*आज नंदा देवी परिसर में नमामि गंगे के तहत वेद, पुराणों और नदी सभ्यता पर हुई विशेष चर्चा* 

*योग विज्ञान विभाग सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के शिक्षकों ने की वेद ,पुराण, नदियों और योग पर की चर्चा*


*राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान नंदा देवी मंदिर परिसर अल्मोड़ा से आज से कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ*

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेशभर में योग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष नमामि गंगे कार्यक्रम ने एक नई पहल करते हुए योग शिविरों के साथ-साथ आसपास स्थित मंदिरों और मठों में वेद, पुराणों और नदी सभ्यता पर विशेष चर्चा की जा रही है। इन संवादों में वेदों, पुराणों में वर्णित नदियों के महत्व, गंगा नदी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भूमिका पर चर्चा की जा रही है। इसी क्रम में आज नंदा देवी मंदिर परिसर अल्मोड़ा नमामि गंगे वेद पुराण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का प्रारंभ है दीप प्रजनन के साथ मंदिर परिसर की पुजारी पंडित तारा चंद जोशी, सीताराम बाबा ,लल्लन कुमार सिंह, ने संयुक्त रूप से मिल कर किया , तत्पश्चात पंडित ताराचंद जोशी बाबा सीताराम बाबा जी को अंग वस्त्र भेंट की, अपनी संबोधन में पंडित ताराचंद जोशी ने बताया वेद हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं ऋग्वेद ,यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, में बताया गया है हम किस प्रकार अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं योग शिक्षक लल्लन कुमार सिंह ने ऋग्वेद में हमारी राष्ट्रीय नदियों का वर्णन मिलता है जिसमें गंगा, यमुना ,सरस्वती, व सिंधु नदी की चर्चा की गई है, 
योग शिक्षक रजनीश जोशी ने बताया किस प्रकार योग हमें वेद पुराणों उपनिषदों की ओर ले जाता है 
उन्होंने बताया ऋग्वेद का प्रसिद्ध मंत्र संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्" ऋग्वेद - 10.191.2 हमें साथ चलो साथ बोलो एक जैसे विचारों से संयुक्त हो जाओ की प्रेरणा देता है यह मंत्र राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यंत उपयोगी है 
योग शिक्षक डॉक्टर गिरीश अधिकारी ने बताया ऋग्वेद की दसवें मॉडल में माता भूमिः पुत्रोऽहम पृथिव्याः" की बात कही गई अर्थात् यहां पृथ्वी मेरी माता है और मैं इसका पुत्र हूं यह मंत्र हमें पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति कर्तव्य का बोध साथी हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने की प्रेरणा देता है 
योग में शोधरत स्कॉलर श्री रोबिन हिमानी ने आयुर्वेद और योग के समन्वय को वर्तमान जीवनशैली में अत्यंत आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय ज्ञान आज भी प्रासंगिक है और इसे अपनाकर हम स्वस्थ एवं संतुलित जीवन जी सकते हैं।
कार्यक्रम का आयोजन योग विज्ञान विभाग सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन भट्ट की संरक्षण में चल रहा है , जिसमें डॉक्टर भट्ट का लक्ष्य है 21 जून तक उत्तराखंड के अनेक मठ मंदिरों में वेद पुराण व योग पर चर्चा हो व आम जनमानस को इसका लाभ मिल सके 
नंदा देवी मंदिर परिसर के अध्यक्ष मनोज वर्मा जी ने कार्यक्रम किस रहना करते हुए बताया कि ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर होने चाहिए जिससे हमारा राष्ट्र सनातन की ओर अग्रसर हो सके 
वही मंदिर समिति के सदस्य अर्जुन बिष्ट ने बताया वेद पुराणों व योग की जो चर्चा आज इस कार्यक्रम में हुई , इससे कार्यक्रम में आने वाले आम जनमानस को बहुत लाभ मिलेगा वह अपने संस्कार, अपनी प्रकृति, अपनी राष्ट्र की रक्षा के लिए अग्रसर होगा यह वेद हमें मिलाकर चलने, मिलकर बोलने,सभी को ज्ञानी होने की प्रेरणा देते हैं, कार्यक्रम का संचालन रजनीश जोशी जी ने किया साथ ही अंत में कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन कर दिया गया कार्यक्रम में अल्मोड़ा की जनता जनार्दन उपस्थित जिन्होंने इस कार्यक्रम में बढ़ चढकर हिस्सा लेकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई
नमामि गंगे का यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सनातन मूल्यों, योग, पर्यावरण और भारतीय संस्कृति का संगम है — जो आज के दौर में भारत को अपनी पहचान की ओर फिर से अग्रसर कर रहा है। कार्यक्रम में आम जनमानस कविता खनी अंजलि किरन, किरन बिष्ट, शालिनी बिष्ट, गीतांजलि सिजवाली, यशिका जोशी, अनंत बिष्ट, भावना उपाध्याय, मोहिता पंथ, अकिंत बिष्ट, गीताश्री तिवारी, मोहित खनी,अंजलि देवताला, कमलेश पाठक, सुंदर बोरा, पूजा बिष्ट, दीक्षा कांडपाल, आदित्य गूरानी, जानकी ऐरी, पूजा बोरा, अनुराधा धामी, संगीता खनी , अजय सिंह सिराडी, काजल कांडपाल, निशा बिष्ट, नेहा आर्य, भावनाबिष्ट , मीना, काजल गोस्वामी, बेबी शुक्ला, महक वर्मा, नीतू पंकज राठौर, साक्षी भारद्वाज गीतांजलि सतवाल, हरदीप सिंह , योगेश पाल, नीतिका तिवारी, पूजा सैनी, तनुजा पंथ, ललिता , दीपाली, आदि उपस्थित रहे

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