रियेश कुमार मिश्र, बिहारी लाल यादव,डॉ प्रमोद सैनी, संतोष कुमार चतुर्वेदी, संजय चौरसिया, अजीत सिंह, अमरेश कुमार पांडेय, मजहर आसिफ, विकास कुमार पांडेय, चन्द्रमणि, मंगला प्रसाद तिवारी, देवेंद्र खरे,अभिषेक शुक्ला, जुबेर अहमद, जावेद रिजवी, संतोष कुमार राय, मसूद अहमद, संजय शुक्ला, सौरभ श्रीवास्तव, श्रवण कुमार उपाध्याय, संजय उपाध्याय, ओम प्रकाश यादव,विवेक मिश्र वरदान, शिवेश मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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