बीबीएयू में "राष्ट्र प्रथम" के समर्थन में साइबर जागरूकता कार्यशाला, डीजी संजय तराडे बोले - समाधान तकनीक से ही संभव


लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल के मार्गदर्शन में "राष्ट्र प्रथम" अभियान के अंतर्गत साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन सूचना प्रॉद्योगिकी विभाग एवं एस ओ सी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त डीजी डॉ. संजय एम. तराडे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी से जो समस्या आती है, उसका समाधान भी टेक्नोलॉजी से ही होगा, दरोगा से नहीं। दरोगा केवल मुकदमा लिखेगा, लेकिन समाधान हमें तकनीकी तरीके से ही खोजना होगा।


डॉ. तराडे ने कहा कि आज की दुनिया में सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से पासवर्ड हैक हो रहे हैं, लेकिन सिस्टम के अंदर घुसकर कोई पासवर्ड नहीं टूटा है, इसका मतलब खतरा हमारी लापरवाही से है। उन्होंने युवाओं को सजग रहते हुए ऐसी तकनीक विकसित करने का आह्वान किया जो समाज और राष्ट्र दोनों के लिए उपयोगी हो।


कार्यक्रम में संकायाध्यक्ष प्रो. एम. पी. सिंह ने साइबर खतरों और उससे जुड़ी सावधानियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में साइबर सुरक्षा को लेकर सजग रहना चाहिए। 

विभागाध्यक्ष कैप्टन डॉ. राज श्री ने बताया कि डिजिटल युग में साइबर अपराधों से बचाव हेतु जन-जागरूकता आवश्यक है।


कार्यक्रम का संचालन विधि विभाग की प्रो. सूफिया अहमद ने किया, जबकि अतिथियों का परिचय डॉ. अमित कुमार सिंह ने दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में स्पाइडरवेला प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर व डायरेक्टर आकाश श्रीवास्तव और अनुभव विक्रम सिंह ने साइबर सुरक्षा की तकनीकी बारीकियों को साझा करते हुए बताया कि साइबर सुरक्षा केवल तकनीक नहीं, बल्कि एक समग्र जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया का हिस्सा है जो लोगों, डेटा और सिस्टम को साइबर हमलों से बचाती है।इस अवसर पर प्रो. आर. ए. खान, डॉ. धीरेन्द्र पाण्डेय, डॉ. पवन कुमार चौरसिया, डॉ. अलका, डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक वर्मा, काजल समेत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने