राजकुमार गुप्ता 
मथुरा। शिक्षा बढी है। लोग जागरूक हुए हैं और डिजिटल भी। चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों को जनता तक अपना संदेश पहुंचाने के अतिरिक्ति माध्यम मिले हैं। हाथों में मोबाइल, कंप्यूटर आ गये हैं। चुनाव आयोग ने पिंक बूथ से लेकर सेल्फी पाइंट तक बनाये, जागरूकता रैली निकाली गईं। कलाकारों से लेकर उद्योगपतियों तक ने वोट डालने की अपील की। 2014 से 2024 तक तीन लोकसभा चुनावों के लिए मतदान हुआ है। कान्हा की नगरी में हर साल मत प्रतिशत गिरता चला गया। जबकि इस बीच चुनाव आयोग ने भी लगातार मत प्रतिशत बढाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। वर्ष 2014 में 64.10 प्रतिशत वोट पढे थे। 2019़ में 61 प्रतिशत मतदान हुआ और 3.10 प्रतिशत कम वोट पडे। 2024 में यह मत प्रतिश में बडी गिरावट आई और यह 50 प्रतिशत से भी नीचे आ गया। यह गिरावट 11.51 प्रतिशत की रही है और मत प्रतिशत में आई यह भारी गिरावट सभी राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। आंकड़े बाज भी आंकड़ों में उलझ गये हैं। मत प्रतिशत इतना कम रहेगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। मथुरा लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान संपन्न हुआ। मतदान के दौरान और इसके बाद सभी प्रत्याशियों ने अपनी जीत के दावे किये हैं। मतदान के बाद सबसे ज्यादा चर्चा कम मतदान को लेकर है। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को मथुरा संसदीय सीट के लिए 49.49 फीसदी मतदान हुआ। मतदान कम होने के पीछे गर्मी और कई गांवों में मतदान बहिष्कार या देरी से शुरू होने की वजह बताई जा रही है। प्रशासन ने मतदान के लिए जनपद भर में 2128 बूथ बनाए थे। 1929549 मतदाताओं में से 28.03 फीसदी पुरुष और 21.44 फीसदी महिला मतदाताओं ने मतदान किया। मतदान समाप्ति के बाद देर रात तक पोलिंग पार्टियों ने कृषि मंडी स्थित स्ट्रांग रूम में ईवीएम जमा करा दी। अब 4 जून को मतगणना के बाद ही तय होगा कि मथुरा से 18 वां सांसद कौन होगा। वर्ष 1786187 जिले में कुल मतदाता थे। जिसमें  962911 पुरुष मतदाता तथा 823276 महिला मतदाता थीं।

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