वीडियो कॉल से शिक्षकों के निरीक्षण आदेश पर शैक्षिक महासंघ ने जताया विरोध।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने बेसिक शिक्षा मंत्री व प्रमुख सचिव को पत्र भेज आदेश रद्द करने की मांग।



बहराइच, प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के ऑनलाइन निरीक्षण के  आदेश पर शिक्षकों की ओर से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इसे तानाशाही भरा आदेश बताया है, साथ ही बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर आदेश को तुरंत वापस लेने की जोरदार मांग की है।

शुक्रवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री तथा प्रदेश के प्रमुख सचिव व महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र देकर एवं महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मुलाकात करके परिषदीय विद्यालयों का वीडियो कॉल एवं वॉइस कॉल से निरीक्षण किए जाने के आदेश को तत्काल रद्द करने की मांग की।


शिक्षकों की वीडियो कॉल से उपस्थिति के आदेश को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बहराइच के जिलाध्यक्ष आनन्द मोहन मिश्र ने तुगलकी फरमान बताया और कहा कि विभाग द्वारा बिना संसाधन उपलब्ध कराए शिक्षकों से तमाम प्रकार के ऑनलाइन कार्य लिए जा रहे हैं, अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए वीडियो कॉल से निरीक्षण के आदेश शिक्षकों की निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह है।  जिससे जनपद बहराइच सहित प्रदेश के सभी शिक्षको में भारी रोष व्याप्त है।

बिना संसाधन उपलब्ध कराए विभाग आए दिन विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन कार्य दबाव बनाकर करवा रहा है।  शिक्षक से पढ़ाई के अलावा परिवार सर्वेक्षण, यूडायस, और डीबीटी की ऑनलाइन फीडिंग अपने निजी फोन से की जा रही। एक तरफ विभाग के द्वारा सभी बच्चों को सभी विषयों में निपुण बनाने का लक्ष्य दिया गया है और दूसरी तरफ शिक्षकों से तमाम तरह के गैर शैक्षणिक कार्य के लिए जा रहे हैं ऐसे माहौल में जो कि असम्भव है।

महिला शिक्षिकाओं के फोन पर अनजान नम्बर से वीडियो कॉल  रिसीव करने के आदेश पर जिला महामंत्री उमेश चंद्र त्रिपाठी, ने इसे निजता का हनन बताया। और इसके लिए सड़क तक संघर्ष करने की चेतावनी दी। वहीं जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंकज कुमार वर्मा, जिला कोषाध्यक्ष सगीर अंसारी ने गैर शैक्षणिक ऑफ लाइन एवं ऑन लाइन कार्य शिक्षक एवं शिक्षिकाओं से ना लेने और इस पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है।

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