उतरौला(बलरामपुर) तहसीलदार उतरौला प्रवेश कुमार व न्यायालय के दो पेशकार के स्थानांतरण की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री कार्यालय उतरौला में बैनामा कार्य को सोमवार से ठप करा दिया।
 वहीं अपनी मांगों को लेकर अधिवक्ताओं ने शनिवार से न्यायालयों पर तालाबंदी कर तहसीलदार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। अधिवक्ताओं ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर न्यायालय पर न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया।
अधिवक्ता संघ उतरौला अध्यक्ष प्रहलाद यादव ने बताया कि तहसीलदार उतरौला प्रवेश कुमार का कार्य व्यवहार अधिवक्ताओं के साथ ठीक नहीं था। तमाम पत्रावलियां पर कई वर्षों से विधि के अनुसार आदेश पारित नहीं करते थे। इसके पूर्व अधिवक्ताओं ने तहसीलदार उतरौला के खिलाफ आंदोलन किया था। उसमें एसडीएम उतरौला संतोष कुमार ओझा के हस्तक्षेप पर अधिवक्ताओं ने अपना आन्दोलन वापस ले लिया था। एसडीएम उतरौला व तहसीलदार उतरौला ने अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया था कि न्यायालय पर नियमानुसार न्यायिक कार्य होगा। उसके कुछ दिन बाद तहसीलदार उतरौला ने एक पत्रावली पर मनमाना आदेश पारित कर दिया। इसकी भनक लगते ही अधिवक्ता आक्रोशित होकर शनिवार को न्यायलयों पर तालाबंदी कर आन्दोलन शुरू कर दिया है। अधिवक्ता संघ उतरौला ने आम सभा की बैठक में निर्णय लिया कि जब तक तहसीलदार उतरौला व दोनों पेशकार का स्थानांतरण नहीं हो जाता है तब तक अधिवक्ताओं का आन्दोलन जारी रहेगा। उसके साथ सोमवार से अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री कार्यालय उतरौला में जमीन का बैनामा कार्य ठप करा दिया। 
जमीन का बैनामा कार्य ठप होने से सरकार को लाखों रुपए प्रतिदिन का नुक़सान हो रहा है।  सब रजिस्ट्रार उतरौला नागेन्द्र सिंह ने बताया कि सोमवार को कोई व्यक्ति जमीन का बैनामा कराने नहीं आया है।
असग़र अली
उतरौला

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