जौनपुर : जनपद के किसानों को सुदूर केंद्रों पर धान बेचने के लिए जाना पड़ेगा। वजह, अनियमितता के कारण तीन एजेंसियों पर शासन से खरीद करने पर रोक लगा दी गई है। जिन छह एजेंसियों को अनुमति मिली भी वह केंद्रों का प्रस्ताव देने में हीला-हवाली कर रही हैं। क्रय नीति जारी होने के बाद जनपद में जहां तैयारी तेज हो गई है वहीं अभी तक सिर्फ 69 केंद्रों की सूची का निर्धारण हो पाया है। जिम्मेदार इस खामी से बेखबर हैं।

यहां नौ एजेंसियां धान की खरीद करती थीं। किसानों की सुविधा के लिए 137 केंद्र पिछले साल बनाया गया था। सरकार ने खरीद में पारदर्शिता व समय से भुगतान के लिए तीन एजेंसियों नैफेड, यूपीएग्रो व एनसीसीएफ को केंद्र न बनाने का आदेश दिया है। वहीं दूसरी तरफ मंडी समिति, यूपी पीसीयू, यूपी एसएस ने अभी तक केंद्रों का प्रस्ताव ही नहीं दिया है। पीसीएफ ने भी सिर्फ 48 केंद्रों की सूची दी है, जबकि पिछले साल इस एजेंसी के 66 केंद्र थे। केंद्रों की संख्या कम होने के कारण किसानों को उत्पाद बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक नवंबर से धान की खरीद शुरू होगी। क्रय नीति जारी होने के बाद विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए इस बार भी आनलाइन पंजीकृत किसानों से ही धान खरीद करने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को अपना धान बेचने से पहले विभाग के पोर्टल पर अपना आनलाइन पंजीकरण कराना है। पंजीकरण का काम किसान किसी भी जन सुविधा केंद्र या साइबर कैफे से करा सकते हैं।

----------------------- समर्थन मूल्य 72 रुपये बढ़ने से उत्साहित हैं किसान

किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रदेश सरकार सराहनीय पहल कर रही है। इसी क्रम में धान का समर्थन मूल्य 72 रुपये प्रति क्विटल बढ़ा दिया गया है। सामान्य धान 1940 और ग्रेड-ए धान 1960 रुपये प्रति क्विटल खरीदा जाएगा। समर्थन मूल्य बढ़ने से अन्नदाता उत्साहित हैं। परिणाम है कि अब तक 1200 से अधिक किसानों ने उत्पाद बेचने के लिए पंजीकरण करा लिया है।

------------------------ प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और खरीद में पारदर्शिता के लिए किसानों का पंजीकरण आवश्यक कर दिया है। भुगतान भी सीधे उनके खाते में भेजा जाएगा। पंजीकरण कराने वाले किसानों का सत्यापन किया जा रहा है। पंजीकरण करने में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर किसान टोल फ्री नंबर, उनसे संपर्क कर सकते हैं। एजेंसियों को केंद्रों का प्रस्ताव भेजने के लिए दो बार पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक सूची नहीं सौंपी है।

- एनके पाठक, उपसंभागीय विपणन अधिकारी।

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