जो विधायक कृष्णानंद के हत्यारे को बचाने के लिए न्यायालय तक गया हो, आज उसे दिख रहा अपराध : स्वाती सिंह

-पूर्व मंत्री ने गिनाए सपा के शासन काल में हुए अपराधों को

-सपा के ट्वीटर हैंडल से भाजपा शासन में हुए अपराधों को किये गये ट्वीट का स्वाती ने दिया जवाब

लखनऊ (Lucknow), 26 फरवरी . जिसकी सरकार खुद के पोषित अपराध के कारण बदनाम हो, जिसके शासनकाल में विधायक कृष्णानंद कीहत्या (Murder) हो गयी हो. इसके बावजूद CBI जांच को न देने के लिए, एक अपराधी को बचाने के लिए उच्चतम न्यायालय तक लड़ा हो. वह भाजपा के शासनकाल में अपराध देख रहा है. यहां अपराधियों पर योगी आदित्यनाथ के सख्त तेवर पूरे देश में चर्चित हैं. ये बातें पूर्व मंत्री व भाजपा नेता स्वाती सिंह ने कही.

वे समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से रविवार (Sunday) को किये गये एक ट्वीट पर बोल रही थीं, जिसमें भाजपा शासनकाल में हुए अपराधों की पेपर कटिंग को दिखाया गया है. उन्होंने कहा कि प्रयागराज (Prayagraj)की घटना भी समाजवादी पार्टी द्वारा पोषित गुंडों की देन है. उनको उनका प्रतिफल देने के लिए तुरंत पुलिस (Police) सक्रिय हो गयी. मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ खुद-खुद पल-पल की खबर लेते रहे. यहां किसी अपराधी को संरक्षण नहीं दिया जाता.

उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की शान विधायक कृष्णानंद राय की गाजीपुर के बसनिया चट्टी पर 29 नवंबर 2005 को जबहत्या (Murder) हुई तो पूरा मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त था. पुलिस (Police) को पहुंचने में भी घंटों लग गये. यही नहीं, जब सभी लोग CBI जांच की मांग कर रहे थे तो तत्कालीन सपा सरकार एक माफिया को बचाने के लिए उच्चतम न्यायालय तक गयी.

स्वाती सिंह ने कहा कि आज भी हमें याद है, उस हाईप्रोफाइलहत्या (Murder) कांड में अत्याधुनिक ए के 47 का इस्तेमाल किया गया था. करीब 500 राउंड फायरिंग में कृष्णानंद राय की शरीर में अकेले 67 गोलियां पाई गईं थी. स्वाती यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा कि यही अखिलेश यादव के शासनकाल में मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) र में दंगा हुआ, जिसमें 62 लोग मारे गये. यदि दंगों की फेहरिस्त देखें तो 2012 में यूपी में कुल 227 दंगे हुए. 2013 में 247. 2014 में 242. 2015 में 219 हुए. दंगों के मामले में यूपी देश में एक नंबर पर था.

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