राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।
वृन्दावन।प्रेम गली-बनखंडी क्षेत्र स्थित अन्नपूर्णा देवी मंदिर में ब्रज रक्षार्थ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।जिसमें 84 कोस में फैले ब्रज के प्राचीन स्वरूप व स्थलों को सुरक्षित व संरक्षित करने की केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की गई।कॉन्फ्रेंस में ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. पंकज गुप्ता ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा 20 फरवरी 1987 को ब्रज चौरासी कोस के प्रमुख धर्म केंद्र कामवन (कामा ) और लठऻवन (डीग) को मेवात क्षेत्र की मान्यता दे दी गई और मेवात विकास बोर्ड का निर्माण मुस्लिम तुष्टिकरण एवं क्षेत्र का सांप्रदायिक विभाजन अलवर और भरतपुर जिलों की तुष्टीकरण की राजनीति के अंतर्गत राजस्थान सरकार द्वारा किया गया।  इसमें भरतपुर जिले की 3 एवं अलवर जिले की 7 पंचायत समितियों को मुस्लिम जनसंख्या के आधार पर मेवात क्षेत्र की मान्यता दी गई।
प्रमुख समाजसेवी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि ब्रज चौरासी कोस की रक्षा करना हम सबका धर्म है।ब्रज भूमि के गौरव व मान-सम्मान की हानि कोई भी ब्रजवासी सहन नहीं करेगा।आवश्यकता होगी तो इसके लिए वृहद स्तर पर आंदोलन करने से भी ब्रज भूमि कल्याण परिषद पीछे नहीं हटेगी।हमारा संगठन विगत कई वर्षो से राजस्थान हरियाणा और पूरे देश में मेवात विकास बोर्ड को हटाने के लिए भंग करने के लिए और ब्रज विकास बोर्ड बनाने के लिए संघर्षरत है।
ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा की ब्रज की रक्षा के लिए बृजवासी और कृष्ण भक्त अपना तन-मन-धन सब कुछ न्योछावर कर देंगे।ब्रज के धर्माचार्य और संत समाज में ब्रजभूमि मेवात का तमगा लगाने के कारण अत्यधिक रोष है और आंदोलन की पृष्ठभूमि 30 वर्षों से तैयार हो रही है। उन्होंने बताया कि ब्रज रक्षा के अंतर्गत ब्रज रक्षा सम्मेलन का आयोजन दिनांक 9 अप्रैल 2023 को वृंदावन में आयोजित किया जा रहा है।जिसमें असंख्य ब्रज भक्त व ब्रजवासी भाग लेंगे।
ब्रजभूमि कल्याण परिषद के संस्थापक रामकृष्ण गोस्वामी ने कहा की ब्रजभूमि को मेवात की मान्यता देना ब्रज संस्कृति के विरुद्ध है।इस सांप्रदायिक विभाजन को पाकिस्तान निर्माण और भारत के विभाजन की आधारशिला बनाया गया है।ब्रज क्षेत्र मानवीय सनातन धर्म का प्रमुख केंद्र है।साथ ही भारतीय वैदिक संस्कृति, सनातन धर्म, इतिहास व परंपरा और शासन व्यवस्था की केंद्रीय शिक्षा भूमि है।ब्रज में जन्मे भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में धर्म के विषय में अर्जुन को श्रीमद्भगवदगीता की शिक्षा दी थी।ब्रज की रक्षा ही सनातन धर्म की रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं शांति का आधार है!
इस अवसर पर गीता परिवार के जिलाध्यक्ष अश्वनी जावली (अलवर), पंडित रामनिवास शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, ईश्वरचंद रावत, बाबा कर्मयोगी, कृष्ण कन्हैया पदरेणु, कपिल आनंद चतुर्वेदी, पंडित जोगेंद्र भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।

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