राजकुमार गुप्ता
मथुरा। ब्रज के बरसाना में लठामार होली का अपना एक अद्भुत महत्व है ही, लेकिन लठामार होली से एक दिन पहले श्रीराधारानी के मंदिर में लड्डू होली का खूब जश्न मनाया जाता है। वैसे तो लड्डू खुशी के मौके पर बांटे जाते हैं, लेकिन बरसाना में लट्ठमार होली से ठीक एक दिन पहले लोगों पर अबीर गुलाल की तरह लड्डू फेंके जाते हैं। फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बरसाना में लड्डू होली का आयोजन होता है। रविवार को श्रीजी महल में। लड्डू होली मनाई जायेगी। नंदगांव से पांडा होली का निमंत्रण देने आता है। शाम को मंदिर में सेवायत गोस्वामियों द्वारा समाज गायन होता है।  बरसाने के लोगों द्वारा उस पांडा का स्वागत बड़े धूमधाम से कुंटलों  लड्डूओं से स्वागत किया जाता है। वहीं नंदगांव का पांडा नाचते गाते लड्डू खाता है। बार बार लड्डूओं से पांडा का स्वागत किया जाता है। जब तक पांडा का पेट नहीं भरता तब तक खूब लड्डू खाता और जब पेट भर जाता है तो लड्डुओं को श्रीजी महल में होली देखने आये देश विदेश से श्रद्धालुओं में खूब लुटाता है।

कल खेली जाएगी लठामार होली
बरसाना की होली की परम्परा अनोखी है। 18 मार्च को नंदगांव (नंद नगरी) से हुरियारे अपनी परम्परागत होली की पोशाक में सज धज कर हाथ में ढाल लिए बरसाने की ओर चलते हैं। नन्दगांव वाले धर्म ध्वजा लेकर बरसाना की तरफ पैदल ही चलते हैं। ध्वजा के पीछे सैकड़ों हुरियारे ग्वाल अपनी मदमस्त चाल से नाचते गाते हुए चलते हैं। और संकेतवट होते हुए बरसाना के प्रिया कुण्ड पर एकत्रित होते हैं। जहां बरसाने वालों ने पहले से ही नंदगांव वालों की खातिर के लिए शीतल जल, बादाम की ठंडाई और मेवाओं में घुटी भांग के साथ समाज द्वारा चौपाई गायनों से स्वागत किया जाता है । आज भी बरसाना नन्दगांव के लोगों के बीच हंसी ठिठौली खुब होती है।

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