++++डॉक्टर ए०के०श्रीवास्तव, अयोध्या ब्यूरो चीफ+++
*इश्क में हत्या की आशंका, बाजार में चर्चा गर्म।* 

*अयोध्या।*- तारुन थाना क्षेत्र के नेतवारी चतुरपुर में सप्ताह भर पहले दरवाजा कारोबारी अमित वर्मा की हाईटेंशन बिजली के तारों के नीचे महिला रिश्तेदार की छत पर संदिग्ध अवस्था मे पड़ी मिली लाश के गुत्थी की महिला द्वारा बताई गयी कहानी किसी के गले नही उतर रही है। 
जिससे अभी तक अमित के मौत की कहानी का राज उसी महिला के आसपास मंडरा रहा है।जिसे पुलिस के सूत्र अभी तक आशनाई से जोड़कर देख रहे हैं। इस पूरे प्रकरण में अमित की मौत का राज मृतक की दुकान से लेकर महिला रिश्तेदार के मकन तक जुड़ा हुआ दफन है।अमित के साथ हुई पूरी घटना बड़े ही शातिराना अंदाज में मनो बैज्ञानिक तरीके से अंजाम देती दिखाई दे रही है। चूंकि छत पर एकाएक हुई धम धमाहट की आवाज से लगता है कि महिला के छत पर एक साथ कई लोग चढे थे और सारा खेल छत पर किया जाना प्रतीत होता है।चर्चा है कि उस दिन अमित के अपने साथी के साथ फैजाबाद जाते समय किसी लड़की ने अमित के मोबाइल फोन पर काल किया था।जिससे शंका जाहिर होती है कि महिला सहित उसकी बेटियो के मोबाइल में हत्त्या का राज छुपा हुआ  है। अगर इन मोबाइलों की जांच पुलिस ने की तो इसमें चौकाने वाले राज खुल सकते है। लोग आशंका जता रहे हैं कि कही अमित को प्रेम प्रसंग की आड़ में ठिकाने लगाने के लिए घर मे बुलाकर घटना को अंजाम तो नही दिया गया। घटना वाली रात अगल बगल मकानों में कही कुछ लोग रुके तो नही थे या महिला के मकान में रुके थे।वारदात के बाद सबसे पहले कौन पहुँचा था।पुलिस इसका भी पता लगाने को तीसरी आंख से नजर गड़ाये हुये है।जिससे पुलिस के संदेह के घेरे में कई लोग चल रहे हैं और कई करीबी लोग महिला और उसकी बेटियो को बचाने में पूरी एडी चोटी का जोर लगाकर इधर उधर गणेश परिक्रमा भी कर रहे हैं। मामले में सौदा होने से इंकार नहीं किया जा सकता हैं। जिससे पूरा मामला बेपर्दा न हो।घटना के बाद से समुद्र मंथन चलने की आशंका जताई गई हैं और उसमें निकल रहा अमृत का लाभ किसे मिल रहा है।यह एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है और मामला भी दबा हुआ है।इलाकाई पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने से अभी हाथ खड़ा कर रही है।उधर मृतक के परिजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट अपने हाथों में लेने का दावा कर अमित के सिर में लगी गहरी चोटो से अमित की मौत होना बता रहे हैं। मृतक के पिता हरिगेद की शिकायत पर अभी प्रकरण में मुकदमा न दर्ज होना घटना के संदेह के दायरे में आये लोगो को कानूनी लाभ पहुचाने का षड्यंत्र माना जा रहा है और इलाकाई पुलिस चुप भी हैं।इस पूरी कहानी में मृतक की महिला रिश्तेदार व अमित के दोस्तो पर घटना से जुड़े होने से इंकार नही किया जा सकता हैं। बिजली विभाग के जेई ने पहले ही अमित की मौत बिजली के हाईटेंशन तारो से होने से इंकार किया है और उन्होंने अनधिकृत रूप से बिना बिभाग की इजाजत के हाईटेशन बिजली तारो के नीचे मकान बनाने का दोषी मानकर उसके खिलाफ शिकायती पत्र इलाकाई पुलिस को देने की कोशिश की पर पुलिस ने उसे लेने से इंकार कर दिया। घटना में देर सबेर चाहे जो भी हो लेकिन घटना के गुनाहगारो का जेल की सलाखो के पीछे जानाा लगभग तय माना जा रहा है। थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हें अभी मृतक की पोस्मार्टम रिपोर्ट नही मिली है पर पूरे मामले पर पुलिस की जांच जारी है।

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