सूर्य देव को प्रसन्ना करने के उपाय  - जानते हैं सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्राजी से 

सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल 
इंटरनेशनल वास्तु अकडेमी 
सिटी प्रेजिडेंट कोलकाता 
यूट्यूब: वास्तुसुमित्रा 

ग्रहो को हमने देव की संज्ञा दी है। विदेशियों ने सिर्फ इन्हें ग्रहो के रूप में स्वीकारा है। हर ग्रह के कुछ कारकतत्व होते है और वो उन्ही चीजों पर प्रभाव डालते हैं। सूर्य के कारकतत्व - सम्बन्धो में पिता और चाचा। स्वास्थ में - औषधी, वैद्य, चिकित्सक,आंखों के रोगों, रक्त संचार,हड्डियों, पेट, शक्ति, कार्य छेत्र में -  ऊन, लकड़ी या इमारती लकड़ी, पूजा स्थल, दलाली, नौकरी (छठा भाव), आजीविका (दसवां भाव), साहस, पैतृक सम्पत्ति, सम्माननीय पद, अधिकार, यश-कीर्ति, सरकार, राजसिक,राजनीतिज्ञ,  आत्मा, जंगलों, रेगिस्तान, शक्ति या बल, अग्नियों। 

कैसे जानें की आपको सूर्य अनिस्ट फल दे रहा है 
अनिष्टकारी स्थिति में सूर्य अगर शनि, राहु, केतु, मंगल आदि से पीड़ित होने पर भावानुसार हड्डियों, हृदय, नेत्र, संतान जन्म, दाम्पत्य सुख, पितृ स्वास्थ्य, नौकरी/व्यवसाय आदि को प्रभावित करता है। 


सूर्य देव को प्रसन्ना करने के उपाय -

शास्त्रों में देवताओ को प्रसन्ना करने के लिए मंत्र, मणि और औषधि के बारे में कहा गया है। मंत्र जाप के विषय में एक बात स्पस्ट है की हर देवता की जप संख्या अलग है तो जप हमेशा बताये गयी संख्या में करने से ही लाभ मिलता है।  सूर्य की जाप संख्या ७००० है। 
कभी भी जाप करने बैठे तो प्रारम्भ करने से पहले संक्षिप्त सूर्य पूजा करनी होती है। इस पूजा का तात्पर्य सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिये एक विशिष्ट विधि अपनाना होता है। इसमें भावों के साथ विविध उपचारों का समर्पण करना होता है और फिर जप करना होता है। सर्वप्रथम गेहूं से भरे ताम्बे के बर्तन पर लाल कपड़ा बिछाकर सूर्यदेव की ताम्र धातु से बनी मूर्ति, या सूर्यग्रह का चित्र स्थापित करें। सूर्यमूर्ति या सूर्यचित्र पर लाल चन्दन का टीका लगाएं। जप से पूर्व व्यक्ति को नहा धोकर स्वच्छ कपड़े पहनकर देवस्थान की साफ-सफाई करना, पवित्रीकरण करना, आसन ग्रहण करना, अघ्य देना, धूप-दीप जलाना, गन्ध-पुष्प-नैवेद्य-फल प्रस्तुत करना आदि कार्य करने होते हैं। इसके पश्चात सूर्य ग्रह के इस "ॐ घृणि सूर्याय नमः " मंत्र को जप संख्या ७००० बार करें। केसर, लाल वस्त्र, तांबा दान करे किसी अधेड़ व्यक्ति को रविवार के दिन गाय को गेंहू और गुड़ खिलाना, पिताजी की सेवा करना, सूर्य नमस्कार करना, सूर्य को अर्घ्य देना, चिड़ियों-कौवों को लाल रंग की खाने वाली वस्तुएँ खिलाना।

कौन सा रत्न धारण करें-

पीड़ित व निर्बल सूर्य की स्थिति में जातक को स्वर्ण धातु की अँगूठी में माणिक्य जड़वाकर रविवार की प्रथम होरा में पहनना आवश्यक होता है। 

अचूक उपाय 
जिनका भी सूर्य कमजोर है उन्हें निरंतर मन में श्री विष्णुदेव का ध्यान करना चाहिए।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने