सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारत-नेपाल सीमा पर 770 करोड़ रूपए की लागत से शीघ्र शुरू होगा तीन साल से रूका हुआ तीन फेज में 83 किमी लंबी सड़क निर्माण का कार्य। 
जिलाधिकारी श्री अरविन्द सिंह ने वन विभाग व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ कई चक्र की बैठकों के उपरान्त समस्त प्रशासनिक, भूमि एवं शासन स्तर से समस्याओं का निदान करते हुए रूके हुए कार्य का मार्ग किया प्रशस्त, दिक्कतें हुई दूर। 
जिलाधिकारी ने विधिक बाधाओं को दूर करते हुए भूमि खरीद के लिए दर निर्धारण का आदेश किया पारित। 
सीमा की सुरक्षा के साथ सोहेलवा वन क्षेत्र की निगरानी में होगी आसानी, वन माफियों पर कसेगी नकेल, थारू जनजाति के विकास को मिलेगी गति, मुख्य धारा से जुड़ेगें थारू जनजाति के लोग। 
डीएम के अथक प्रयासों से भूमि क्रय के लिए 9 करोड़ रूपए हुए स्वीकृत, सर्वे का काम तेजी से करते हुए चल रहा है कार्य। 
एसएसबी की 9वी एवं 50वीं बटालियन की 21 बार्डर आउट पोस्ट को जोड़ेगी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह सड़क, 03 बीओपी का कार्य पहले ही पूरा, 18 पर तेजी से चल रहा काम। 
विफलता की ओर मुंह मोड़ चुकी भारत-नेपाल सीमा की सामरिक सीमा पर सड़क बनने का कार्य जो पिछले तीन साल से रूका हुआ था उसेे पूरा करने के लिए विधिक बाधओं को दूर कराते हुए डीएम ने कई चक्र की बैठकों के बाद सड़क निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है और यह कार्य पूरा कराने के लिए जल्द ही गति पकड़ेगा। जिलाधिकारी अरविन्द सिंह ने पहले से प्रस्तावित 83 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य की समस्त बाधाएं एवं औपचारिकताएं पूर्ण करा ली हैं और सड़क निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू होने जा रहा है। यह सड़क प्रदेश के 07 जिलों पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज सहित 07 जिलों की 594 किमी लम्बाई को जोड़ेगी जिसमें जनपद बलरामपुर में कंचनपुर-गंधेलका तक कुल 83 किमी लम्बी सड़क बनेगी।
   बताते चलें कि सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण भारत-नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े गांवों को 83 किमी अच्छी सड़क मिलने जा रही हैं, जिससे वन क्षेत्रों व सीमा निगरानी सख्त और मजूबत होगी साथ ही थारू जनजाति के लोग मुख्य धारा जुड़ते हुए विकास के भागीदार भी बन सकेगें साथ ही वन माफियाओं पर प्रभावी नकेल कसी की जा सकेगी। गौरतलब है कि इस सड़क के निर्माण का कार्य वन विभाग से एनओसी न मिलने के कारण 7.4 किमी निर्माण के बाद कार्य तीन साल पहले रूक गया था। प्रकरण संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने वन विभाग और अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग बार्डर एरिया के साथ बैठक कर निर्माण कार्य में आने वाली समस्त दिक्कतों को पिछले 05 माह में कई चक्र की बैठकें कीं तथा शासन स्तर पर भी पैरवी करते हुए समस्याओं को दूर कराया और शनिवार 20 अप्रैल को सड़क निर्माण के लिए भूमि खरीद के लिए दर निर्धारण एवं अन्य कार्यवाहियां करने के आदेश पारित कर दिये हैं। जिलाधिकारी के आदेश के क्रम विभागों द्वारा संरेखण का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। 

    जिलाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि इसमें वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में 35.20 किमी, रिजर्व फारेस्ट एरिया में 47.80 किमी शेष गैर वन्य क्षेत्र में सड़क का निर्माण होगा। इससे 452 वर्ग किलोमीटर में फैले सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग के बेशकीमती पेड़ों की निगरानी में आसानी होगी तथा सीमा सुरक्षा के दृष्टिगत सीमरा सुरक्षा बलों को मजबूती मिलेगी।
   गौरतलब है कि इंडो-नेपाल बार्डर सड़क निर्माण परियोजना से केंद्र के गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव मंजूरी दी है। इसमें सशस्त्र सीमा बल 9 वीं व 50वीं वाहिनी की 21 चौकियां जुड़ेंगी। इस सड़क से पहले 7.2 किलोमीटर सड़क का निर्माण सिद्वार्थनगर जिले से बलरामपुर सीमा तक हो चुका है। जिससे तीन एसएसबी की चौकियां जुड़ी हैं। अब 18 चौकियों को भी मार्गों से जोड़ा जाएगा। नए मार्ग के बनने से सड़क की लंबाई 90.3 किलोमीटर हो जाएगी। इंडो नेपाल बार्डर लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड-1 ने निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह सड़क कंचनपुर से गंधेला नाका तक बनेगी। 
  तीन भागों में होगा सड़क का निर्माण कार्य। 
  सड़क का निर्माण तीन चरणों में होगा। पहले भाग में 35.200 किलोमीटर लंबी सड़क पर 329.80 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दूसरे भाग में 354.12 करोड़ रुपये से 37.355 किमी. लंबी सड़क का निर्माण होगा। तीसरे भाग में 10.5 किमी. सहित कुल 83.050 किमी सड़क निर्माण पर 770.24 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 
  जिलाधिकारी के निर्देशन में हो रहा भूमि अधिग्रहण व वन क्षेत्र संरेखण का कार्य। 
        शनिवार 20 अप्रैल 2024 को जिलाधिकारी द्वारा दर निर्धारण का आदेश पारित करने के बाद वन विभाग, पीडब्लूडी और एसएसबी द्वारा भूमि अधिग्रहण व वन क्षेत्र का सर्वे किया जा रहा है। गैर वन भूमि दो गांवों में है। दोनों गांवों में कुल 1.1 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करके किसानों को 75 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने का आदेश डीएम ने अधिकारियों को दिया है। दोनों गांवों क्रमशः पिपरा संडवा में 0.675 हेक्टेयर व परसरामपुर में 0.417 हेक्टेयर भूमि का क्रय किया जाएगा। दोनोें गांवों के 37 किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। 
   जिलाधिकारी ने संयुक्त सर्वे में पेड़ों की भी गिनती शामिल करने के दिये निर्देश। 
   जिलाधिकारी श्री सिंह ने संयुक्त सर्वे टीम को निर्देश दिये थे कि संयुक्त सर्वे में वन क्षेत्र का सर्वे व पेड़ों की गिनती भी शामिल की जाय। संयुक्त निरीक्षण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। 26 किमी. लंबाई में पेड़ों की गिनती पूरी हो चुकी है। सड़क निर्माण कार्य जो तीन साल पहले रूक गया था अब उसे शीघ्र पूरा कराने का शीघ्र शुरू करा दिया जाएगा।

        हिन्दी संवाद न्यूज़ से
        वी. संघर्ष की रिपोर्ट
         9140451846
           बलरामपुर। 
     

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