𝐅𝐞𝐥𝐢𝐜𝐢𝐭𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐚𝐰𝐚𝐫𝐝 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡

देवभूमि के सपूत अनिरुद्ध को चंडीगढ में राजकीय सम्मान

देवभूमि के सपूत देहरादून के बालावाला (विधान सभा डोईवाला) निवासी ,भारत के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान पीजीआई चंडीगढ में फिजीयोथेरेपी के छात्र  एवं स्टूडेंट असोसिएशन ऑफ फिजीकल थैरेपी( एसएपीटी इंडिया) के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिरुद्ध उनियाल जी को पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी व केंद्र शासित प्रदेश  चंडीगढ मे आयोजित 
 आजादी के 75वें अमृत  महोत्सव के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर नगर निगम चंडीगढ द्वारा  चंडीगढ की प्रथम नागरिक, माननीय मेयर श्रीमती सरबजीत कौर ढिललो ,आईएस अन्नदिता मित्रा, नगर आयुक्त ,श्री दिलीप शर्मा जी, वरिष्ठ उप महापौर एवं श्री अनूप गुप्ता जी , उप महापौर चंडीगढ,द्वारा उनके उत्कृष्ट सामाजिक योगदान के लिए "चंडीगढ स्टेट अवार्ड - राजकीय सम्मान" से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मेयर मैडम ने अनिरुद्ध उनियाल द्वारा  चलाए गए कई राष्ट्रव्यापी  कैंपेन जैसे की रक्त दान के लिए जीवन रेखा कैंपेन, मिशन चिरंजीवी भारत , राष्ट्रव्यापी निशुल्क फिजीयोथेरेपी परामर्श कैंप व अन्य कई उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की व कहा कि अनिरुद्ध जैसे युवा राष्ट्र के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं और वह राष्ट्र व सिटी ब्यूटीफुल का गौरव हैं। अनिरुद्ध उनियाल वर्तमान में कई  अन्य  सामाजिक मुद्दे जैसे कि फिट इंडिया हिट इंडिया कैंपेन ,महिला सशक्तिकरण व  स्वच्छता  ,दिव्यांगों का संवर्धन, दैवीय कार्य अंगदान, नशा मुक्ति अभियान ,युवाओ को राष्ट्रवाद के प्रति जागरूक करना व राष्ट्र निर्माण के कार्यों में संलग्न करने जैसे कई अन्य सामाजिक कार्यों  में अनिरुद्ध अग्रिम भूमिका निभा रहे हैं। इस मोके पर अनिरुद्ध उनियाल ने माननीय मेयर व नगर आयुक्त जी और चंडीगढ नगर निगम प्रशासन का धन्यवाद व्यक्त किया व अपना यह अवार्ड देश के स्वतंत्रता संग्राम के सैनानियों , भारत के  वीर  अमर  शहीद जवानों  ,हमारे देश के कोरोना वीरों और देश के महान पदक विजेताओं को समर्पित किया। इस मौके पर अनिरुद्ध ने अपने माता पिता ,गुरूजन,भगवान बद्री केदार, परिवार जनों ,एसएपीटी इंडिया के साथीगण व सभी शुभचिंतको के आशीर्वाद व मार्गदर्शन के लिए ह्रदय से धन्यवाद व्यक्त किया और अनिरुद्ध उनियाल ने कहा  कि आज भारत की आजादी के इस ऐतिहासिक दिवस पर संकल्प लेते हें कि वह सदैव भारतमाता को परम वैभव प्राप्त हो और भारत पुनः विश्व गुरू के गौरवान्वित पद पर स्थापित हो इस कार्य के लिए अपना जीवन समर्पित करेंगे।

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