अंबेडकर नगर जिले मे थाना हंसवर थानाध्यक्ष द्वारा कलम पर ब्रेक लगाने का प्रयास ।
हंसवर थाना अध्यक्ष प्रदीप सिंह का मामला आए दिन सुर्खियों में रहता है ।अभी पत्रकार आनंद कुमार वर्मा को फर्जी केस में फंसाने का मामला ठंडा ही नहीं हुआ था की पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष मोहम्मद रिजवान को पुलिस ने घंटो थाने में बैठा कर जबरन समझौता कराने का कार्य किया है मोहम्मद रिजवान ने बताया कि जो भी खबरें हमारे द्वारा सत्यता से लिखी जाती उससे घबराए थानाध्यक्ष हमेशा मेरे ऊपर दबाव बनाने का प्रयास करते हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है थाना अध्यक्ष के ऊपर उच्च अधिकारी का यदि हाथ है तो चाहे चौथा स्तंभ मिट जाए या मानवता तार-तार हो जाए लेकिन कौन हटा सकता है इनको, आज का मामला है पुलिस ने जबरन धमकाकर समझौता करने पर अध्यक्ष को मजबूर किया है। यहां तक कि जो भी साथी उनसे मिलने के लिए गए उनको यस आई राम सागर चौधरी द्वारा रोक दिया जाता है और सत्यता जानने में बाधा पहुंचाई जाती है आखिर कब तक यह चलेगा हंसवर थाना अध्यक्ष अपनी मनमानी से थाना कब तक चलाएंगे उच्च अधिकारी इस मामले को संज्ञान में क्यों नहीं ले रहे हैं ।क्या कारण है महोदय बताने का कष्ट जरूर करें जनता जहां आपसे न्याय की आस लेकर आपका दरवाजा खटखटा आती है वहीं यदि समाज के आईने को ही आप ध्वस्त करने में लगे हैं। तो आम जनमानस का क्या हाल होगा अध्यक्ष ने यह भी बताया थानाध्यक्ष द्वारा समझौता ना मानने पर फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की भी दिया गया। बताना चाहते हैं कि मामला हंसवर थाना अंतर्गत ग्राम सभा जैनुद्दीन पुर का है जहां पर मोहम्मद रिजवान पत्रकार का अपने ही गांव में जमीन विवाद है और लेखपाल ने निशानदेही करके जमीन को रिजवान का बताया, रिजवान किसी कार्य हेतु जमीन पर गये इतने में विपक्षी 112 नम्बर को फोन कर बुला लेते हैं वहां पर कुछ नहीं हुआ पर रिजवान किसी काम हेतु जा रहे थे इतने में 112 नम्बर पुलिस ने थाना अध्यक्ष का बहाना बनाकर थाने में बुला लेते हैं जबकि थानाध्यक्ष थाने पर थे ही नहीं, जब इसकी सूचना कुछ पत्रकारों को हुई आकर अपने मित्र पत्रकार से मिलना चाहा तो एस आई राम सागर चौधरी ने मिलने नही दिया और थाने में अकेले जबरदस्ती समझौता कराकर कर छोडा़, जबकि इसकी सूचना फोन पर सभी सबंधित अधिकारी को दे दी गई है , 112 गाड़ी का नम्बर है 1673 है इस प्रकार के मामले यदि थाना थाना अध्यक्ष के प्रभारी रहते हुए हो रहे हैं तो इसका जिम्मेदार कौन है आखिर चौथे स्तंभ को सम्मान कब मिलेगा इनके साथ पुलिस सही रवैया से कब पेश आएगी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं क्या मोदी और योगी द्वारा दिए गए वादे झूठे हैं यह सब जाने वाली बात जरूर है।

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