जफराबाद (जौनपुर) : वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग के मड़ैया गांव में अधूरे निर्माण ने चार बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया। बूढ़ी मां भी बेसहारा हो गई। बच्चों के करुण-क्रंदन से गांव का माहौल गमगीन हो गया है।

हाईवे पर जफराबाद-इलाहाबाद रेलखंड के ऊपर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पिछले कई महीनों से बहुत धीमी गति से चल रहा है। कार्य अधूरा होने की वजह से हाईवे पार करके दूसरे छोर पर खेतों में व अन्य कार्य के लिए जाने में ग्रामीणों को बहुत दिक्कत होती है। शाम को सात बजे अपने खेत में सरसों की बोआई करने के बाद ट्रैक्टर से धर्मेंद्र उर्फ महेश चौहान व उनकी पत्नी सरिता घर लौट रही थी।

अधूरे निर्माण की वजह से हाईवे पार करते समय ट्रैक्टर उसमें लगे रोटावेटर के भार से बेकाबू होकर गड्ढे में पलट गया। उसके नीचे दब जाने से दंपती की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे का पता चलते ही परिवार पर वज्रपात सा हो गया। महेश के तीन बेटियों 18 वर्षीय खुशबू, 14 वर्षीय माया व दस वर्ष की खुशी की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

छह माह का एकमात्र पुत्र तो इस बात से भी अंजान है कि उसके सिर से माता-पिता का साया छिन गया है। बूढ़ी मां विद्या देवी बहू-बेटे के गम में रो-रोकर बेहाल हैं। संवेदना जताने के लिए घर पहुंचने वालों का रोते बच्चों को देखकर कलेजा फट जा रहा है। मृत महेश चार भाइयों में दूसरे नंबर पर था। बड़े भाई बृजेश चौहान, छोटे भाई जितेंद्र व सिकंदर रोजी-रोटी के सिलसिले में सपरिवार मुंबई रहते हैं।

महेश भी मुंबई में भाइयों के साथ रोल्ड गोल्ड ज्वेलरी का बिजनेस करता था। 15 दिनों पहले ही वह घर आया था। चैत्र नवरात्र में महेश के पिता पन्नालाल का देहांत हो गया था। मां के साथ महेश का परिवार घर पर रहता था।

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