मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग के कार्यां की समीक्षा की
ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम बनाने के निर्देश
ग्राम पंचायतों की आत्मनिर्भरता प्रदेश के सतत विकास का आधार बनेगी : मुख्यमंत्री
नीति आयोग ने ग्राम सचिवालय की अवधारणा
को एक मॉडल के रूप में स्वीकार किया
ग्राम सहायकों को 15 दिवसीय कम्प्यूटर प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाए
गांवों में तालाबों के पट्टे आवंटित करने की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से
सम्पन्न की जाए, तालाबों को 03 से 05 वर्षों के लिए पट्टे पर दिया जाए,
इससे प्राप्त राजस्व का उपयोग सम्बन्धित गांव के विकास में किया जाए
प्रदेश के 90,891 ग्राम ओ0डी0एफ0 प्लस घोषित
उ0प्र0 सरकार स्मार्ट विलेज की अवधारणा को प्राथमिकता दे रही
अमृत सरोवरों के रखरखाव, वृक्षारोपण और सार्वजनिक कार्यक्रमों के
आयोजन में ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश
लखनऊ : 15 मई, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में पंचायतीराज विभाग के कार्यां की समीक्षा की। उन्होंने ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों की आत्मनिर्भरता प्रदेश के सतत विकास का आधार बनेगी। इसके लिए ग्राम स्तर पर कार्यरत सभी व्यवस्थाओं को सशक्त, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना आवश्यक है। राज्य सरकार इसी दिशा में मिशन मोड में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नीति आयोग ने ग्राम सचिवालय की अवधारणा को एक मॉडल के रूप में स्वीकार किया है। अतः प्रदेश के सभी पंचायत भवनों को अब ग्राम सचिवालय के नाम से सम्बोधित किया जाए। यह पंचायतीराज व्यवस्था को नई पहचान देने वाला परिवर्तन है। ग्राम पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की 57,695 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना हो चुकी है, जो लोकतंत्र की अवधारणा को धरातल पर साकार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम सचिवालयों में स्थापित कम्प्यूटरों के माध्यम से ‘पंचायत गेटवे पोर्टल’ से जुड़ी समस्त धनराशियों का भुगतान हो। इससे पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होगा।
मुख्यमंत्री जी ने राज्यस्तरीय कॉल सेण्टर, ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली, 10-सीटर कॉल सेण्टर की स्थापना, ग्राम सचिवालय की जियोफेंसिंग और इन्टरनेट कॉलिंग जैसी डिजिटल पहलों की सराहना करते हुए निर्देश दिए कि ग्राम सहायकों को 15 दिवसीय कम्प्यूटर प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाए। साथ ही, ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के कार्यों की निगरानी के लिए इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का अधिकतम उपयोग हो।
मुख्यमंत्री जी ने अमृत सरोवरों के रखरखाव, वृक्षारोपण और सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन में ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज का पानी अमृत सरोवर या अन्य तालाबों में न पहुंचे। इसके लिए गांव के बाहर उचित निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
गांवों में तालाबों के पट्टे आवंटित करने की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से सम्पन्न की जाए और तालाबों को 03 से 05 वर्षों के लिए पट्टे पर दिया जाए। इससे प्राप्त राजस्व का उपयोग सम्बन्धित गांव के विकास में किया जाए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि तालाब आवंटन, रखरखाव और उनके उपयोग के लिए पंचायतीराज विभाग, राजस्व विभाग और मत्स्य विभाग द्वारा समन्वित कार्य योजना एक निश्चित समय में तैयार की जाए। तालाब केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि ग्राम्य संस्कृति के वाहक हैं। उनकी डिसिल्टिंग समय से कर ली जाए। ग्राम सचिवालय, आंगनबाड़ी केन्द्रों व प्राथमिक विद्यालयों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो।
मुख्यमंत्री जी ने ग्रामीण स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए कहा कि सामुदायिक शौचालयों की नियमित साफ-सफाई और देखरेख सुनिश्चित हो तथा सम्बन्धित कर्मचारियों को समय पर मानदेय दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 96,171 राजस्व ग्रामों में से 90,891 ग्राम ओ0डी0एफ0 प्लस घोषित हो चुके हैं। शेष ग्रामों को शीघ्रता से इस स्थिति में लाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक के पूर्ण प्रतिबन्ध को प्रभावी ढंग से लागू करने तथा प्लास्टिक प्रबंधन इकाइयों के समयबद्ध निर्माण के निर्देश दिए। इस सम्बन्ध में अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि 150 प्रस्तावित इकाइयों में से 89 इकाइयां पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 33 निर्माणाधीन हैं, जिन्हें समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने गोबरधन योजना की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि 75 में से 73 जनपदों में 115 गोबरधन प्लाण्ट बनकर तैयार हो चुके हैं। शेष 02 जनपदों में 02 इकाइयां निर्माणाधीन हैं, जिन्हें शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार स्मार्ट विलेज की अवधारणा को प्राथमिकता दे रही है। इसके अन्तर्गत ग्राम सचिवालय, कॉमन सर्विस सेंटर, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें, उत्सव भवन, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, सी0सी0टी0वी0 कैमरे और सोलर स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे ग्रामीणजन की ‘ईज ऑफ लिविंग’ में व्यापक सुधार आया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ने का एक अवसर प्रदान कर रही है। इस योजना के माध्यम से लोग विकास कार्यों में कुछ धनराशि व्यय कर प्रदेश के विकास में सहभागी बन रहे हैं। इस क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि अन्त्येष्टि स्थल उपयुक्त स्थल पर बनाएं जाएं।
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