लेखिका ज्योत्स्ना श्रीवास्तव को मिला सारस्वत सम्मान

        गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
अयोध्या। नगर की स्वतंत्र लेखिका ज्योत्स्ना श्रीवास्तव को उत्कृष्ट लेखन व संपादन के लिए राजधानी लखनऊ में शैक्षिक साहित्य संपादन सम्मान से अलंकृत किया गया। मुख्य अतिथि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के पूर्व निदेशक महेंद्र सिंह ने उन्हें प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, उत्तरीय एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। मौका था राजधानी राजधानी लखनऊ स्थित राज्य संसाधन केंद्र, साक्षरता निकेतन के विवेकानंद सभागार में आयोजित पुस्तक लोकार्पण एवं शैक्षिक साहित्य सृजन से जुड़े रचनाधर्मियों के लोकार्चन समारोह का। यह सारस्वत समारोह इमेज प्रकाशन समूह और ग्रीन चौपाल के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली के प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ.बी.के.जौहरी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात शिक्षा साहित्य  विशेषज्ञ लायक राम ’मानव’ ने की। कार्यक्रम में शिक्षाविद् डॉ. रमेश चंद्र सक्सेना की पुस्तक ’राधाकृष्णन का मूल्य-दर्शन’ का लोकार्पण मुख्य अतिथि के कर-कमलों से हुआ। इस गरिमामयी भव्य समारोह में नगर की लेखिका ज्योत्स्ना श्रीवास्तव सहित प्रदेश भर से चयनित शिक्षा साहित्य सृजन में संलग्न अट्ठारह विभूतियों को सम्मानित किया गया। शैक्षिक साहित्य संपादन सम्मान उन्हें तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि लेखिका श्रीमती श्रीवास्तव लंबे अरसे से स्वतंत्र लेखन में संलग्न है। इनकी रचनाएं देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। विगत कई वर्षों से शैक्षिक साहित्य के संपादन दायित्त्व का निर्वहन कर रही हैं। लेखिका श्रीमती श्रीवास्तव की एक पुस्तक ’सात बेटों की मां’ राज्य संसाधन केंद्र, उत्तर प्रदेश से प्रकाशित व पुरस्कृत हो चुकी है। डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय से जनसंचार एवं पत्रकारिता में परास्नातक ज्योत्स्ना श्रीवास्तव को शैक्षिक साहित्य संपादन सम्मान मिलने पर प्रमुख नगरवासियों ने बधाई देते हुए हर्ष व्यक्त किया है।

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